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परिवहन मंत्री के मुख्यालय से बाहर निकलते ही मृतक आश्रितों ने घेरा, आश्वासन मिलने के बाद ही जाने दिया

मंगलवार को परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एल. वेंकटेश्वर लू और परिवहन निगम (Roadways Headquarters Strike) के एमडी मासूम अली सरवर ने धरना दे रहे मृतक आश्रितों से बात की.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 5, 2024, 8:01 PM IST

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने की बातचीत

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम मुख्यालय पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे और बाहर मृतक कर्मचारियों के आश्रित नौकरी की मांग कर रहे थे. जैसे ही परिवहन मंत्री बैठककर बाहर निकले वैसे ही प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मंत्री को घेर लिया. गेट के बाहर ही नहीं निकलने दिया. परिवहन मंत्री उनसे से मिलने को मजबूर हो गए. इसके बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों ने अपना दर्द परिवहन मंत्री के समक्ष बयां किया. मंत्री ने भरोसा दिया कि मार्च के बाद नियुक्ति पर गंभीरता से विचार किया जाएगा. आप लोग बिल्कुल फिक्र न करें. अगर अभी नौकरी चाहिए तो मैं तत्काल दे सकता हूं, लेकिन, यह नौकरी अस्थाई होगी. इस पर जब वह लोग सहमत नहीं हुए तो परिवहन मंत्री ने कहा कि आप मुझ पर विश्वास रखिए मैं मार्च के बाद नौकरी जरूर दिलाऊंगा. ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर के आश्वासन के बाद मृतक आश्रितों ने धरना समाप्त किया और वापस अपने घरों को लौट गए.




पिछले कई वर्षों से परिवहन निगम में मृतक आश्रित नौकरी के लिए भटक रहे हैं. अपना घर छोड़कर नौकरी की मांग लेकर परिवहन निगम मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना देने पहुंचे थे. सोमवार को पूरे दिन उन्होंने 'जहर दो या नौकरी दो' का नारा बुलंद किया. परिवहन निगम के अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिया कि नौकरी मिलेगी, लेकिन उन्हें विश्वास नहीं हुआ. इसके बाद मंगलवार को परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एल. वेंकटेश्वर लू और परिवहन निगम के एमडी मासूम अली सरवर ने धरना दे रहे मृतक आश्रितों से बात की. उन्हें बताया कि मार्च में आय-व्यय का ब्योरा तैयार किया जा रहा है. परिवहन निगम इस वित्तीय वर्ष में अगर लाभ में रहता है तो अगले वित्तीय वर्ष में निश्चित तौर पर मृतक आश्रितों को नौकरी मिलेगी. अभी तक का जो आंकड़ा है, उसके मुताबिक परिवहन निगम लगातार फायदे में ही चल रहा है. मार्च में भी परिवहन निगम को नुकसान नहीं होने वाला है. लिहाजा, यह वित्तीय वर्ष रोडवेज के लिए फायदेमंद साबित होगा, इसलिए अगले वित्तीय वर्ष में मृतक आश्रितों की नौकरी संभव है.



अधिकारियों के आश्वासन के बाद परिवहन विभाग और परिवहन निगम के अधिकारियों के साथ बैठक करने पहुंचे. परिवहन मंत्री जब बैठककर बाहर निकले तो फिर मृतक आश्रितों ने उन्हें घेर लिया. इसके बाद परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने सभी मृतक आश्रितों की गंभीरता से बात सुनी और उन्हें समझाया. आश्वासन दिया कि आप लोग बिल्कुल परेशान न हों. नौकरी हम देंगे और जरूर देंगे. अभी चाहें तो अभी दे सकते हैं, लेकिन यह नौकरी अस्थाई होगी. स्थाई नौकरी के लिए मार्च भर रुक जाइए. अगले माह जरूर नौकरी दिलाने का प्रयास करूंगा. परिवहन मंत्री के इस भरोसे के बाद मृतक आश्रितों ने अपना धरना खत्म कर दिया.

