ETV Bharat / state

गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में छोड़ा गया रेस्क्यू किया बाघ - TIGER IN TAMOR PINGLA TIGER RESERVE

गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में आने वाले दिनों में बाघों की आबादी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.

Tiger caught from Kasdol
तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में बाघ (Chhattisgarh Forest department)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 28, 2024, 10:47 AM IST

बलौदाबाजार: बलौदाबाजार वनमंडल के कसडोल नगर से रेस्क्यू किए गए एक नर बाघ को गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में छोड़ा गया है. यह बाघ पिछले आठ महीनों से बारनवापारा वन क्षेत्र में विचरण कर रहा था. हाल ही में कसडोल के ग्राम कोट तक पहुंच गया था.


कसडोल से बाघ का रेस्क्यू: पिछले कुछ महीनों से कसडोल के आसपास के क्षेत्रों में इस नर बाघ की गतिविधियां बढ़ने से स्थानीय लोगों में डर का माहौल था. वन विभाग ने तुरंत बाघ को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए विशेषज्ञों की टीम भेजी. रेस्क्यू टीम में वन्यजीव चिकित्सा अधिकारी और अन्य विशेषज्ञ भी शामिल थे, जिन्होंने सोमवार को बाघ को ट्रैक्यूलाइज कर सुरक्षित तरीके से पकड़ा.

Tiger caught from Kasdol
कसडोल शहर से बाघ का रेस्क्यू (Chhattisgarh Forest department)

देश के चौथे बड़े टाइगर रिजर्व में बढ़ेगी बाघों की आबादी: रेस्क्यू के बाद बाघ को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ पाए जाने पर, वन विभाग ने इसे गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में छोड़ दिया गया है. इस स्थान को बाघों के संरक्षण के लिहाज से एक आदर्श क्षेत्र माना जाता है, और अब इस नर बाघ की दहाड़ यहां गूंजेगी. नर बाघ के यहां पहुंचने से इस क्षेत्र के बाघों की आबादी भी बढ़ेगी. यह न केवल बाघों के संरक्षण के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केन्द्र बनेगा.

टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा कसडोल शहर में पकड़ा गया बाघ, सीएम साय ने फॉरेस्ट विभाग को दी बधाई
दुर्ग के मैत्री बाग में व्हाइट टाइगर के लिए अलाव, अन्य जानवरों के लिए भी खास इंतजाम
प्रकृति प्रेमियों को पसंद आ रहा बारनवापारा अभयारण्य, तीन नए गेटों से जंगल सफारी की शुरूआत

बलौदाबाजार: बलौदाबाजार वनमंडल के कसडोल नगर से रेस्क्यू किए गए एक नर बाघ को गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में छोड़ा गया है. यह बाघ पिछले आठ महीनों से बारनवापारा वन क्षेत्र में विचरण कर रहा था. हाल ही में कसडोल के ग्राम कोट तक पहुंच गया था.


कसडोल से बाघ का रेस्क्यू: पिछले कुछ महीनों से कसडोल के आसपास के क्षेत्रों में इस नर बाघ की गतिविधियां बढ़ने से स्थानीय लोगों में डर का माहौल था. वन विभाग ने तुरंत बाघ को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए विशेषज्ञों की टीम भेजी. रेस्क्यू टीम में वन्यजीव चिकित्सा अधिकारी और अन्य विशेषज्ञ भी शामिल थे, जिन्होंने सोमवार को बाघ को ट्रैक्यूलाइज कर सुरक्षित तरीके से पकड़ा.

Tiger caught from Kasdol
कसडोल शहर से बाघ का रेस्क्यू (Chhattisgarh Forest department)

देश के चौथे बड़े टाइगर रिजर्व में बढ़ेगी बाघों की आबादी: रेस्क्यू के बाद बाघ को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ पाए जाने पर, वन विभाग ने इसे गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में छोड़ दिया गया है. इस स्थान को बाघों के संरक्षण के लिहाज से एक आदर्श क्षेत्र माना जाता है, और अब इस नर बाघ की दहाड़ यहां गूंजेगी. नर बाघ के यहां पहुंचने से इस क्षेत्र के बाघों की आबादी भी बढ़ेगी. यह न केवल बाघों के संरक्षण के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केन्द्र बनेगा.

टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा कसडोल शहर में पकड़ा गया बाघ, सीएम साय ने फॉरेस्ट विभाग को दी बधाई
दुर्ग के मैत्री बाग में व्हाइट टाइगर के लिए अलाव, अन्य जानवरों के लिए भी खास इंतजाम
प्रकृति प्रेमियों को पसंद आ रहा बारनवापारा अभयारण्य, तीन नए गेटों से जंगल सफारी की शुरूआत
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.