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20 मिनट का रास्ता दो घंटे में भी तय नहीं कर सकी MP सरकार की जननी, खुले आसमान के नीचे बच्चे का जन्म

Tikamgarh Pregnant Woman Not get Ambulance: टीकमगढ़ जिले में प्रदेश सरकार की स्वास्थ सेवाओं को पलीता लगाने का मामला सामने आया है. जहां मध्यप्रदेश सरकार की जननी 20 मिनट का रास्ता दो घंटे में भी तय नही कर पाई. दर्द से तड़पती प्रसूता का प्रसव साथ में मौजूद महिलाओं ने रास्ते में ही करा दिया. जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.

birth to child open area tikamgarh
टीकमगढ़ में खुले में बच्चे का जन्म
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 20, 2024, 1:58 PM IST

Updated : Mar 20, 2024, 2:21 PM IST

टीकमगढ़ में गर्भवती को नहीं मिली एंबुलेंस

टीकमगढ़। टीकमगढ़ जिले में नन्नी टेहरी गांव से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जिसमें प्रशासन के दावों की पोल खुलती हुई नजर आ रही है. सरकार भले ही अपनी योजनाओं का ढिंढोरा पीटे, लेकिन ग्रामीण अंचलों में शासन की योजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं. जिसका प्रमाण मंगलवार की शाम टीकमगढ़ जिले के पुलिस थाना बुढेरा के अंतर्गत आने वाले बाबा खेरा नन्नी टेहरी ग्राम पंचायत में देखने को मिला. जहां बार-बार फोन करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची.

2 घंटे में भी नहीं पहुंची एंबुलेंस

गांव के रहने वाले हर्बल रैकवार की बहू सीमा को प्रसव पीड़ा हुई. जिसके बाद उसने 108 जननी एक्सप्रेस वाहन को कॉल किया, लेकिन 2 घंटे तक पूरा परिवार गांव में 108 जननी एक्सप्रेस वाहन का इंतजार करता रहा. लेकिन प्रसव पीड़ा बढ़ने लगी तो गांव के तालाब के पास ही परिवारजनों ने गांव की अन्य महिलाओं को बुलाकर महिला का प्रसव कराया. जहां महिला ने एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया.

खुले आसमान के नीचे महिला का प्रसव

गांव के रहने वाले राजकुमार के अनुसार, ''काफी इंतजार के बाद 108 एंबुलेंस गांव में नहीं पहुंची. महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ती गई तो ऐसे में और कोई ऑप्शन नहीं था, तो खुले आसमान के नीचे ही प्रसव कराया गया. इसके बाद प्रसूता को नजदीकी सरकारी अस्पताल बुढेरा ले जाया गया है, जहां पर जच्चा और बच्चा दोनों ही ठीक हैं.'' वही, इस संबंध में टीकमगढ़ जिले के सीएमएचओ से फोन पर बात करनी चाहिए तो उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया.

जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ

बताया जा रहा है कि, जब खुले आसमान के नीचे महिला का प्रसव हो रहा था तो ग्रामीणों ने इसकी सूचना तुरंत नन्ही टिहरी गांव की रहने वाली आशा कार्यकर्ता रामा रजक को दी. जो उस समय अपने घर में खाना बना रही थी, वह दौड़ते हुए मौके पर पहुंची और प्रसव करके तुरंत उसने पुनः 108 एंबुलेंस को फोन लगाया. इसके बाद करीब 2 घंटे बाद 108 एंबुलेंस पहुंची और जच्चा बच्चा दोनों को अस्पताल लेकर पहुंची.

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एंबुलेंस में मौजूद नहीं थी आशा कार्यकर्ता

रामा रजक के अनुसार, इसमें सबसे बड़ी गलती 108 एंबुलेंस चालक की है, जब परिवार द्वारा उन्हें फोन लगाया गया तो परिवार को बोला गया कि वह 20 मिनट में एंबुलेंस लेकर आ रहा है, लेकिन 2 घंटे तक 108 एंबुलेंस नहीं पहुंची. यहां भी बताया जा रहा है कि, जिस आशा कार्यकर्ता की इस महिला को ले जाने की जिम्मेदारी थी, वह भी साथ नहीं थी. ऐसे में इस परिवार के लिए भगवान के रूप में रामा रजक पहुंची जिन्होंने खुले आसमान के नीचे महिला का सुरक्षित प्रसव कराया जिसकी गांव में हर कोई तारीफ कर रहा है.