यह भी पढ़ें : रोडवेज मुख्यालय पर गूंजा नौकरी दो या जहर दो का नारा, आश्रित बोले- जब तक नियुक्ति नहीं मिलेगी वे नहीं हटेंगे

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परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने की बातचीत

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम मुख्यालय पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे और बाहर मृतक कर्मचारियों के आश्रित नौकरी की मांग कर रहे थे. जैसे ही परिवहन मंत्री बैठककर बाहर निकले वैसे ही प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मंत्री को घेर लिया. गेट के बाहर ही नहीं निकलने दिया. परिवहन मंत्री उनसे से मिलने को मजबूर हो गए. इसके बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों ने अपना दर्द परिवहन मंत्री के समक्ष बयां किया. मंत्री ने भरोसा दिया कि मार्च के बाद नियुक्ति पर गंभीरता से विचार किया जाएगा. आप लोग बिल्कुल फिक्र न करें. अगर अभी नौकरी चाहिए तो मैं तत्काल दे सकता हूं, लेकिन, यह नौकरी अस्थाई होगी. इस पर जब वह लोग सहमत नहीं हुए तो परिवहन मंत्री ने कहा कि आप मुझ पर विश्वास रखिए मैं मार्च के बाद नौकरी जरूर दिलाऊंगा. ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर के आश्वासन के बाद मृतक आश्रितों ने धरना समाप्त किया और वापस अपने घरों को लौट गए.




पिछले कई वर्षों से परिवहन निगम में मृतक आश्रित नौकरी के लिए भटक रहे हैं. अपना घर छोड़कर नौकरी की मांग लेकर परिवहन निगम मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना देने पहुंचे थे. सोमवार को पूरे दिन उन्होंने 'जहर दो या नौकरी दो' का नारा बुलंद किया. परिवहन निगम के अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिया कि नौकरी मिलेगी, लेकिन उन्हें विश्वास नहीं हुआ. इसके बाद मंगलवार को परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एल. वेंकटेश्वर लू और परिवहन निगम के एमडी मासूम अली सरवर ने धरना दे रहे मृतक आश्रितों से बात की. उन्हें बताया कि मार्च में आय-व्यय का ब्योरा तैयार किया जा रहा है. परिवहन निगम इस वित्तीय वर्ष में अगर लाभ में रहता है तो अगले वित्तीय वर्ष में निश्चित तौर पर मृतक आश्रितों को नौकरी मिलेगी. अभी तक का जो आंकड़ा है, उसके मुताबिक परिवहन निगम लगातार फायदे में ही चल रहा है. मार्च में भी परिवहन निगम को नुकसान नहीं होने वाला है. लिहाजा, यह वित्तीय वर्ष रोडवेज के लिए फायदेमंद साबित होगा, इसलिए अगले वित्तीय वर्ष में मृतक आश्रितों की नौकरी संभव है.



अधिकारियों के आश्वासन के बाद परिवहन विभाग और परिवहन निगम के अधिकारियों के साथ बैठक करने पहुंचे. परिवहन मंत्री जब बैठककर बाहर निकले तो फिर मृतक आश्रितों ने उन्हें घेर लिया. इसके बाद परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने सभी मृतक आश्रितों की गंभीरता से बात सुनी और उन्हें समझाया. आश्वासन दिया कि आप लोग बिल्कुल परेशान न हों. नौकरी हम देंगे और जरूर देंगे. अभी चाहें तो अभी दे सकते हैं, लेकिन यह नौकरी अस्थाई होगी. स्थाई नौकरी के लिए मार्च भर रुक जाइए. अगले माह जरूर नौकरी दिलाने का प्रयास करूंगा. परिवहन मंत्री के इस भरोसे के बाद मृतक आश्रितों ने अपना धरना खत्म कर दिया.

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