पौड़ी: उत्तराखंड के पौड़ी जिले में इको और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है. इसको लेकर वन विभाग और पर्यटन विभाग की ओर से ट्रेक रूट का निर्माण करवाया जा रहा है. कई ट्रेक रूट अपने अंतिम स्वरूप में हैं. जल्द ही ट्रेक को शुरू कर दिया जाएगा. जिसके बाद यहां पर पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. ऐसे में पौड़ी आने वाले पर्यटक हिमालय की सुंदर श्रृंखलाओं के साथ प्राकृतिक सौंदर्य का दीदार कर सकेंगे.
बेहद खूबसूरत है पौड़ी: बता दें कि पौड़ी अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है. हिमालय की गोद में बसे इस छोटे से नगर को प्रकृति ने अपनी खूबसूरती का अनमोल तोहफा दिया है. यह स्थान न केवल सुकून और शांति की तलाश करने वालों के लिए आदर्श है, बल्कि रोमांच पसंद करने वाले यात्रियों के लिए भी खास है.
पौड़ी से हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है. यहां से त्रिशूल, नंदा देवी, गंगोत्री और चौखंबा जैसी पहाड़ियां के दृश्य मंत्रमुग्ध कर देते हैं. चारों ओर फैले हरे-भरे जंगल, कल-कल बहती नदियां और ठंडी हवाएं यहां के वातावरण को और भी मनमोहक बनाती हैं. खासतौर पर सुबह और शाम के समय जब सूरज की सुनहरी किरणें बर्फ से ढकी चोटियों पर पड़ती हैं, तो वो नजारा अद्वितीय होता है.
पौड़ी में इको और धार्मिक पर्यटन पर जोर: वहीं, अब इस पर्यटन नगरी पौड़ी में इको टूरिज्म और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं. ताकि, देव दर्शन के साथ ही प्रकृति का भी पर्यटक और ट्रेकर्स दीदार कर पाएं. पौड़ी डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि पर्यटन नगरी पौड़ी में इको टूरिज्म और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे पर्यटक देव दर्शन के साथ ही प्रकृति का भी दीदार कर सकेंगे.
इस इको टूरिज्म के तहत पौड़ी में झंडी धार, उल्खागड़ी, रानीगढ़, दीबा देवी जैसे ट्रेकिंग रूट्स को पर्यटन विभाग और वन विभाग की ओर से विकसित किया जा रहा है. इनमें से ज्यादातर ट्रेकिंग रूट्स अपने अंतिम चरण में है. कार्य पूरा होने के बाद ये ट्रेकिंग रूट्स पर्यटकों का मन मोह लेंगे.
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