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झारखंड की राजनीति के पुरोधा कामरेड महेंद्र सिंह को लाल सलाम, 21वीं शहादत दिवस पर नमन कर रहे लोग - REMEMBERING MARTYR MAHENDRA SINGH

गिरिडीह आज अपने जन नायक महेंद्र सिंह की 21वीं शहादत दिवस मना रहा है. इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है.

REMEMBERING MARTYR MAHENDRA SINGH
महेंद्र सिंह की प्रतिमा और फाइल तस्वीर (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 16, 2025, 12:01 PM IST

गिरिडीह: बगोदर के जन नायक महेंद्र सिंह की 21 वीं शहादत दिवस आज है. इस मौके पर भाकपा माले के द्वारा बगोदर में जन संकल्प सभा का आयोजन किया गया है. सभा में पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित होंगे. शहादत दिवस की शुरुआत महेंद्र सिंह के पैतृक गांव खंभरा से होगी.

महेंद्र सिंह की 21वीं शहादत दिवस पर भाकपा माले के द्वारा बगोदर बस स्टैंड में विशाल जन संकल्प सभा का आयोजन किया गया है, जिसकी तैयारी भी पूरी कर ली गई है. शहादत दिवस को लेकर बगोदर बस स्टैंड, सरिया रोड, पुरानी जीटी सहित महेंद्र सिंह के पैतृक गांव खंभरा को लाल झंडे से पाट दिया गया है. सभा को लेकर बगोदर बस स्टैंड में स्थित स्टेज को मंच बनाया गया है.

महेंद्र सिंह का शहादत दिवस (Etv Bharat)

कई स्थानों पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी जाएगी

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भाकपा माले के महासचिव कामरेड दीपांकर भट्टाचार्य उपस्थित होंगे. इस संबंध में जानकारी देते हुए भाकपा माले के प्रखंड सचिव परमेश्वर महतो ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत खंभरा से होगी. यहां स्थित उनकी आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी जाएगी. तत्पश्चात बगोदर किसान भवन के सामने स्थित उनकी आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी. इसके बाद संकल्प सभा की शुरुआत होगी.

कार्यक्रम में भाकपा माले के निरसा विधायक अरुप चटर्जी, सिंदरी के भाकपा माले विधायक चंद्रदेव महतो, बगोदर के पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह, राजधनवार के पूर्व विधायक राजकुमार यादव, सिंदरी के पूर्व विधायक आनंद महतो, राज्य सचिव मनोज भक्त, जिला सचिव जर्नादन प्रसाद सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित होंगे.

राजनीति में हमेशा याद किए जाएंगे जन नायक महेंद्र सिंह

बगोदर विधान सभा क्षेत्र का लगातार तीन बार प्रतिनिधित्व करने वाले महेंद्र सिंह राजनीति में हमेशा याद किए जाते रहेंगे. खासकर बगोदर इलाके की जब भी राजनीतिक चर्चा होगी उनका नाम लिए बगैर चर्चा अधूरी रह जाएगी. किसान- मजदूरों के अधिकार के लिए सड़क से लेकर झारखंड सदन और बिहार के सदन में उनकी बुलंद आवाज गूंजती थी.

एकीकृत बिहार के समय उन्होंने दो बार और अलग राज्य झारखंड निर्माण के बाद एक बार इस तरह से कुल तीन बार बगोदर विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. इस बीच उनकी लड़ाई सामंती ताकतों, भ्रष्ट नौकरशाहों, पुलिस के जुल्म, महाजनी प्रथा आदि के खिलाफ होती रही. यहां तक कि 1995- 2000 में जब नक्सलियों की तूती बोलती थी उस समय नक्सलियों के मांद झुमरा पहाड़ में चढ़कर नक्सलियों से उन्होंने पंगा लिया था.

साधारण व्यक्ति से जन नायक बन गए

इतना हीं नहीं किसान- मजदूरों और दलित- शोषितों के हक के लिए लड़ाई और आंदोलन करते हुए वो साधारण व्यक्ति से जन नायक बन गए. प्रखर वक्ता, बुलंद आवाज, सादा जीवन ऊंचे विचार उनकी पहचान थी. लूट और फरेब की राजनीति हो या भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था इसका विरोध उन्होंने हमेशा से किया था.

उन्होंने भ्रष्ट व्यवस्था का विरोध किया

आम जनों के हक की बात करने के कारण जहां वह सबके पसंदीदा बने रहे, वहीं भ्रष्ट व्यवस्था का विरोध करने के कारण वह वैसे लोगों की नजरों में कांटा बने रहे. इस बीच वह 1990, 1995 और 2000 के विधानसभा चुनाव में लगातार तीन बार बगोदर से चुनाव जीतकर विधायक बने रहे. चौथी बार 2005 के चुनाव के लिए महेंद्र सिंह नामांकन कराकर चुनावी तैयारी में जुटे हुए थे कि इस दौरान उनके दुश्मनों ने उनकी सरिया के दुर्गी- ध्वैया में 20 साल पूर्व आज के ही तारीख को गोली मारकर हत्या कर दी थी.

सामने मौत देखकर भी महेंद्र सिंह नहीं बोले झूठ

सच को सच कहने की ताकत उनमें उतनी थी कि सामने मौत को देखकर भी उन्होंने झूठ नहीं बोला. वह दुर्गी- ध्वैया में ग्रामीणों के साथ चुनावी बैठक कर रहे थे. इसी बीच एक बाइक पर सवार हथियारों से लैस होकर तीन अपराधी वहां पहुंचे थे और जब एक अपराधी ने यह पूछा कि यहां महेंद्र सिंह कौन है? तब महेंद्र सिंह सामने आकर खुद बोले थे कि मैं हूं महेंद्र सिंह. बोलिए क्या बात है ? इतना सुनते हीं अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी और इस तरह उन्होंने अंतिम समय में भी सच बोलते हुए अपने प्राणों का न्योछावर कर दिया था.

