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रेवाड़ी में टाइगर की दहशत, 24 घंटे बाद भी नहीं मिला सुराग, ड्रोन के जरिए की जा रही तलाश

Tiger in Rewari: रेवाड़ी में टाइगर का रेस्क्यू 24 घंटे बीत जाने के बाद भी नहीं हो पाया है. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक टाइगर रेवाड़ी के खरखड़ा ढाणी गांव में छिपा है. ड्रोन के जरिए टाइगर की मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है. वहीं ग्रामीण डर की वजह से घरों में ही रहने को मजबूर हैं.

Tiger in Rewari
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 20, 2024, 12:33 PM IST

रेवाड़ी: 24 घंटे से ज्यादा बीत जाने के बाद भी रेवाड़ी में टाइगर का कुछ पता नहीं चल पाया है. राजस्थान से हरियाणा में घुसे टाइगर का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. बताया जा रहा है कि टाइगर भटसाना गांव से निकलकर देर रात खरखड़ा ढाणी गांव में प्रवेश कर चुका है. शनिवार सुबह टाइगर के पैर के निशान खरखड़ा ढाणी गांव के पास मिले हैं. वन विभाग की टीम अब इस इलाके में पिंजरा डालकर टाइगर का रेस्क्यू करने में जुटी हुई.

घर से बाहर नहीं निकल रहे लोग: रेवाड़ी में टाइगर के खौफ से ग्रामीण घर से भी बाहर नहीं निकल रहे हैं. किसान भी दिन के समय ग्रुप बनाकर खेतों में जा रहे हैं. शाम होने से पहले वो भी घर आ जाते हैं. दरअसल टाइगर को लेकर जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है. जिसमें कहा गया है कि नर टाइगर के रेस्क्यू को लेकर आमजन प्रशासन की मदद करें. कोई भी जंगली जानवर दिखाई दे तो पत्थर, लकड़ी या किसी अन्य चीज से वार कर उसे परेशान ना करें. जब कोई जंगली जानवर दिखाई दे तो शोर मत मचाओ. तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दें.

प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी: प्रशासन की तरफ से ग्रामीणों को अपील की गई है कि वो सुबह सात बजे से पहले और शाम पांच बजे के बाद खेत में ना जाएं. अगर किसी कारण जाना भी पड़े तो अकेले ना जाएं, ग्रुप बनाकर खेतों में जाएं. इसके अलावा टाइगर के दिखाई देने पर या किसी मवेशी के शिकार की सूचना तुरंत प्रशासन को दें. सबसे जरूरी बात ये कि ग्रामीण किसी भी अफवाह पर भरोसा ना करें. टाइगर को लेकर जो भी जानकारी होगी. प्रशासन की तरफ से ग्रामीणों को बता दिया जाएगा. वन विभाग और जिला प्रशासन की टीम टाइगर पर नजर रखे हुए है.

ड्रोन के जरिए चप्पे-चप्पे पर रखी जा रही नजर: शनिवार की सुबह टाइगर की मूवमेंट रेवाड़ी के गांव भटसाना में मिली थी, इसके बाद ततारपुर खालसा और फिर खरखड़ा के आसपास देखी गई. रेवाड़ी और अलवर वन विभाग के अलावा सरिस्का बाघ परियोजना की स्पेशल टीमें पिछले 24 घंटे से रेवाड़ी जिले के तीन गांवों में टाइगर का रेस्क्यू करने में लगी हुई हैं. अधिकारियों ने बताया कि टाइगर सरसों के खेत में छिपा हो सकता है. ड्रोन की मदद से उसकी हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है. जल्द ही उसे रेस्क्यू भी कर लिया जाएगा.

दरअसल टाइगर राजस्थान सरिस्का वन क्षेत्र से भटक कर हरियाणा के रेवाड़ी जिले में आ गया था. जिसको पकड़ने के लिए शनिवार को दूसरे दिन भी रेस्क्यू जारी है. रेवाड़ी के अलावा अलवर जिले के फोरेस्ट डिपार्टमेंट की टीमें टाइगर को पकड़ने में लगी हुई हैं. टाइगर को पकड़ने के लिए खेतों में एक पिंजरा रखा गया है. जिसमें भैंस के कटड़े को बांधा गया है. कटड़े की आवाज का सायरन भी बजाया जा रहा है, जिसे टाइगर उसे खाने के लिए आए. वहीं रेवाड़ी वन विभाग ने डीसी राहुल हुड्डा को एक पत्र लिखकर इलाके में धारा 144 लगाने का आग्रह भी किया है. इस पर डीसी ने कहा कि फिलहाल धारा 144 लागू कर भीड़ नियंत्रण करने की स्थिति नहीं है. अगर जरूरत पड़ी तो धारा 144 भी लागू करेंगे.

