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ऑर्गन ट्रांसप्लांट एनओसी प्रकरण: ट्रांसप्लांट कमेटी को भंग करने की तैयारी - Organ Transplant Fake NOC

ऑर्गन ट्रांसप्लांट एनओसी प्रकरण को लेकर एसीएस शुभ्रा सिंह ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने बताया कि चिकित्सा विभाग की ऑर्गन ट्रांसप्लांट कमेटी को भंग करने का प्रस्ताव भेज दिया गया है.

Organ Transplant Fake NOC
ऑर्गन ट्रांसप्लांट एनओसी प्रकरण
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 5, 2024, 6:07 PM IST

Updated : Apr 5, 2024, 7:49 PM IST

एसीएस शुभ्रा सिंह ने उठाए ये सवाल

जयपुर. राजस्थान में ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए फर्जी एनओसी मामले पर अब चिकित्सा विभाग ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट कमेटी को भंग करने की तैयारी कर ली है. फिलहाल अंग प्रत्यारोपण से जुड़ा यह मामला एसीबी द्वारा जांचा जा रहा है. वहीं हरियाणा पुलिस ने भी अंग प्रत्यारोपण से जुड़े एक रैकेट का पर्दाफाश किया है. मामले को लेकर चिकित्सा विभाग की एसीएस शुभ्रा सिंह का कहना है कि अंगदान को लेकर चिकित्सा विभाग की ओर से कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. अंगदान की यह मुहिम पिछले कुछ सालों से लगातार चल रही है. लोगों के ​बीच जागरुकता भी लाई जा रही है कि अंगदान द्वारा किसी भी जरुरतमंद मरीज की जांच बचाई जा सकती है. लेकिन अंग प्रत्यारोपण में जो फर्जी तरीके से एनओसी जारी की जा रही थी. उसे लेकर बड़ा कदम उठाना जरूरी था.

शुभ्रा सिंह ने कहा कि चिकित्सा विभाग के कहने पर ही एसीबी ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया और आर्गन ट्रांसप्लांट एनओसी प्रकरण से जुड़े मामले की जांच एसीबी द्वारा कि जा रही है. वहीं चिकित्सा विभाग ने भी एक जांच कमेटी का गठन किया है. जो 15 दिन में मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करेगी. लेकिन बीते एक साल से अंग प्रत्यारोपण कमेटी की बैठक आखिर क्यों नहीं हुई, यह एक बड़ा सवाल है. एसीएस शुभ्रा सिंह ने कहा कि जांच कमेटी के लिए यह मुद्दा काफी महत्वपूर्ण भी है क्योंकि लंबे समय से फर्जी तरीके से एनओसी जारी की जा रही थी और कमेटी आंख बंद कर के बैठी रही.

पढ़ें: मानव अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी मामला, जांच के लिए 5 सदस्यीय कमेटी गठित - Inquiry Committee In Fake NOC

कमेटी हो सकती है भंग: राजस्थान में अंग प्रत्यारोपण को लेकर जो कमेटी सरकार ने बनाई है, उसे अब भंग किया जा सकता है. मामले को लेकर एसीएस ने कहा कि हमने कमेटी भंग करने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है. राजस्थान में अंग प्रत्यारोपण को लेकर कोई रैकेट चल रहा है. इससे चिकित्सा विभाग इनकार कर रहा है, लेकिन जिस तरह से हरियाणा पुलिस ने एक रैकेट का पर्दाफाश किया ​है. उसके बाद एसीबी की जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि आखिर कौन-कौन लोग इस फर्जी एनओसी प्रकरण से जुड़े हुए हैं. इसके साथ ही चिकित्सा विभाग ने उन अस्पतालों से रिकॉर्ड मांगा है जो अंग प्रत्यारोपण के लिए रजि​स्टर किए गए हैं.

पढ़ें: ऑर्गन ट्रांसप्लांट की फर्जी एनओसी: विदेशी नागरिकों के सर्टिफिकेट भी बरामद, एसएमएस अस्पताल में कई फाइलें सीज - Organ Transplant Fake NOC

5 सदस्यीय कमेटी गठित: शुभ्रा सिंह ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में गठित 5 सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी में रजिस्ट्रार राजस्थान मेडिकल कौंसिल, मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण के प्राधिकृत अधिकारी, वरिष्ठ विधि परामर्शी तथा शासन उप सचिव चिकित्सा शिक्षा को सदस्य एवं नोडल अधिकारी-एनओटीपी को सदस्य सचिव के रूप में शामिल किया गया है. यह समिति अंग प्रत्यारोण की फर्जी एनओसी प्रकरण, निर्धारित प्रावधानों के तहत मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए पंजीकृत सभी निजी अस्पतालों के संबंध में निदेशक जनस्वास्थ्य द्वारा गठित निरीक्षण दलों के माध्यम से प्राप्त सत्यापित रिकॉर्ड की विस्तृत जांच करेगी. यह समिति 15 दिन में रिपोर्ट देगी.

