ETV Bharat / state

रुपौली में त्रिकोणीय टक्कर: कौन है बाहुबली शंकर सिंह जिसने JDU और RJD की बढ़ाई मुश्किलें - Rupauli Assembly by election

Shankar Singh रुपौली विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हो रहा है. उपचुनाव में जेडीयू ने कलाधर मंडल को और राजद ने बीमा भारती को उम्मीदवार बनाया है. पूर्व विधायक बाहुबली शंकर सिंह ने इस चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है. शंकर सिंह लोजपा (आर) में थे, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोक दी है. शंकर सिंह की उपस्थिति ने दोनों ही गठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. शंकर सिंह की बाहुबली बनने की कहानी और उनके चुनावी मैदान में उतरने से क्षेत्र में पैदा हुए समीकरणों पर एक नजर डालते हैं.

author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 7, 2024, 9:25 PM IST

शंकर सिंह.
शंकर सिंह. (ETV Bharat)
रुपौली विधानसभा उपचुनाव. (ETV Bharat)

पटनाः पूर्णिया जिला बाहुबलियों की सियासत के लिए जाना जाता है. रुपौली विधानसभा क्षेत्र की राजद उम्मीदवार बीमा भारती के पति अवधेश मंडल बाहुबली हैं. दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. कहा जाता है कि बीमा भारती, जो अबतक रुपौली विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनती रहीं हैं, उसमें अवधेश मंडल का बाहुबल निर्णायक भूमिका निभाता रहा है. वहीं, इसी सीट से बाहुबली शंकर सिंह निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं. शंकर सिंह और अवधेश मंडल के बीच पुरानी अदावत है.

"एक बार फिर पूर्णिया में बाहुबलियों के बीच लड़ाई देखने को मिलेगी. बीमा भारती को जहां अपनी जाति के वोट के अलावा मुस्लिम, यादव और निषाद वोट की उम्मीद है, वहीं जदयू अति पिछड़ा वोट बैंक पर अपना वाजिब हक मानती है. पार्टी ने तमाम नेताओं को रुपौली में उतार दिया है. जहां तक शंकर सिंह का सवाल है तो शंकर सिंह लड़ाई को त्रिकोणात्मक बनाने की कोशिश कर रहे हैं."- डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

शंकर सिंह.
शंकर सिंह. (फाइल फोटे) (ETV Bharat)

कैसे त्रिकोणीय हुआ मुकाबला: रुपौली विधानसभा उपचुनाव के लिए 10 जुलाई को वोटिंग होनी है. यहां से जदयू ने गंगोता जाति से आने वाले कलाधर मंडल को उम्मीदवार बनाया है. राष्ट्रीय जनता दल की ओर से गंगोता जाति से आने वाली बीमा भारती उम्मीदवार हैं. एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार भी ताल ठोक रहे हैं, जो गंगोता जाति से ही हैं. कुल मिलाकर गंगोता जाति से तीन उम्मीदवार मैदान में हैं. शंकर सिंह, राजपूत जाति से आते हैं. इसलिए भी उनके निर्दलीय पर्चा दाखिल करने से लड़ाई दिलचस्प हो गयी है.

कौन है शंकर सिंहः शंकर सिंह कथित रूप लिबरेशन आर्मी नामक गिरोह चलाता था. बाद में 2005 में शंकर सिंह, लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर विधायक बने. शंकर सिंह की छवि बाहुबली नेता की है. रुपौली इलाके में अगड़ी जाति के बीच उनकी छवि रॉबिन हुड की है. शंकर सिंह और अवधेश मंडल के बीच पुरानी अदावत रही है. अवधेश मंडल, कथित रूप से फैजान गिरोह का सर्वेसर्वा है. दोनों के बीच लंबे अरसे तक खूनी संघर्ष का दौर चला. दर्जनों लोगों की जान गई.

