लखनऊः काकोरी के रहमान खेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के आसपास कई गांवों के लोग दहशत में हैं. क्योंकि यहां पिछले तीन सप्ताह से बाघ को देखने मिल रहा है. अब दावा है कि शनिवार को रहमान खेड़ा स्थित रेलवे लाइन पर मरम्मत कार्य चल रहा था, इस दौरान सामने से बाघ आ गया. जिसको देखते ही कर्मचारी भागने लगे. इस दौरान कई कर्मचारी घायल हो गए. इसके बाद कर्मचारियों ने वन विभाग को सूचना दी. वन विभाग की टीम ने पहुंचकर निरीक्षण किया लेकिन उन्हें बाघ का कोई निशान नहीं मिला.
रेलवे कर्मचारी भोला कुमार ने बताया कि वह अन्य लोगों के साथ रेलवे लाइन पर काम कर रहे थे. अचानक बाघ उनके सामने आ गया, जिससे वह लोग घबरा गए. आनन-फानन में सभी लोग वहां से भाग लिए. जिसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई. काफी देर बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, तक बाघ जा चुका था.
बार-बार लोकेशन बदल रहा बाघः बता दें कि 12 दिसंबर को रहमान खेड़ा के केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के ब्लाक नंबर चार के पास जंगल में नीलगाय का शिकार करने के दो दिन बाद से बाघ ने अपनी लोकेशन को बदला है. वह आबादी के बीच पहुंच रहा है. जगह-जगह उसके पदचिह्न मिल रहे हैं. काकोरी से जुड़े नौ गांवों में बाघ की दहशत है. रहमान खेड़ा, मीठेनगर और फिर जगह बदलता रहा. हलुवापुर, कटौली, उलारापुर, सलियामऊ, गुरुदीन खेड़ा, मेंथीपुर और गोखौरा में बाघ के पहुंचने के बाद से गांव में सन्नाटा पसरा है. पालतू पशुओं की सुरक्षा के साथ घरों के अंदर ही रखा जा रहा है. लोगों ने खेतों में जाना और लकड़ी बीनने का भी काम बंद कर दिया है.
बाघ की निगरानी के लिए गए कैमरे, बुलाए गए विशेषज्ञ
वन विभाग का मानना है कि रहमान खेड़ा से करीब आठ से दस किलोमीटर जाने के बाद बाघ फिर से लौट रहा है. वह शिकार की तलाश में है. डीएफओ अवध सितांशु पांडेय ने बताया कि टीम के साथ बाघ के देखे जाने वाले संभावित जगहों पर दौरा किया और उनकी निगरानी के लिए लगाए गए कैमरों को देखा. रहमान खेड़ा रेलवे लाइन के आसपास बाघ देखे जाने के बाद वन विभाग की टीम विशेष ध्यान रख रही है. वन विभाग के साथ ही लखीमपुर खीरी और सीतापुर से विशेषज्ञों की टीम को बुलाया गया है.