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उत्तराखंड यात्रा विकास प्राधिकरण के गठन की कार्रवाई तेज, GMVN और KMVN का होगा एकीकरण! - TOURISM DEPARTMENT REVIEW MEETING

उत्तराखंड यात्रा विकास प्राधिकरण के गठन की कार्रवाई तेज हो गई है. नेपाल से उत्तराखंंड के मंदिरों तक धार्मिक यात्रा भी निकाली जाएगी.

TOURISM DEPARTMENT REVIEW MEETING
उत्तराखंड यात्रा विकास प्राधिकरण के गठन की कार्रवाई तेज (PHOTO-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 20, 2024, 5:16 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड चारधाम की यात्रा संपन्न होने के बाद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बुधवार को पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान पर्यटन मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्तराखंड यात्रा विकास प्राधिकरण का गठन करने की कार्रवाई जल्द से जल्द की जाए. साथ ही गढ़वाल मंडल विकास निगम और कुमाऊं मंडल विकास निगम के एकीकरण से संबंधित कार्यों को तत्काल करने के निर्देश देते हुए महासू देवता के मास्टर प्लान की स्थिति की भी समीक्षा की.

नेपाल से टनकपुर और रुद्रप्रयाग तक धार्मिक यात्रा: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने समीक्षा बैठक में रुद्रप्रयाग जिले में स्थित दूरस्थ गांव ब्यूंखी को पर्यटन ग्राम बनाने के साथ ही नाथ सर्किट, पांडव सर्किट, विवेकानंद सर्किट और रविंद्र नाथ टैगोर सर्किट बनाने की कार्रवाई भी शुरू करने के निर्देश दिए. बैठक के दौरान प्रदेश के पर्यटन मंत्री महाराज ने पर्यटन अधिकारियों को निर्देश दिए कि टनकपुर के रास्ते जनकपुर, नेपाल के लिए रघुनाथ जी की यात्रा और पशुपतिनाथ से त्रियुगीनारायण तक शंकर जी की बारात का आयोजन करने के लिए संस्कृति विभाग के साथ मिलकर तैयारियां की जाएं. क्योंकि इस तरह के आयोजन से आपसी सद्भाव बढ़ाने के साथ-साथ भारत-नेपाल संबंधों में वृद्धि होगी.

मनणामाई मंदिर जीर्णोद्धार के लिए एएसआई से होगी बातचीत: रुद्रप्रयाग जिले में स्थित प्राचीन मनणामाई मंदिर के स्थलीय विकास किए जाने के निर्देश दिए. साथ ही आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के संरक्षित मंदिरों के जीर्णोद्धार और मरम्मत के लिए नियमों में थोड़ी राहत बरतने के लिए भारत सरकार से बातचीत की जाए. दरअसल, एएसआई के कड़े नियमों के चलते संरक्षित मंदिरों की 100 मीटर की परिधि में किसी भी तरह के निर्माण कार्यों पर पूरी तरह रोक है. जिसके चलते पौराणिक मंदिरों का स्थलीय विकास और जीर्णोद्धार नहीं हो पा रहा है.

कालीमठ मंदिर में बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था: मंत्री सतपाल महाराज ने कालीमठ मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि मंदिर की सीढ़ियां काफी खड़ी हैं. जिससे वहां आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसलिए सीढ़ी के स्टेप को छोटा करने के साथ-साथ बुजुर्गों और दिव्यांगों को मंदिर तक जाने के लिए व्हील चेयर ले जाने के लिए भी व्यवस्था करनी बेहद जरूरी है.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा विकास प्राधिकरण को लेकर चर्चाएं तेज, कमेटी जल्द सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट

देहरादूनः उत्तराखंड चारधाम की यात्रा संपन्न होने के बाद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बुधवार को पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान पर्यटन मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्तराखंड यात्रा विकास प्राधिकरण का गठन करने की कार्रवाई जल्द से जल्द की जाए. साथ ही गढ़वाल मंडल विकास निगम और कुमाऊं मंडल विकास निगम के एकीकरण से संबंधित कार्यों को तत्काल करने के निर्देश देते हुए महासू देवता के मास्टर प्लान की स्थिति की भी समीक्षा की.

नेपाल से टनकपुर और रुद्रप्रयाग तक धार्मिक यात्रा: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने समीक्षा बैठक में रुद्रप्रयाग जिले में स्थित दूरस्थ गांव ब्यूंखी को पर्यटन ग्राम बनाने के साथ ही नाथ सर्किट, पांडव सर्किट, विवेकानंद सर्किट और रविंद्र नाथ टैगोर सर्किट बनाने की कार्रवाई भी शुरू करने के निर्देश दिए. बैठक के दौरान प्रदेश के पर्यटन मंत्री महाराज ने पर्यटन अधिकारियों को निर्देश दिए कि टनकपुर के रास्ते जनकपुर, नेपाल के लिए रघुनाथ जी की यात्रा और पशुपतिनाथ से त्रियुगीनारायण तक शंकर जी की बारात का आयोजन करने के लिए संस्कृति विभाग के साथ मिलकर तैयारियां की जाएं. क्योंकि इस तरह के आयोजन से आपसी सद्भाव बढ़ाने के साथ-साथ भारत-नेपाल संबंधों में वृद्धि होगी.

मनणामाई मंदिर जीर्णोद्धार के लिए एएसआई से होगी बातचीत: रुद्रप्रयाग जिले में स्थित प्राचीन मनणामाई मंदिर के स्थलीय विकास किए जाने के निर्देश दिए. साथ ही आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के संरक्षित मंदिरों के जीर्णोद्धार और मरम्मत के लिए नियमों में थोड़ी राहत बरतने के लिए भारत सरकार से बातचीत की जाए. दरअसल, एएसआई के कड़े नियमों के चलते संरक्षित मंदिरों की 100 मीटर की परिधि में किसी भी तरह के निर्माण कार्यों पर पूरी तरह रोक है. जिसके चलते पौराणिक मंदिरों का स्थलीय विकास और जीर्णोद्धार नहीं हो पा रहा है.

कालीमठ मंदिर में बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था: मंत्री सतपाल महाराज ने कालीमठ मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि मंदिर की सीढ़ियां काफी खड़ी हैं. जिससे वहां आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसलिए सीढ़ी के स्टेप को छोटा करने के साथ-साथ बुजुर्गों और दिव्यांगों को मंदिर तक जाने के लिए व्हील चेयर ले जाने के लिए भी व्यवस्था करनी बेहद जरूरी है.

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