बेतिया: वीटीआर के मानपुर वन क्षेत्र के परिसर से बीते 13 जुलाई को नए इलाके की तलाश में निकला व्यस्क नर बाघ परसा नेशनल पार्क नेपाल में प्रवेश कर गया है. वन विभाग की टाइगर ट्रैकिंग टीम के अनुसार बाघ 3 अगस्त को वाल्मीकि आश्रयणी के रास्ते नेपाल में प्रवेश किया है. यह दावा वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के डीएफओ-1 प्रद्युमन गौरव का है.
बेतिया से नेपाल पहुंचा बाघ : वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के डीएफओ-1 प्रद्युमन गौरव ने बताया कि वीटीआर के जंगल से नए इलाके की तलाश में भटका नर बाघ 22 दिनों में 125 किलोमीटर की दूरी तय कर नेपाल के परसा नेशनल पार्क में प्रवेश कर गया है. डीएफओ ने बताया कि इस दौरान बाघ ने इंसानों और पालतू पशुओं को कोई क्षति नहीं पहुंचायी है. इससे स्पष्ट होता है कि बाघ हिंसक नहीं है.
"वह (बाघ) छेड़छाड़ और अत्यधिक शोरगुल से तंग आकर प्रतिक्रिया देता है. मानपुर वन क्षेत्र के परिसर से भटका बाघ बिरहा नदी के रास्ते मैनाटांड़ अंचल होते हुए चनपटिया के पुरैना, कर्णपट्टी इत्यादि गांवों में विचरण करते हुए गया है. वीटीआर की 15 सदस्यीय ट्रैकिंग टीम बाघ के ट्रैकिंग, अनुश्रवण और उसे जंगल की ओर मोड़ने के लिए काम में जुटी थी. जिसके फलस्वरुप बाघ जंगल में प्रवेश कर गया है."- प्रद्युमन गौरव, DFO-1, वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना
ट्रैकिंग में जुटे वन कर्मियों को किया जाएगा सम्मानित: वहीं उन्होंने कहा कि ट्रैकिंग में जुटे वन कर्मियों का कार्य बेहद ही सराहनीय रहा है. उन्हें वीटीआर प्रशासन की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा. इधर, वीटीआर प्रशासन ने ट्रैकिंग में जुटे वन कर्मियों, स्थानीय पुलिस प्रशासन एवं आम जनता को धन्यवाद दिया है. बता दें कि मानपुर वन क्षेत्र के परिसर से भटका व्यस्क नर बाघ बिरहा नदी के रास्ते मैनाटांड़, चनपटिया के पुरैना समेत कई गांवों में घूमता हुआ देखा गया था, जिसके कारण लोगों मे डर बना हुआ था.
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