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निर्माणाधीन किरतपुर मनाली फोरलेन पर 'मौत का सफर', पहाड़ी से पत्थर गिरने से बना रहता हादसों का डर

Stones Falling From Hill On Kiratpur Manali Four Lane: निर्माणाधीन किरतपुर मनाली फोरलेन पर पहाड़ी की सही से कटिंग नहीं होने के कारण 4 से 8 मील के बीच सड़क पर पत्थरों की बारिश हो रही है. जिसकी वजह से इस रास्ते पर आने-जाने वालों के लिए यह मौत का सफर बन चुका है. पढ़िए पूरी खबर...

निर्माणाधीन किरतपुर मनाली फोरलेन पर 'मौत का सफर'
निर्माणाधीन किरतपुर मनाली फोरलेन पर 'मौत का सफर'
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 22, 2024, 3:01 PM IST

मंडी: किरतपुर मनाली निर्माणाधीन फोरलेन प्रोजेक्ट के तहत मंडी से पंडोह तक बेतरतीब ढंग से की गई पहाड़ों की कटिंग का खामियाजा आम जनता भुगत रही है. आलम यह है कि चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे पर 4 से 8 मील के बीच कुछ माह पहले की गई कटिंग आज भी पत्थरों के रूप में मौत बनकर बरस रही है. दो दिन पहले भी मंडी से पंडोह के बीच 6 मील के पास कटिंग कर रही मशीन पर पत्थर और मलबा आ गिरा, जिस कारण ऑपरेटर की दबने से दर्दनाक मौत हो गई.

इससे पहले भी 31 जनवरी को पहाड़ी से गाड़ी पर पत्थर गिरने से एक महिला की मौत हो गई और चार लोग बाल-बाल बचे थे. आये दिन दो पहिया और अन्य गाड़ियों पर यहां पर पत्थर गिरते आए हैं. जिस कारण लोगों ने अब इस एनएच को सुविधा नहीं मौत का एनएच कहना शुरू कर दिया है. बता दें कि 2 दिन पहले हुई मशीन ऑपरेटर की मौत के बाद एनएचएआई व जिला प्रशासन की आंखें खुली और तब जाकर पहाड़ी पर हवा में लटके बड़े-बड़े पत्थरों को हटाने शुरू किया गया है.

वहीं, पुलिस प्रशासन द्वारा इस हादसे के बाद फोरलेन निर्माण कार्य में लगी कंपनी और संबंधित ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है. पंडोह से अपने परिजनों के साथ मंडी आ रहे स्थानीय निवासी यशपाल का कहना है कि मंडी से पंडोह के बीच फोरलेन नहीं मौत का लेन बनता जा रहा है. जिसमें, उन्होंने अपनी 47 वर्षीय बुआ को अपनी आंखों के सामने काल का ग्रास बनते देखा.

उन्होंने आरोप लगाया है कि फोरलेन का कार्य वैज्ञानिक तरीके से नहीं हो रहा है. जिसके कारण इसका खामियाजा इस सड़क पर सफर करने वालों को अपनी जान से हाथ धोकर चुकाना पड़ रहा है. वहीं, सात मील के रहने वाले काकू राम बताते हैं कि वह रोज इस सड़क पर सफर करते हैं और हर समय किसी अप्रिय घटना का अंदेशा बना रहता है.

मनाली निवासी रमेश कुमार भी इस सड़क को वाहनों की आवाजाही के लिए खतरनाक बता रहे हैं. वहीं, आजकल रोज चार घंटे सड़क को आवाजाही के बंद रखने पर बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक भी खासे परेशान नजर आ रहे हैं. दिल्ली से मनाली घूमने जा रहे गुड़गांव के पर्यटक विवेक कुमार का कहना है कि पहाड़ों में सभी घूमने आते हैं, लेकिन यदि पहाड़ों पर इस प्रकार से खतरा मंडरा रहा हो तो उन्हें भी सफर करने में डर सा लगा रहता है. आम जनता के साथ पर्यटकों ने भी सरकार से इस फोरलेन के कार्य को सही से करने की मांग उठाई है, जिसमें यहां पर सफर करने वालों की सुरक्षा को भी ध्यान में रखा जाए.

ये भी पढ़ें: शीतलहर की चपेट में हिमाचल, एवलांच को लेकर अलर्ट जारी, बारिश-बर्फबारी से 405 सड़कें बंद

मंडी: किरतपुर मनाली निर्माणाधीन फोरलेन प्रोजेक्ट के तहत मंडी से पंडोह तक बेतरतीब ढंग से की गई पहाड़ों की कटिंग का खामियाजा आम जनता भुगत रही है. आलम यह है कि चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे पर 4 से 8 मील के बीच कुछ माह पहले की गई कटिंग आज भी पत्थरों के रूप में मौत बनकर बरस रही है. दो दिन पहले भी मंडी से पंडोह के बीच 6 मील के पास कटिंग कर रही मशीन पर पत्थर और मलबा आ गिरा, जिस कारण ऑपरेटर की दबने से दर्दनाक मौत हो गई.

इससे पहले भी 31 जनवरी को पहाड़ी से गाड़ी पर पत्थर गिरने से एक महिला की मौत हो गई और चार लोग बाल-बाल बचे थे. आये दिन दो पहिया और अन्य गाड़ियों पर यहां पर पत्थर गिरते आए हैं. जिस कारण लोगों ने अब इस एनएच को सुविधा नहीं मौत का एनएच कहना शुरू कर दिया है. बता दें कि 2 दिन पहले हुई मशीन ऑपरेटर की मौत के बाद एनएचएआई व जिला प्रशासन की आंखें खुली और तब जाकर पहाड़ी पर हवा में लटके बड़े-बड़े पत्थरों को हटाने शुरू किया गया है.

वहीं, पुलिस प्रशासन द्वारा इस हादसे के बाद फोरलेन निर्माण कार्य में लगी कंपनी और संबंधित ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है. पंडोह से अपने परिजनों के साथ मंडी आ रहे स्थानीय निवासी यशपाल का कहना है कि मंडी से पंडोह के बीच फोरलेन नहीं मौत का लेन बनता जा रहा है. जिसमें, उन्होंने अपनी 47 वर्षीय बुआ को अपनी आंखों के सामने काल का ग्रास बनते देखा.

उन्होंने आरोप लगाया है कि फोरलेन का कार्य वैज्ञानिक तरीके से नहीं हो रहा है. जिसके कारण इसका खामियाजा इस सड़क पर सफर करने वालों को अपनी जान से हाथ धोकर चुकाना पड़ रहा है. वहीं, सात मील के रहने वाले काकू राम बताते हैं कि वह रोज इस सड़क पर सफर करते हैं और हर समय किसी अप्रिय घटना का अंदेशा बना रहता है.

मनाली निवासी रमेश कुमार भी इस सड़क को वाहनों की आवाजाही के लिए खतरनाक बता रहे हैं. वहीं, आजकल रोज चार घंटे सड़क को आवाजाही के बंद रखने पर बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक भी खासे परेशान नजर आ रहे हैं. दिल्ली से मनाली घूमने जा रहे गुड़गांव के पर्यटक विवेक कुमार का कहना है कि पहाड़ों में सभी घूमने आते हैं, लेकिन यदि पहाड़ों पर इस प्रकार से खतरा मंडरा रहा हो तो उन्हें भी सफर करने में डर सा लगा रहता है. आम जनता के साथ पर्यटकों ने भी सरकार से इस फोरलेन के कार्य को सही से करने की मांग उठाई है, जिसमें यहां पर सफर करने वालों की सुरक्षा को भी ध्यान में रखा जाए.

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