पटना: बिहार परिवहन विभाग ने राज्य में यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक अहम कदम उठाया है. अब एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से जिलों में हेलमेट नहीं पहनने वालों और अन्य यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालों की पहचान होगी. राज्य के 26 जिलों के 72 महत्वपूर्ण चौक-चौराहों पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर सीसीटीवी के माध्यम से ऑटोमेटेड चालान जारी किया जाएगा.
सीसीटीवी लगाने की कैबिनेट से मिली मंजूरी: परिवहन विभाग की मंत्री शीला कुमारी ने बताया कि 26 जिलों में सीसीटीवी लगाने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक से मंजूरी मिल गई है. इससे निश्चित रूप से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने के प्रति लोग अधिक जागरूक होंगे.
कानून व्यवस्था तोड़ने वाले पर नजर: परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि पटना की तर्ज पर 26 जिलों में भी सीसीटीवी के माध्यम से ऑटोमेटिक चालान कटेगा. इन जिलों के 72 प्रमुख चौक चौराहो पर सड़क सुरक्षा दृष्टिकोण से जिलों में CCTV/ANPR कैमरे का अधिष्ठापन किया जाएगा.
क्या बोले परिवहन सचिव?: संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि चार स्मार्ट सिटी वाले जिलों में पूर्व से यह व्यवस्था लागू है. साथ ही 9 अन्य जिलों में एक विस्तृत कार्यक्रम के तहत सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. इन सीसीटीवी कैमरा से न केवल ट्रैफिक वायेलेटर्स की पहचान की जाएगी, बल्कि कानून व्यवस्था तोड़ने वाले लोग को भी चिह्नित किया जाएगा, जिससे उस शहर की सुरक्षा भी मजबूत होगी.
"यह पहल राज्य के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, सड़क दुर्घटना में कमी लाने और यातायात के नियमों का पालन सख्ती से करवाने के उद्देश्य से की जा रही है." - संजय कुमार अग्रवाल, सचिव, परिवहन विभाग
हेलमेट नहीं होने के कारण 1389 मौतें: बिहार में वर्ष 2023 में हेलमेट नहीं लगाने की वजह से सड़क दुर्घटना में 1389 लोगों की मौत और 905 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. इन मौतों में 882 दोपहिया वाहन चालक और 507 पीछे सवार थे, जो दुर्घटना के वक्त हेलमेट नहीं पहने थे. सड़क दुर्घटना के आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली अधिकांश मौतें हेलमेट न पहनने की वजह से होती हैं. बिना हेलमेट के सड़क पर वाहन चलाना सिर पर गंभीर चोट का कारण बनता है, जो जानलेवा हो सकता है.
सीसीटीवी लगाने का लक्ष्य: यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नजर रखने और ऑटोमेटेड चालान जारी करने के लिए चौक-चौराहों पर अत्याधुनिक सीसीटीवी एएनपीआर कैमरे लगाए जाएंगे. इस कार्य को पूर्ण करने के लिए मार्च 2025 का लक्ष्य रखा गया है. 1 अप्रैल से ऑटोमेटेड चालान जारी होने लगेगा.
ऑटोमेटेड चालान की प्रक्रिया: कैमरे वाहन के नंबर प्लेट को स्वचालित रूप से स्कैन करेंगे. किसी भी प्रकार के यातायात नियम के उल्लंघन की स्थिति में सिस्टम स्वतः चालान तैयार कर संबंधित वाहन स्वामी के पते पर भेजेगा. इस नई व्यवस्था के लागू होने से पहले आम जनता को इस बारे में जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. अभियान के तहत ट्रैफिक नियमों के पालन और चालान प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी.
यातायात व्यवस्था में होगी सुधार: इस कदम से सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आएगी और यातायात सुगम होगा. ऑटोमेटेड प्रणाली से चालान प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होगी. सीसीटीवी कैमरे के उपयोग से यातायात उल्लंघनकर्ताओं को पहचाना और उन्हें चालान भेजकर नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे सड़क सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है.
सुरक्षा को मिलेगा बढ़ावा: सीसीटीवी कैमरे से यातायात उल्लंघनकर्ताओं की चालानिंग से सड़क सुरक्षा में सुधार होगा. साथ ही अपराध और अन्य गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सकता है. सीसीटीवी कैमरों से जुटे डेटा का उपयोग करके यातायात के विभिन्न पहलुओं को अधिक विस्तार से अध्ययन किया जा सकता है. इससे यातायात प्रबंधन में सुधार किया जा सकता है.
सुधार का अवलोकन: सीसीटीवी कैमरे के फुटेज का उपयोग करके सरकार और प्रशासन सुरक्षा और यातायात के संबंध में क्षेत्रों की जांच कर सकते हैं और उन्हें सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठा सकते हैं. चालानिंग के डर से लोग यातायात नियमों का पालन करने में अधिक सतर्क और सजग रहेंगे. सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से यातायात उल्लंघनकर्ताओं को पकड़ा जा सकता है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. इससे दोषियों को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहने भावना विकसित होगी.
26 जिलों में सीसीटीवी से होगी निगरानी: मधेपुरा, सुपौल, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, नवादा, समस्तीपुर, मधुबनी, शेखपुरा, जमुई, लखीसराय, बांका, अररिया, किशनगंज, कटिहार, बक्सर, रोहतास, कैमूर, भोजपुर, गोपालगंज, सिवान, शिवहर, सीतामढ़ी, वैशाली, खगड़िया और मोतिहारी में सीसीटीवी से निगरानी रखी जाएगी.
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