गिरिडीह: गिरिडीह लोकसभा सीट पर इस बार चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय मोड़ में दिख रही है. गिरिडीह लोकसभा सीट झारखंड की एकमात्र सीट है जो एनडीए ने बीजेपी की सहयोगी आजसू पार्टी को दी है.
इस सीट पर आजसू के टिकट पर चंद्रप्रकाश चौधरी, झामूमो की ओर से मथुरा महतो और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जयराम महतो चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में यह सीट जीतना एनडीए के लिए प्रतिष्ठा का विषय है. इस साख को बरकरार रखने के लिए बीजेपी और आजसू के नेता और कार्यकर्ता जगह-जगह बैठकें, नुक्कड़ सभाएं और जनसभाएं कर रहे हैं. हालांकि चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के कामों की ही चर्चा हो रही है, ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि पीएम मोदी के नाम पर ही लोगों से वोट करने की अपील की जा रही है.
झामुमो जिलाध्यक्ष ने पीएम मोदी को बताया हवा-हवाई
गिरिडीह लोकसभा सीट से आजसू पार्टी के उम्मीदवार चंद्रप्रकाश चौधरी के समर्थन में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने लोगों से मतदान करने के लिए अपील की. इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत, समृद्ध भारत और देश को विश्व गुरु बनाने के लिए लोग नरेंद्र मोदी को समर्थन कर रहे हैं. पीएम के नेतृत्व में पूरे देश के अंदर काम हुआ है. गिरिडीह में भी एनडीए प्रत्याशी की जीत तय है. वहीं, आजसू जिलाध्यक्ष गुड्डडू यादव का कहना है कि पीएम मोदी की लहर साफ देखने को मिल रही है. हम घर-घर जाकर लोगों को पीएम मोदी का निमंत्रण पत्र दे रहे हैं और इस दौरान लोगों ने पीएम मोदी पर समर्थन करने का भरोसा जताया है.
वहीं, गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र के इंडिया गठबंधन प्रत्याशी मथुरा महतो के लिए झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने एक जनसंपर्क अभियान किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जनता किस आधार पर मोदी के नाम पर वोट दें. इन दस साल में नरेंद्र मोदी ने लोगों के लिए क्या किया. जब से भाजपा की सरकार आई है तब से महंगाई बढ़ गई, बेरोजगारी बढ़ गई और इतना ही नहीं डॉलर के मुकाबले रुपए का अवमूल्यन हुआ. उन्होंने मोदी का नाम हवा-हवाई बताया है. गिरिडीह की जनता बीजेपी की स्थिति से भलीभांति परिचित है और इसलिए यहां के वर्तमान सांसद से लोग नाराज हैं. जब यहां के सांसद ने कोई काम नहीं किया तो वे मोदी का ही नाम जपेंगे.
चुनावी मैदान में अलग-अलग पार्टी उम्मीदवार लेकिन जाति एक
बता दें कि बिहार से झारखंड अलग होने के बाद हुए आम चुनाव में गिरिडीह लोकसभा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा सिर्फ एक बार ही साल 2004 में जीत दर्ज की थी. 2004 में झामुमो प्रत्याशी टेकलाल महतो ने जीत हासिल की थी, लेकिन साल 2009 के चुनाव में भाजपा पार्टी से उम्मीदवार रविन्द्र कुमार पाण्डेय ने टेकलाल को हरा दिया. वहीं, साल 2014 में बीजेपी प्रत्याशी रविन्द्र कुमार पाण्डेय ने जगरनाथ महतो को हराया था. जबकि 2019 में एनडीए के सहयोगी दल आजसू पार्टी ने चंद्रप्रकाश चौधरी को उम्मीदवार बनाया और झामुमो के जगरनाथ महतो को मात देकर जीत हासिल की थी. बीते वर्ष जगरनाथ महतो का निधन हो गया.
झामुमो ने इस बार सीपी के सामने मथुरा महतो को उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा है. इस बार गिरिडीह में लोकसभा चुनावी मुकाबला त्रिकोणाीय मोड़ में दिख रही है. जहां आजसू के टिकट से चंद्रप्रकाश चौधरी हैं तो वहीं दूसरी तरफ झामूमो की ओर से मथुरा महतो को मैदान में उतारा गया है. इन सबों के बीच किसी ने जोरदार प्रचार किया है तो वह जयराम महतो हैं, जिससे यह सीट अब त्रिकोणात्मक में बंट चुकी है और सबसे बड़ी बात है कि इस बार के तीनों उम्मीदवार कुर्मी जाति के हैं. जहां तीनों अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.
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