ये भी पढ़ें- रेवाड़ी के भटसाना गांव में टाइगर घुसने से दहशत का माहौल, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

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रेवाड़ी: 24 घंटे से ज्यादा बीत जाने के बाद भी रेवाड़ी में टाइगर का कुछ पता नहीं चल पाया है. राजस्थान से हरियाणा में घुसे टाइगर का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. बताया जा रहा है कि टाइगर भटसाना गांव से निकलकर देर रात खरखड़ा ढाणी गांव में प्रवेश कर चुका है. शनिवार सुबह टाइगर के पैर के निशान खरखड़ा ढाणी गांव के पास मिले हैं. वन विभाग की टीम अब इस इलाके में पिंजरा डालकर टाइगर का रेस्क्यू करने में जुटी हुई.

घर से बाहर नहीं निकल रहे लोग: रेवाड़ी में टाइगर के खौफ से ग्रामीण घर से भी बाहर नहीं निकल रहे हैं. किसान भी दिन के समय ग्रुप बनाकर खेतों में जा रहे हैं. शाम होने से पहले वो भी घर आ जाते हैं. दरअसल टाइगर को लेकर जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है. जिसमें कहा गया है कि नर टाइगर के रेस्क्यू को लेकर आमजन प्रशासन की मदद करें. कोई भी जंगली जानवर दिखाई दे तो पत्थर, लकड़ी या किसी अन्य चीज से वार कर उसे परेशान ना करें. जब कोई जंगली जानवर दिखाई दे तो शोर मत मचाओ. तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दें.

प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी: प्रशासन की तरफ से ग्रामीणों को अपील की गई है कि वो सुबह सात बजे से पहले और शाम पांच बजे के बाद खेत में ना जाएं. अगर किसी कारण जाना भी पड़े तो अकेले ना जाएं, ग्रुप बनाकर खेतों में जाएं. इसके अलावा टाइगर के दिखाई देने पर या किसी मवेशी के शिकार की सूचना तुरंत प्रशासन को दें. सबसे जरूरी बात ये कि ग्रामीण किसी भी अफवाह पर भरोसा ना करें. टाइगर को लेकर जो भी जानकारी होगी. प्रशासन की तरफ से ग्रामीणों को बता दिया जाएगा. वन विभाग और जिला प्रशासन की टीम टाइगर पर नजर रखे हुए है.

ड्रोन के जरिए चप्पे-चप्पे पर रखी जा रही नजर: शनिवार की सुबह टाइगर की मूवमेंट रेवाड़ी के गांव भटसाना में मिली थी, इसके बाद ततारपुर खालसा और फिर खरखड़ा के आसपास देखी गई. रेवाड़ी और अलवर वन विभाग के अलावा सरिस्का बाघ परियोजना की स्पेशल टीमें पिछले 24 घंटे से रेवाड़ी जिले के तीन गांवों में टाइगर का रेस्क्यू करने में लगी हुई हैं. अधिकारियों ने बताया कि टाइगर सरसों के खेत में छिपा हो सकता है. ड्रोन की मदद से उसकी हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है. जल्द ही उसे रेस्क्यू भी कर लिया जाएगा.

दरअसल टाइगर राजस्थान सरिस्का वन क्षेत्र से भटक कर हरियाणा के रेवाड़ी जिले में आ गया था. जिसको पकड़ने के लिए शनिवार को दूसरे दिन भी रेस्क्यू जारी है. रेवाड़ी के अलावा अलवर जिले के फोरेस्ट डिपार्टमेंट की टीमें टाइगर को पकड़ने में लगी हुई हैं. टाइगर को पकड़ने के लिए खेतों में एक पिंजरा रखा गया है. जिसमें भैंस के कटड़े को बांधा गया है. कटड़े की आवाज का सायरन भी बजाया जा रहा है, जिसे टाइगर उसे खाने के लिए आए. वहीं रेवाड़ी वन विभाग ने डीसी राहुल हुड्डा को एक पत्र लिखकर इलाके में धारा 144 लगाने का आग्रह भी किया है. इस पर डीसी ने कहा कि फिलहाल धारा 144 लागू कर भीड़ नियंत्रण करने की स्थिति नहीं है. अगर जरूरत पड़ी तो धारा 144 भी लागू करेंगे.

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