बीमा भारती और पप्पू यादव.
बीमा भारती और पप्पू यादव. (फाइल फोटे) (ETV Bharat)

अवधेश मंडल से पुरानी अदावतः 90 के दशक में फैजान गिरोह और नॉर्थ बिहार लिबरेशन आर्मी के बीच खूनी जंग हुआ करता था. अवधेश मंडल पिछड़ों और अति पिछड़ों की लड़ाई लड़ता था तो शंकर सिंह लिबरेशन आर्मी का नेतृत्व करता था. इनके साथ अगड़ी जाति का समर्थन था. पिछले चुनाव में दिए गए शपथ पत्र के मुताबिक शंकर सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा के तहत 19 मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हैं. शंकर सिंह बाहुबली छवि के नेता माना जाता है. फिलहाल जेल से बाहर है.

निर्दलीय पर्चा क्यों भराः शंकर सिंह को इस चुनाव में जीत का भरोसा है. शंकर सिंह ने कहा है कि जनता के आदेश पर चुनाव लड़ रहे हैं. हमारी जीत होगी. उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने के बाबत बताया कि चिराग पासवान से बात की थी, लेकिन उन्होंने टिकट देने को लेकर असमर्थता जताई. चिराग पासवान ने कहा कि गठबंधन के तहत यह सीट जदयू की है. शंकर सिंह ने कहा कि भविष्य में वह अपनी पार्टी बनाने की तैयारी में भी हैं.

पप्पू यादव ने बीमा को दिया समर्थनः बीमा भारती चुनाव जीतने के लिए पसीना बहा रही है. बीमा भारती ने पप्पू यादव से भी समर्थन मांगा था और पप्पू यादव ने भी बीमा भारती को आशीर्वाद दिया है. बता दें कि कुछ दिन पहले ही संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में बीमा भारती और पप्पू यादव आमने-सामने थे. राजद ने पप्पू यादव के टिकट में अड़ंगा लगाते हुए बीमा भारती को अपना उम्मीदवार बनाया था. इस चुनाव में पप्पू यादव की जीत हुई थी, जबकि बीमा भारती तीसरे नंबर पर रही थी.

चार विधानसभा क्षेत्र में होने हैं उपचुनाव: बिहार के चार विधायक, इस लोकसभा चुनाव में सांसद बन चुके हैं. इनके इस्तीफे के कारण इमामगंज, रामगढ़, तरारी और बेला में उपचुनाव होने हैं. बीमा भारती भी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए जेडीयू से इस्तीफा दिया था. नीतीश कुमार ने जदयू उम्मीदवार कलाधर मंडल के पक्ष में चुनाव प्रचार किया है. भाजपा नेता भी प्रचार कर रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल की ओर से तेजस्वी यादव ने कमान संभाल रखी है. तेजस्वी यादव ने भी चुनाव प्रचार किया है.

इसे भी पढ़ेंः

रुपौली विधानसभा उपचुनाव. (ETV Bharat)

पटनाः पूर्णिया जिला बाहुबलियों की सियासत के लिए जाना जाता है. रुपौली विधानसभा क्षेत्र की राजद उम्मीदवार बीमा भारती के पति अवधेश मंडल बाहुबली हैं. दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. कहा जाता है कि बीमा भारती, जो अबतक रुपौली विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनती रहीं हैं, उसमें अवधेश मंडल का बाहुबल निर्णायक भूमिका निभाता रहा है. वहीं, इसी सीट से बाहुबली शंकर सिंह निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं. शंकर सिंह और अवधेश मंडल के बीच पुरानी अदावत है.

"एक बार फिर पूर्णिया में बाहुबलियों के बीच लड़ाई देखने को मिलेगी. बीमा भारती को जहां अपनी जाति के वोट के अलावा मुस्लिम, यादव और निषाद वोट की उम्मीद है, वहीं जदयू अति पिछड़ा वोट बैंक पर अपना वाजिब हक मानती है. पार्टी ने तमाम नेताओं को रुपौली में उतार दिया है. जहां तक शंकर सिंह का सवाल है तो शंकर सिंह लड़ाई को त्रिकोणात्मक बनाने की कोशिश कर रहे हैं."- डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

शंकर सिंह.
शंकर सिंह. (फाइल फोटे) (ETV Bharat)

कैसे त्रिकोणीय हुआ मुकाबला: रुपौली विधानसभा उपचुनाव के लिए 10 जुलाई को वोटिंग होनी है. यहां से जदयू ने गंगोता जाति से आने वाले कलाधर मंडल को उम्मीदवार बनाया है. राष्ट्रीय जनता दल की ओर से गंगोता जाति से आने वाली बीमा भारती उम्मीदवार हैं. एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार भी ताल ठोक रहे हैं, जो गंगोता जाति से ही हैं. कुल मिलाकर गंगोता जाति से तीन उम्मीदवार मैदान में हैं. शंकर सिंह, राजपूत जाति से आते हैं. इसलिए भी उनके निर्दलीय पर्चा दाखिल करने से लड़ाई दिलचस्प हो गयी है.

