जांजगीर चांपा: अक्सर ऐसा देखा जाता है कि बारिश के मौसम में सांप जगह-जगह लोगों को दिख जाते हैं. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश के दिनों में सांप अधिक देखने को मिलते हैं. जांजगीर चांपा में अगर अचानक घर में किसी को सांप दिख जाए तो लोगों को एक ही नाम याद आता है, वो नाम है टिंकू शुक्ला का. जांजगीर के लोग दिन हो या रात हर वक्त लोग बिन बुलाए मेहमान यानी कि सांप को पकड़ने के लिए टिंकू को याद करते हैं. टिंकू शुक्ला एक लोहे का स्टिक लेकर निकल पड़ता है और जहरीला से जहरीला सांप को रेस्क्यू करता है, वो भी मुफ्त में.
15 सालों से कर रहा सांपों का रेस्क्यू: जांजगीर में स्नेक मैन के नाम से प्रसिद्ध टिंकू शुक्ला ने पूरे क्षेत्र में अपनी खास पहचान बना रखी है. दिन हो या रात अगर कोई अपने घर में सांप घुसने की सूचना देता है तो टिंकू शुक्ला अपनी गाड़ी और एक स्टिक लेकर सांप का रेस्क्यू करते हैं. टिंकू शुक्ला रोजाना पांच से सात सांपों का निःशुल्क रेस्क्यू करते हैं. टिंकू शुक्ला ने 15 साल पहले अपने एक दोस्त के घर कोबरा के बच्चों का रेस्क्यू किया, जिसे लोग मारने की तैयारी में थे. टिंकू शुक्ला ने उन सांपो की जान बचा कर सुरक्षित स्थान में उन्हें छोड़ दिया. तभी से जहरीला से जहरीला सापों को मारने के बजाय लोग टिंकू शुक्ला को सूचना देकर अपनी और सांप की जान को बचाते हैं.
सभी जीवों की सुरक्षा करना हमारा उद्देश्य: टिंकू शुक्ला की इस मुहिम में उसका साथ देने वाले युवा भी इस काम को करके काफी खुश हैं. उनका कहना है कि टिंकू शुक्ला निःस्वार्थ भाव से लोगों के साथ जीव-जंतुओ की रक्षा करते हैं. रात हो या दिन जांजगीर नगर और आस-पास के गांव में बड़े-बड़े सांपों का रेस्क्यू करने जाते हैं. साथ ही पकड़े गए सांपों को सुरक्षित स्थानों में छोड़ देते है.
लोगों को देते हैं खास नसीहत: इतना ही नहीं टिंकू शुक्ला लोगों को सांपों के बारे में जागरूक करने की भी कोशिश करते है. साथ ही लोगों को सांपों को ना मारने की सलाह देते हैं. अगर किसी को स्नेक बाइट कर ले तो झाड-फूंक कराने के बजाय अस्पताल में ही उपचार कराने की सलाह देते है. सांप के रेस्क्यू के लिए खुद 24 घंटा तैयार रहते हैं.