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जल्द शुरू होंगे फेयर स्टॉपेज, परिवहन निगम की पॉलिसी लागू करने की तैयारी - transport corporation Policy

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 21, 2024, 3:26 PM IST

Updated : Jun 21, 2024, 5:11 PM IST

यूपी में बस से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है. अब यात्रियों को आगे की यात्रा के लिए बस स्टेशन पर बस पकड़ने के लिए नहीं आना पड़ेगा. उन्हें अपने आसपास ही बस स्टॉपेज मिलेगा. परिवहन निगम इन स्टॉपेज को बनाने की पॉलिसी तैयार कर चुका है.

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UPSTRC BUILT 1400 FAIR STOPS (photo credit- etv bharat)
परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक अजय सिंह ने दी जानकारी (video credit- etv bharat)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 1400 फेयर स्टॉपेज बनाने की पॉलिसी बनकर तैयार हो गई है. अब बस जल्द से जल्द इसे लागू किए जाने की तैयारी हो रही है. प्रदेश भर में जो रिक्वेस्ट स्टॉपेज हैं. उन्हें फेयर स्टॉपेज में बदला जाएगा. इससे फायदा यह होगा, कि यात्रियों को जिस फेयर स्टॉपेज से आगे की यात्रा करनी होगी, उनसे वहीं से किराया वसूला जाएगा. पिछले वाले स्टेशन से किराए की वसूली नहीं होगी. इसका फायदा यह होगा कि यात्रियों की जेब पर किराए का भार कम हो जाएगा.

परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि आचार संहिता लागू होने के चलते फेयर स्टॉपेज शुरू होने पर ब्रेक लग गया था, लेकिन अब आचार संहिता समाप्त हो गई है तो जल्द से जल्द फेयर स्टॉपेज पॉलिसी लागू करने की तैयारी है.

शहर में विभिन्न जगहों पर बनेंगे फेयर स्टॉप: लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में डग्गेमारी पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश भर में 1400 नए फेयर स्टॉपेज बनाने की तैयारी है. लखनऊ में भी 6 से अधिक फेयर स्टॉपेज बनाए जाएंगे. परिवहन निगम इन स्टॉपेज को बनाने की पॉलिसी तैयार कर चुका है. फेयर स्टॉपेज ऐसे स्टॉपेज होंगे, जहां से यात्रियों को आगे की यात्रा के लिए बस स्टेशन पर बस पकड़ने के लिए नहीं आना पड़ेगा. उन्हें अपने ही आसपास बस स्टॉपेज मिलेगा जहां से वे अपनी मंजिल के लिए बस पकड़ सकेंगे. इसका फायदा यह होगा, कि यात्रियों को बस पकड़ने के लिए बस स्टेशन आने का पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा. साथ ही उनके समय की भी बचत होगी. फेयर स्टॉपेज से आगे की यात्रा के लिए ही यात्री को किराए का भुगतान करना होगा. अभी तक प्रदेश भर में जहां भी प्रार्थना स्टॉपेज बनाए गए हैं, उन्हें भी फेयर बस स्टॉपेज में बदल दिया जाएगा.

प्रार्थना स्टॉपेज का क्या है मतलब: प्रार्थना स्टॉपेज ऐसे स्टॉपेज को कहा जाता है, जो किसी की रिक्वेस्ट पर यात्रियों की सुविधा के लिए बनाए जाते हैं. यहां पर बसें रोककर यात्री बिठाए जाते हैं. इससे यात्रियों को बस पकड़ने के लिए बस स्टेशन जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. हालांकि, इस सुविधा के एवज में परिवहन निगम यात्रियों से बस का किराया बस स्टेशन से ही वसूल करता है.

फेयर स्टॉपेज की परिभाषा: फेयर स्टॉपेज ऐसे बस स्टॉपेज हैं, जहां पर यात्रियों को परिवहन निगम बस पकड़ने की सुविधा तो देगा, लेकिन इसके एवज में बस स्टेशन से दूरी का किराया नहीं वसूलेगा. फेयर स्टॉप से ही यात्री को आगे की दूरी का किराया अदा करना होगा. इससे यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी. कम पैसे में ही यात्री अपना सफर पूरा कर सकेंगे. उन्हें स्टेशन से फेयर स्टॉप तक किराया नहीं देना होगा.


परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा है, कि मुख्यालयों और बड़े शहरों के अंदर दो स्टॉप के बीच की दूरी तीन किलोमीटर से दूर रखी जा सकती है. लेकिन, यह पांच किमी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा, कि बसों के स्टाप के सम्बंध में ग्राम्य सेवाएं, शटल स्थानीय सेवाएं, सीमित स्टॉप सेवाएं, एक्सप्रेस सेवाएं, सुपरफास्ट सेवाओं के रूप में बांटा गया है. इनमें ग्राम्य सेवा की बसें मार्ग पर प्रत्येक स्टाप पर रुकेंगी और इनकी औसत गति 40 किमी प्रति घंटा होगी. इसके अलावा स्थानीय शटल सेवाएं दो जिलों की सीमाओं के बीच चलेंगी. यह भी हर स्टॉप पर रुकेंगी. इनकी औसत गति 46 किमी प्रति घंटा होगी. सीमित स्टॉप वाली बस सेवा अपने पूर्व निर्धारित स्टॉप पर रुकेगी. इन सेवाओं की बसें 5000 की जनसंख्या से कम वाले गांव में नहीं रुकेंगी. इसकी औसत गति 55 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी.

क्या कहते हैं परिवहन निगम के अधिकारी

परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) और प्रवक्ता अजय सिंह का कहना है, कि जल्द ही फेयर स्टॉपेज पॉलिसी उत्तर प्रदेश में लागू करने की तैयारी की जा रही है. फेयर स्टॉपेज बनने से यात्रियों को बड़ी सहूलियत मिलेगी. उन्हें अपने पिछले बस स्टेशन से बस पकड़ने के लिए नहीं आना होगा. इससे उनके किराए की बचत होगी. समय भी बचेगा. अभी तक जहां-जहां प्रार्थना स्टॉपेज हैं, उन्हें फेयर स्टॉपेज में बदला जाएगा. इससे प्रार्थना स्टॉपेज के एवज में जो किराया यात्रियों को देना पड़ता था, वह फेयर स्टॉपेज में नहीं देना पड़ेगा. इससे यात्रियों को काफी फायदा होगा.

यह भी पढ़े-लूलू माॅल के सामने बनेगा बस स्टॉपेज, यात्रियों को मिलेगी सहूलियत

परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक अजय सिंह ने दी जानकारी (video credit- etv bharat)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 1400 फेयर स्टॉपेज बनाने की पॉलिसी बनकर तैयार हो गई है. अब बस जल्द से जल्द इसे लागू किए जाने की तैयारी हो रही है. प्रदेश भर में जो रिक्वेस्ट स्टॉपेज हैं. उन्हें फेयर स्टॉपेज में बदला जाएगा. इससे फायदा यह होगा, कि यात्रियों को जिस फेयर स्टॉपेज से आगे की यात्रा करनी होगी, उनसे वहीं से किराया वसूला जाएगा. पिछले वाले स्टेशन से किराए की वसूली नहीं होगी. इसका फायदा यह होगा कि यात्रियों की जेब पर किराए का भार कम हो जाएगा.

परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि आचार संहिता लागू होने के चलते फेयर स्टॉपेज शुरू होने पर ब्रेक लग गया था, लेकिन अब आचार संहिता समाप्त हो गई है तो जल्द से जल्द फेयर स्टॉपेज पॉलिसी लागू करने की तैयारी है.