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शहीद विधायक महेंद्र सिंह का गांव खंभरा, 37 सालों से थाना नहीं पहुंचा एक भी विवाद

गिरिडीह: बगोदर के जन नायक महेंद्र सिंह की 21 वीं शहादत दिवस आज है. इस मौके पर भाकपा माले के द्वारा बगोदर में जन संकल्प सभा का आयोजन किया गया है. सभा में पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित होंगे. शहादत दिवस की शुरुआत महेंद्र सिंह के पैतृक गांव खंभरा से होगी.

महेंद्र सिंह की 21वीं शहादत दिवस पर भाकपा माले के द्वारा बगोदर बस स्टैंड में विशाल जन संकल्प सभा का आयोजन किया गया है, जिसकी तैयारी भी पूरी कर ली गई है. शहादत दिवस को लेकर बगोदर बस स्टैंड, सरिया रोड, पुरानी जीटी सहित महेंद्र सिंह के पैतृक गांव खंभरा को लाल झंडे से पाट दिया गया है. सभा को लेकर बगोदर बस स्टैंड में स्थित स्टेज को मंच बनाया गया है.

महेंद्र सिंह का शहादत दिवस (Etv Bharat)

कई स्थानों पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी जाएगी

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भाकपा माले के महासचिव कामरेड दीपांकर भट्टाचार्य उपस्थित होंगे. इस संबंध में जानकारी देते हुए भाकपा माले के प्रखंड सचिव परमेश्वर महतो ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत खंभरा से होगी. यहां स्थित उनकी आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी जाएगी. तत्पश्चात बगोदर किसान भवन के सामने स्थित उनकी आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी. इसके बाद संकल्प सभा की शुरुआत होगी.

कार्यक्रम में भाकपा माले के निरसा विधायक अरुप चटर्जी, सिंदरी के भाकपा माले विधायक चंद्रदेव महतो, बगोदर के पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह, राजधनवार के पूर्व विधायक राजकुमार यादव, सिंदरी के पूर्व विधायक आनंद महतो, राज्य सचिव मनोज भक्त, जिला सचिव जर्नादन प्रसाद सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित होंगे.

राजनीति में हमेशा याद किए जाएंगे जन नायक महेंद्र सिंह

बगोदर विधान सभा क्षेत्र का लगातार तीन बार प्रतिनिधित्व करने वाले महेंद्र सिंह राजनीति में हमेशा याद किए जाते रहेंगे. खासकर बगोदर इलाके की जब भी राजनीतिक चर्चा होगी उनका नाम लिए बगैर चर्चा अधूरी रह जाएगी. किसान- मजदूरों के अधिकार के लिए सड़क से लेकर झारखंड सदन और बिहार के सदन में उनकी बुलंद आवाज गूंजती थी.

एकीकृत बिहार के समय उन्होंने दो बार और अलग राज्य झारखंड निर्माण के बाद एक बार इस तरह से कुल तीन बार बगोदर विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. इस बीच उनकी लड़ाई सामंती ताकतों, भ्रष्ट नौकरशाहों, पुलिस के जुल्म, महाजनी प्रथा आदि के खिलाफ होती रही. यहां तक कि 1995- 2000 में जब नक्सलियों की तूती बोलती थी उस समय नक्सलियों के मांद झुमरा पहाड़ में चढ़कर नक्सलियों से उन्होंने पंगा लिया था.

साधारण व्यक्ति से जन नायक बन गए

इतना हीं नहीं किसान- मजदूरों और दलित- शोषितों के हक के लिए लड़ाई और आंदोलन करते हुए वो साधारण व्यक्ति से जन नायक बन गए. प्रखर वक्ता, बुलंद आवाज, सादा जीवन ऊंचे विचार उनकी पहचान थी. लूट और फरेब की राजनीति हो या भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था इसका विरोध उन्होंने हमेशा से किया था.

उन्होंने भ्रष्ट व्यवस्था का विरोध किया

आम जनों के हक की बात करने के कारण जहां वह सबके पसंदीदा बने रहे, वहीं भ्रष्ट व्यवस्था का विरोध करने के कारण वह वैसे लोगों की नजरों में कांटा बने रहे. इस बीच वह 1990, 1995 और 2000 के विधानसभा चुनाव में लगातार तीन बार बगोदर से चुनाव जीतकर विधायक बने रहे. चौथी बार 2005 के चुनाव के लिए महेंद्र सिंह नामांकन कराकर चुनावी तैयारी में जुटे हुए थे कि इस दौरान उनके दुश्मनों ने उनकी सरिया के दुर्गी- ध्वैया में 20 साल पूर्व आज के ही तारीख को गोली मारकर हत्या कर दी थी.

सामने मौत देखकर भी महेंद्र सिंह नहीं बोले झूठ

सच को सच कहने की ताकत उनमें उतनी थी कि सामने मौत को देखकर भी उन्होंने झूठ नहीं बोला. वह दुर्गी- ध्वैया में ग्रामीणों के साथ चुनावी बैठक कर रहे थे. इसी बीच एक बाइक पर सवार हथियारों से लैस होकर तीन अपराधी वहां पहुंचे थे और जब एक अपराधी ने यह पूछा कि यहां महेंद्र सिंह कौन है? तब महेंद्र सिंह सामने आकर खुद बोले थे कि मैं हूं महेंद्र सिंह. बोलिए क्या बात है ? इतना सुनते हीं अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी और इस तरह उन्होंने अंतिम समय में भी सच बोलते हुए अपने प्राणों का न्योछावर कर दिया था.

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