मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : छत्तीसगढ़ एमपी सीमा पर पेड़ों की अवैध कटाई जोरों पर है.वनविभाग की निष्क्रियता के कारण ईंट भट्टा संचालक मजदूरों की मदद से जमकर पेड़ों की कटाई करवा रहा है.आपको बता दें कि पहले ईंटों को पकाने के लिए कोयला का इस्तेमाल होता था.लेकिन अब कोयला की जगह लकड़ियों ने ले ली है.आपको बता दें कि लगातार पेड़ कटौती के कारण जिले का तापमान 45 डिग्री को पार कर गया है.
सो रहा है वन विभाग : आपको बता दें कि मनेन्द्रगढ़ वन मंडल के अंतर्गत आने वाले कुंवारपुर वन परिक्षेत्र में इन दिनों ईंट पकाने के लिए पेड़ों बलि दी जा रही है. यहां कोयले से नही बल्कि पेड़ों को काटकर उससे ईंट पकाई जा रही है.लेकिन पेड़ों की कटाई को लेकर वनविभाग आंख मूंदे बैठा है.
मसौरा बीट में हो रही पेड़ों की कटाई : कुंवारपुर परिक्षेत्र के मसौरा बीट अंतर्गत क्षेत्रों में जमकर पेड़ों को काटा जा रहा है. वन क्षेत्र में कई दर्जन ईट भट्टे संचालित है. यहां ईंट कोयले से नहीं पकाया जाता है.यहां पेड़ों को काटकर उससे ईंट पकाई जा रही है. ये काम सालों से बिना किसी रोकटोक चल रहा है. अब कुछ दिन बाद मानसून आने वाला है,ऐसे में जंगलों से काटी गई लकड़ियों से ईंट पकाने का काम जोरों पर है.इस बारे में जब ईटीवी भारत ने वनमंडलाधिकारी से बात की तो उन्होंने कार्रवाई की बात कही है.
''हम सभी रेंजरों को सूचित कर देंगे.अगर अवैध रूप से जंगल से लकड़ियां काटकर ईंट भट्टा संचालित किया जा रहा है तो हमारे द्वारा उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी.'' मनीष कश्यप, वनमंडलाधिकारी
पूरा भारत ग्लोबल वार्मिंग का असर झेल रहा है.देश के कई हिस्सों में जंगलों का सफाया हो रहा है.छत्तीसगढ़ भी इससे अछूता नहीं है.मनेंद्रगढ़ की हरियाली को नाश करने में लकड़ी तस्करों समेत ईंट भट्टा संचालकों का भी बड़ा हाथ है.यदि इसे जल्द रोका ना गया तो जंगल की जगह सिर्फ मैदान दिखेगा.