शहर में विभिन्न जगहों पर बनेंगे फेयर स्टॉप: लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में डग्गेमारी पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश भर में 1400 नए फेयर स्टॉपेज बनाने की तैयारी है. लखनऊ में भी 6 से अधिक फेयर स्टॉपेज बनाए जाएंगे. परिवहन निगम इन स्टॉपेज को बनाने की पॉलिसी तैयार कर चुका है. फेयर स्टॉपेज ऐसे स्टॉपेज होंगे, जहां से यात्रियों को आगे की यात्रा के लिए बस स्टेशन पर बस पकड़ने के लिए नहीं आना पड़ेगा. उन्हें अपने ही आसपास बस स्टॉपेज मिलेगा जहां से वे अपनी मंजिल के लिए बस पकड़ सकेंगे. इसका फायदा यह होगा, कि यात्रियों को बस पकड़ने के लिए बस स्टेशन आने का पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा. साथ ही उनके समय की भी बचत होगी. फेयर स्टॉपेज से आगे की यात्रा के लिए ही यात्री को किराए का भुगतान करना होगा. अभी तक प्रदेश भर में जहां भी प्रार्थना स्टॉपेज बनाए गए हैं, उन्हें भी फेयर बस स्टॉपेज में बदल दिया जाएगा.

प्रार्थना स्टॉपेज का क्या है मतलब: प्रार्थना स्टॉपेज ऐसे स्टॉपेज को कहा जाता है, जो किसी की रिक्वेस्ट पर यात्रियों की सुविधा के लिए बनाए जाते हैं. यहां पर बसें रोककर यात्री बिठाए जाते हैं. इससे यात्रियों को बस पकड़ने के लिए बस स्टेशन जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. हालांकि, इस सुविधा के एवज में परिवहन निगम यात्रियों से बस का किराया बस स्टेशन से ही वसूल करता है.

फेयर स्टॉपेज की परिभाषा: फेयर स्टॉपेज ऐसे बस स्टॉपेज हैं, जहां पर यात्रियों को परिवहन निगम बस पकड़ने की सुविधा तो देगा, लेकिन इसके एवज में बस स्टेशन से दूरी का किराया नहीं वसूलेगा. फेयर स्टॉप से ही यात्री को आगे की दूरी का किराया अदा करना होगा. इससे यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी. कम पैसे में ही यात्री अपना सफर पूरा कर सकेंगे. उन्हें स्टेशन से फेयर स्टॉप तक किराया नहीं देना होगा.


परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा है, कि मुख्यालयों और बड़े शहरों के अंदर दो स्टॉप के बीच की दूरी तीन किलोमीटर से दूर रखी जा सकती है. लेकिन, यह पांच किमी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा, कि बसों के स्टाप के सम्बंध में ग्राम्य सेवाएं, शटल स्थानीय सेवाएं, सीमित स्टॉप सेवाएं, एक्सप्रेस सेवाएं, सुपरफास्ट सेवाओं के रूप में बांटा गया है. इनमें ग्राम्य सेवा की बसें मार्ग पर प्रत्येक स्टाप पर रुकेंगी और इनकी औसत गति 40 किमी प्रति घंटा होगी. इसके अलावा स्थानीय शटल सेवाएं दो जिलों की सीमाओं के बीच चलेंगी. यह भी हर स्टॉप पर रुकेंगी. इनकी औसत गति 46 किमी प्रति घंटा होगी. सीमित स्टॉप वाली बस सेवा अपने पूर्व निर्धारित स्टॉप पर रुकेगी. इन सेवाओं की बसें 5000 की जनसंख्या से कम वाले गांव में नहीं रुकेंगी. इसकी औसत गति 55 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी.

क्या कहते हैं परिवहन निगम के अधिकारी

परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) और प्रवक्ता अजय सिंह का कहना है, कि जल्द ही फेयर स्टॉपेज पॉलिसी उत्तर प्रदेश में लागू करने की तैयारी की जा रही है. फेयर स्टॉपेज बनने से यात्रियों को बड़ी सहूलियत मिलेगी. उन्हें अपने पिछले बस स्टेशन से बस पकड़ने के लिए नहीं आना होगा. इससे उनके किराए की बचत होगी. समय भी बचेगा. अभी तक जहां-जहां प्रार्थना स्टॉपेज हैं, उन्हें फेयर स्टॉपेज में बदला जाएगा. इससे प्रार्थना स्टॉपेज के एवज में जो किराया यात्रियों को देना पड़ता था, वह फेयर स्टॉपेज में नहीं देना पड़ेगा. इससे यात्रियों को काफी फायदा होगा.

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Last Updated : Jun 21, 2024, 5:11 PM IST
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