पटना: मिशन विहान ने केंद्रीय बेऊर कारा में बंदियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने को लेकर प्रशिक्षित कर स्व रोजगार खड़ा करने का बीड़ा उठाया है. अपराध जगत से नाता जोड़ समाज से कटे ऐसे सजा काट रहे बंदियों को समाज के मुख्य धारा से जोड़ने को लेकर कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं.
बेऊर जेल के कैदियों को ट्रेनिंग: मुक्ति बाजार के जरिए बंदी अपने रुचि के अनुसार रोजगार का प्रशिक्षण ले सकते हैं. सुधार गृह में रहने के दौरान हस्तशिल्प प्रशिक्षण, कैंडल मेकिंग, डेयरी, बकरी पालन इत्यादि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि इन्हें भविष्य में अपना रोजगार करने में किसी तरह की समस्या ना हो.
आत्मनिर्भर बनाने की पहल: वहीं जेल से निकलने के बाद यह लोग स्वरोजगार कर सकें और अपने पैर पर खड़े हो सके, जिसको लेकर यह मुहिम चलाई जा रही है. वहीं जेल के अंदर बने सामान मुक्ति बाजार में मिलेंगे. बता दें कि कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें जेल में कई तरह के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं.
मुक्ति बाजार का उद्घाटन: साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन लोगों के द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट आम लोगों को अब उपलब्ध होगा. इसके लिए बेऊर जेल गेट के ठीक सामने शुक्रवार को मुक्ति बाजार का उद्घाटन किया गया. उद्घाटन डॉ एस सिद्धार्थ गृह विभाग के मुख्य सचिव एवं डॉ ए विजयलक्ष्मी पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव के द्वारा किया गया.
कई तरह के सामान बना रहे कैदी: वहीं जेल आईजी शीर्षत कपिल अशोक भी इस मौके पर मौजूद रहे. इस मुक्ति बाजार में जीरा, हल्दी, मिर्च ,धनिया, काली मिर्च पाउडर सहित अन्य मसाला पाउडर भी उपलब्ध रहेंगे. साथ-साथ ब्रेड चना और सरसों तेल इत्यादि उपलब्ध रहेगी.
बाजार खुला रहने का समय: यह सुबह 9:00 बजे से 1:00 बजे तक और शाम के 3:00 बजे से 5:00 बजे तक खुलेगा. वहीं बाजारों में बिकने वाले सभी मसाले के व्यापार की भी शिक्षा जेल के अंदर दी जा रही है. साथ साथ सरसों तेल के उत्पादन का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
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