एसीएस शुभ्रा सिंह ने उठाए ये सवाल

जयपुर. राजस्थान में ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए फर्जी एनओसी मामले पर अब चिकित्सा विभाग ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट कमेटी को भंग करने की तैयारी कर ली है. फिलहाल अंग प्रत्यारोपण से जुड़ा यह मामला एसीबी द्वारा जांचा जा रहा है. वहीं हरियाणा पुलिस ने भी अंग प्रत्यारोपण से जुड़े एक रैकेट का पर्दाफाश किया है. मामले को लेकर चिकित्सा विभाग की एसीएस शुभ्रा सिंह का कहना है कि अंगदान को लेकर चिकित्सा विभाग की ओर से कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. अंगदान की यह मुहिम पिछले कुछ सालों से लगातार चल रही है. लोगों के ​बीच जागरुकता भी लाई जा रही है कि अंगदान द्वारा किसी भी जरुरतमंद मरीज की जांच बचाई जा सकती है. लेकिन अंग प्रत्यारोपण में जो फर्जी तरीके से एनओसी जारी की जा रही थी. उसे लेकर बड़ा कदम उठाना जरूरी था.

शुभ्रा सिंह ने कहा कि चिकित्सा विभाग के कहने पर ही एसीबी ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया और आर्गन ट्रांसप्लांट एनओसी प्रकरण से जुड़े मामले की जांच एसीबी द्वारा कि जा रही है. वहीं चिकित्सा विभाग ने भी एक जांच कमेटी का गठन किया है. जो 15 दिन में मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करेगी. लेकिन बीते एक साल से अंग प्रत्यारोपण कमेटी की बैठक आखिर क्यों नहीं हुई, यह एक बड़ा सवाल है. एसीएस शुभ्रा सिंह ने कहा कि जांच कमेटी के लिए यह मुद्दा काफी महत्वपूर्ण भी है क्योंकि लंबे समय से फर्जी तरीके से एनओसी जारी की जा रही थी और कमेटी आंख बंद कर के बैठी रही.

पढ़ें: मानव अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी मामला, जांच के लिए 5 सदस्यीय कमेटी गठित - Inquiry Committee In Fake NOC

कमेटी हो सकती है भंग: राजस्थान में अंग प्रत्यारोपण को लेकर जो कमेटी सरकार ने बनाई है, उसे अब भंग किया जा सकता है. मामले को लेकर एसीएस ने कहा कि हमने कमेटी भंग करने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है. राजस्थान में अंग प्रत्यारोपण को लेकर कोई रैकेट चल रहा है. इससे चिकित्सा विभाग इनकार कर रहा है, लेकिन जिस तरह से हरियाणा पुलिस ने एक रैकेट का पर्दाफाश किया ​है. उसके बाद एसीबी की जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि आखिर कौन-कौन लोग इस फर्जी एनओसी प्रकरण से जुड़े हुए हैं. इसके साथ ही चिकित्सा विभाग ने उन अस्पतालों से रिकॉर्ड मांगा है जो अंग प्रत्यारोपण के लिए रजि​स्टर किए गए हैं.

पढ़ें: ऑर्गन ट्रांसप्लांट की फर्जी एनओसी: विदेशी नागरिकों के सर्टिफिकेट भी बरामद, एसएमएस अस्पताल में कई फाइलें सीज - Organ Transplant Fake NOC

5 सदस्यीय कमेटी गठित: शुभ्रा सिंह ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में गठित 5 सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी में रजिस्ट्रार राजस्थान मेडिकल कौंसिल, मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण के प्राधिकृत अधिकारी, वरिष्ठ विधि परामर्शी तथा शासन उप सचिव चिकित्सा शिक्षा को सदस्य एवं नोडल अधिकारी-एनओटीपी को सदस्य सचिव के रूप में शामिल किया गया है. यह समिति अंग प्रत्यारोण की फर्जी एनओसी प्रकरण, निर्धारित प्रावधानों के तहत मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए पंजीकृत सभी निजी अस्पतालों के संबंध में निदेशक जनस्वास्थ्य द्वारा गठित निरीक्षण दलों के माध्यम से प्राप्त सत्यापित रिकॉर्ड की विस्तृत जांच करेगी. यह समिति 15 दिन में रिपोर्ट देगी.

Last Updated : Apr 5, 2024, 7:49 PM IST
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