जैसलमेर : स्वर्णनगरी में पर्यटन सीजन के आगाज के बाद पहियों पर महल के रूप में विख्यात शाही रेल 'पैलेस ऑन व्हील्स' जैसलमेर पहुंची. इस बार यह शाही रेल नए लुक के साथ पर्यटकों को लेकर जैसलमेर पहुंची है. इस साल के पहले फेरे के तहत जैसलमेर पहुंची इस शाही रेल से स्वर्णनगरी भ्रमण पर आए पर्यटकों का जैसलमेर रेलवे स्टेशन पर भव्य स्वागत किया गया. इस शाही रेल के पहले फेरे में कुल 31 पर्यटक जैसलमेर पहुंचे हैं, जिनमें 19 विदेशी और 12 भारतीय पर्यटक शामिल है.
जैसलमेर टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण पुरोहित ने बताया कि जैसलमेर के लिए बड़े ही सौभाग्य की बात है कि यह शाही रेल अपने फेरे के दौरान जैसलमेर पहुंचती है. हम सभी यह चाहते हैं कि आने वाले समय में पैलेस ऑन व्हील्स में ज्यादा से ज्यादा सैलानी जैसलमेर आएं और अन्य शाही ट्रेनें भी यहां आएं, जिससे स्वर्णनगरी को विश्व स्तर पर और अधिक पहचान मिल सके और पर्यटक जैसलमेर को निहार सकें. इससे यहां के पर्यटन व्यवसाय का भी विकास होगा और हर आदमी को रोजगार मिल सकेगा.
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कैमल सफारी और राजस्थानी फूड का लुत्फ : जैसलमेर पहुंचे पर्यटकों का रेलवे स्टेशन पर स्थानीय लोक कलाकारों ने ढोल नगाड़ों की धुन के साथ उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया. भव्य स्वागत को देख कर पर्यटक भी काफी खुश नजर आए. सैलानियों ने शाही रेल के सफर को भी काफी आनन्दमय बताया. जैसलमेर पहुंचे सभी यात्री रविवार दिनभर स्वर्णनगरी के विभिन्न पर्यटन स्थलों का भ्रमण करेंगे. शाम को विश्व विख्यात सम के मखमली धोरों पर कैमल सफारी और राजस्थानी फूड और लोक संगीत और लोक नृत्यों का लुत्फ उठाएंगे. जैसलमेर के बाद इस शाही रेल से सैलानी जोधपुर, भरतपुर और आगरा होते हुए वापस दिल्ली पहुंचेंगे.
गौरतलब है कि 26 जनवरी 1982 को शुरू हुई इस शाही रेल पैलेस ऑन व्हील्स का 41 साल बाद पिछले साल ही निजीकरण कर दिया गया है. पिछले कुछ सालों से पैलेस ऑन व्हील्स के प्रति सैलानियों का क्रेज कम हो गया था. कोविड में विदेशी सैलानियों के भारत नहीं आने से इसे दो साल के लिए बंद कर दिया गया था. 2022 में इसे शुरू तो किया गया, लेकिन पूरी सीजन में सिर्फ 11 फेरे ही संचालित किए गए. हर साल रेलवे की ओर से सैलानियों को ध्यान में रखते हुए इसे नया कलेवर दिया जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों की आय पर विश्लेषण करने के बाद रेलवे की ओर से इसकी कमान निजी कंपनी के हाथ सौंप दी गई थी.