पश्चिम चंपारण : पश्चिम चंपारण के बगहा में बाघ का शव मिला है. वाल्मिकी टाइगर रिजर्व वन प्रक्षेत्र एक अंतर्गत मंगुराहा वन क्षेत्र के कक्ष संख्या 46 में वनकर्मियोंं को एक बाघ का शव दिखा. जिसके बाद इसकी सूचना वरीय पदाधिकारियों को दी गई. बाघ का शव देखने के बाद वनकर्मियों की बेचैनी बढ़ गई थी, क्योंकि बाघ के शरीर पर गंभीर चोट के निशान थे और वह खून से लथपथ था.
वीटीआर में बाघों की लड़ाई : सूचना के बाद सीएफ नेशामनी और डीएफओ प्रदुम्न गौरव के नेतृत्व में डाक्टर एवं बॉयोलॉजिस्ट की टीम घटनास्थल पर पहुंची, तो प्रथम दृष्टया मामला दो बाघों के आपसी संघर्ष में हुए मौत का पाया. जांच पड़ताल के बाद बाघ का पोस्टमार्टम किया गया.
''वनकर्मियों ने गस्त के दौरान एक 8 वर्षीय बाघ का शव देखा जो कि दो दिन पूर्व का प्रतीत हो रहा है. जैसे ही हमें इसकी सूचना मिली हम घटनास्थल पर पहुंचे. मौके पर जांच पड़ताल के क्रम में अंदेशा हुआ कि दो बाघों के आपसी लड़ाई में एक की जान गई होगी. फिलहाल बाघ का पोस्टमार्टम करा कर उसका बिसरा वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया देहरादून और इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली भेजा जाएगा. ताकि बाघ के मौत के मुख्य कारणों का पता लग सके.''- प्रदुम्न गौरव, डीएफओ
25 मार्च को भी एक बाघ की हुई थी मौत : बता दें कि विगत 25 मार्च 2024 को भी मंगुराहा वन क्षेत्र के कक्ष संख्या S -55 में एक नर बाघ का शव मिला था. उस मृत बाघ के बारे में भी अंदाजा लगाया गया था कि दो बाघों के आपसी जंग में एक की मौत हुई होगी. एक दो मर्तबा तेंदुआ भी ऐसे ही आपसी संघर्ष में मृत पाया गया है. बता दें कि फिलहाल वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में लगातार बाघों का कुनबा बढ़ रहा है, वर्तमान में 60 से अधिक बाघ हैं.
बाघों और तेंदुओं में होता है संघर्ष : वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में अमूमन बाघों या तेंदुओं के बीच आपसी संघर्ष होता रहता है. ईटीवी भारत ने 'वर्ल्ड टाइगर डे' पर विस्तार पूर्वक बताया था कि वन क्षेत्र में बाघ या तेंदुआ अपना टेरिटरी कैसे कायम करते हैं. इनके टेरिटरी में जब दूसरा बाघ या तेंदुआ घुसता है तो इनके बीच आपसी संघर्ष हो जाता है. किसी एक को अपनी जान गंवानी पड़ती है.
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