कौन है शंकर सिंहः शंकर सिंह कथित रूप लिबरेशन आर्मी नामक गिरोह चलाता था. बाद में 2005 में शंकर सिंह, लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर विधायक बने. शंकर सिंह की छवि बाहुबली नेता की है. रुपौली इलाके में अगड़ी जाति के बीच उनकी छवि रॉबिन हुड की है. शंकर सिंह और अवधेश मंडल के बीच पुरानी अदावत रही है. अवधेश मंडल, कथित रूप से फैजान गिरोह का सर्वेसर्वा है. दोनों के बीच लंबे अरसे तक खूनी संघर्ष का दौर चला. दर्जनों लोगों की जान गई.

बीमा भारती और पप्पू यादव.
बीमा भारती और पप्पू यादव. (फाइल फोटे) (ETV Bharat)

अवधेश मंडल से पुरानी अदावतः 90 के दशक में फैजान गिरोह और नॉर्थ बिहार लिबरेशन आर्मी के बीच खूनी जंग हुआ करता था. अवधेश मंडल पिछड़ों और अति पिछड़ों की लड़ाई लड़ता था तो शंकर सिंह लिबरेशन आर्मी का नेतृत्व करता था. इनके साथ अगड़ी जाति का समर्थन था. पिछले चुनाव में दिए गए शपथ पत्र के मुताबिक शंकर सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा के तहत 19 मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हैं. शंकर सिंह बाहुबली छवि के नेता माना जाता है. फिलहाल जेल से बाहर है.

निर्दलीय पर्चा क्यों भराः शंकर सिंह को इस चुनाव में जीत का भरोसा है. शंकर सिंह ने कहा है कि जनता के आदेश पर चुनाव लड़ रहे हैं. हमारी जीत होगी. उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने के बाबत बताया कि चिराग पासवान से बात की थी, लेकिन उन्होंने टिकट देने को लेकर असमर्थता जताई. चिराग पासवान ने कहा कि गठबंधन के तहत यह सीट जदयू की है. शंकर सिंह ने कहा कि भविष्य में वह अपनी पार्टी बनाने की तैयारी में भी हैं.

पप्पू यादव ने बीमा को दिया समर्थनः बीमा भारती चुनाव जीतने के लिए पसीना बहा रही है. बीमा भारती ने पप्पू यादव से भी समर्थन मांगा था और पप्पू यादव ने भी बीमा भारती को आशीर्वाद दिया है. बता दें कि कुछ दिन पहले ही संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में बीमा भारती और पप्पू यादव आमने-सामने थे. राजद ने पप्पू यादव के टिकट में अड़ंगा लगाते हुए बीमा भारती को अपना उम्मीदवार बनाया था. इस चुनाव में पप्पू यादव की जीत हुई थी, जबकि बीमा भारती तीसरे नंबर पर रही थी.

चार विधानसभा क्षेत्र में होने हैं उपचुनाव: बिहार के चार विधायक, इस लोकसभा चुनाव में सांसद बन चुके हैं. इनके इस्तीफे के कारण इमामगंज, रामगढ़, तरारी और बेला में उपचुनाव होने हैं. बीमा भारती भी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए जेडीयू से इस्तीफा दिया था. नीतीश कुमार ने जदयू उम्मीदवार कलाधर मंडल के पक्ष में चुनाव प्रचार किया है. भाजपा नेता भी प्रचार कर रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल की ओर से तेजस्वी यादव ने कमान संभाल रखी है. तेजस्वी यादव ने भी चुनाव प्रचार किया है.

इसे भी पढ़ेंः

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.