टीकमगढ़ में गर्भवती को नहीं मिली एंबुलेंस

टीकमगढ़। टीकमगढ़ जिले में नन्नी टेहरी गांव से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जिसमें प्रशासन के दावों की पोल खुलती हुई नजर आ रही है. सरकार भले ही अपनी योजनाओं का ढिंढोरा पीटे, लेकिन ग्रामीण अंचलों में शासन की योजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं. जिसका प्रमाण मंगलवार की शाम टीकमगढ़ जिले के पुलिस थाना बुढेरा के अंतर्गत आने वाले बाबा खेरा नन्नी टेहरी ग्राम पंचायत में देखने को मिला. जहां बार-बार फोन करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची.

2 घंटे में भी नहीं पहुंची एंबुलेंस

गांव के रहने वाले हर्बल रैकवार की बहू सीमा को प्रसव पीड़ा हुई. जिसके बाद उसने 108 जननी एक्सप्रेस वाहन को कॉल किया, लेकिन 2 घंटे तक पूरा परिवार गांव में 108 जननी एक्सप्रेस वाहन का इंतजार करता रहा. लेकिन प्रसव पीड़ा बढ़ने लगी तो गांव के तालाब के पास ही परिवारजनों ने गांव की अन्य महिलाओं को बुलाकर महिला का प्रसव कराया. जहां महिला ने एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया.

खुले आसमान के नीचे महिला का प्रसव

गांव के रहने वाले राजकुमार के अनुसार, ''काफी इंतजार के बाद 108 एंबुलेंस गांव में नहीं पहुंची. महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ती गई तो ऐसे में और कोई ऑप्शन नहीं था, तो खुले आसमान के नीचे ही प्रसव कराया गया. इसके बाद प्रसूता को नजदीकी सरकारी अस्पताल बुढेरा ले जाया गया है, जहां पर जच्चा और बच्चा दोनों ही ठीक हैं.'' वही, इस संबंध में टीकमगढ़ जिले के सीएमएचओ से फोन पर बात करनी चाहिए तो उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया.

जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ

बताया जा रहा है कि, जब खुले आसमान के नीचे महिला का प्रसव हो रहा था तो ग्रामीणों ने इसकी सूचना तुरंत नन्ही टिहरी गांव की रहने वाली आशा कार्यकर्ता रामा रजक को दी. जो उस समय अपने घर में खाना बना रही थी, वह दौड़ते हुए मौके पर पहुंची और प्रसव करके तुरंत उसने पुनः 108 एंबुलेंस को फोन लगाया. इसके बाद करीब 2 घंटे बाद 108 एंबुलेंस पहुंची और जच्चा बच्चा दोनों को अस्पताल लेकर पहुंची.

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एंबुलेंस में मौजूद नहीं थी आशा कार्यकर्ता

रामा रजक के अनुसार, इसमें सबसे बड़ी गलती 108 एंबुलेंस चालक की है, जब परिवार द्वारा उन्हें फोन लगाया गया तो परिवार को बोला गया कि वह 20 मिनट में एंबुलेंस लेकर आ रहा है, लेकिन 2 घंटे तक 108 एंबुलेंस नहीं पहुंची. यहां भी बताया जा रहा है कि, जिस आशा कार्यकर्ता की इस महिला को ले जाने की जिम्मेदारी थी, वह भी साथ नहीं थी. ऐसे में इस परिवार के लिए भगवान के रूप में रामा रजक पहुंची जिन्होंने खुले आसमान के नीचे महिला का सुरक्षित प्रसव कराया जिसकी गांव में हर कोई तारीफ कर रहा है.

Last Updated : Mar 20, 2024, 2:21 PM IST
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