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छत्तीसगढ़ में बाघ की मौत, गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में मिला शव, वन विभाग के दावे फेल

कोरिया जिले के भरतपुर सोनहत वन परिक्षेत्र में एक बाघ का शव मिला है. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची है.

Tiger dies in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में बाघ की मौत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 8, 2024, 8:14 PM IST

कोरिया : गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान अंतर्गत जिले में सोनहत वन परिक्षेत्र के देवसील कटवार के समीप नदी किनारे एक बाघ का शव मिलने से हड़कंप मच गया है. इसकी सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची है और जांच पड़तल कर रही है. हालांकि, अभी बाघ के मौत की वजह का खुलासा नहीं हुआ है.

बाघ की मौत से सवालों के घेरे में वन विभाग : सोनहत वन परिक्षेत्र में लगातार बाघ के विचरण की खबरें मिल रही थीं. बताया जा रहा था कि बाघ ने कई मवेशियों को अपना शिकार बनाया था. इसे ध्यान में रखते हुए वन विभाग की ओर से क्षेत्र के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई थी और बाघ के गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी. इस बीच वन विभाग के तमाम दावे तब फेल हो गए, जब बाघ का शव देवसील कटवार के समीप नदी किनारे मिला.

वन विभाग के दावों की खुली पोल : वन्य जीवों के संरक्षण के लिए वन विभाग बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन इस बाघ की मौत से उनके इन दावों की पोल खुल गई है. आखिरकार वन विभाग बाघ की सुरक्षा करने में नाकाम क्यों रहा? निगरानी के बावजूद बाघ की मौत कैसे हो गई? ऐसे तमाम सवाल बाघ की मौत से उठ रहे हैं.

वन विभाग के अधिकारियों ने साधी चुप्पी : इस मामले में जब गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के संयुक्त संचालक से संपर्क करने का प्रयास किया गया. लेकिन उनके द्वारा किसी भी तरह का जवाब देने से इनकार कर दिया गया. वन विभाग के उच्चाधिकारियों ने भी इस मामले में चुप्पी साध रखी है, जिससे बाघ की मौत संदेह के घेरे में है.

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बाघ की मौत से सवालों के घेरे में वन विभाग : सोनहत वन परिक्षेत्र में लगातार बाघ के विचरण की खबरें मिल रही थीं. बताया जा रहा था कि बाघ ने कई मवेशियों को अपना शिकार बनाया था. इसे ध्यान में रखते हुए वन विभाग की ओर से क्षेत्र के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई थी और बाघ के गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी. इस बीच वन विभाग के तमाम दावे तब फेल हो गए, जब बाघ का शव देवसील कटवार के समीप नदी किनारे मिला.

वन विभाग के दावों की खुली पोल : वन्य जीवों के संरक्षण के लिए वन विभाग बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन इस बाघ की मौत से उनके इन दावों की पोल खुल गई है. आखिरकार वन विभाग बाघ की सुरक्षा करने में नाकाम क्यों रहा? निगरानी के बावजूद बाघ की मौत कैसे हो गई? ऐसे तमाम सवाल बाघ की मौत से उठ रहे हैं.

वन विभाग के अधिकारियों ने साधी चुप्पी : इस मामले में जब गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के संयुक्त संचालक से संपर्क करने का प्रयास किया गया. लेकिन उनके द्वारा किसी भी तरह का जवाब देने से इनकार कर दिया गया. वन विभाग के उच्चाधिकारियों ने भी इस मामले में चुप्पी साध रखी है, जिससे बाघ की मौत संदेह के घेरे में है.

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