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बगहा में बाघ ने किया भैंसे का शिकार, दहाड़ सुनकर भागे लोग

बगहा में बाघ ने भैंस पर हमला कर उसे मार दिया. हमले के बाद बाघ गन्ने के खेत में छुप गया. पढ़ें

Tiger Attack In Bagaha
बगहा में बाघ का हमला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 11 hours ago

Updated : 10 hours ago

बगहाः बिहार के बगहा में बाघ के हमले की घटना सामने आयी है. दो साल बाद एक बार फिर लोगों में दहशत का माहौल है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जंगल से सटे खेत में चर रहे भैंसे को बाघ ने अपना शिकार बना लिया है. घटना के बाद से विभाग ने ग्रामीणों को जंगल किनारे जाने से मना कर दिया है.

बगहा में बाघ का हमला : घटना बगहा-2 के ढोलबजवा लक्ष्मीपुर पंचायत अंतर्गत हथुहवा गांव की घटना है. जंगल के समीप मंगलवार दोपहर बाघ ने चरवाहे के सामने उसके भैंस को अपना शिकार बना लिया. बताया जा रहा है कि भैंस जंगल किनारे खेत में चर रही थी तभी बाघ दहाड़ता हुआ आया और भैंस का गर्दन दबोच लिया.

Tiger Attack In Bagaha
चरवाहे के सामने भैंस का शिकार (ETV Bharat)

दहाड़ सुनकर भागे लोग : बाघ की दहाड़ सुनकर चरवाहे मवेशियों को छोड़कर गांव की ओर भाग निकले. जिसके बाद ग्रामीण समूह बनाकर मौके पर पहुंचे और शोर मचाया. इसके बाद बाघ जंगल से सटे एक गन्ने के खेत में घुस गया. गांव सटे जंगल में बाघ की मौजूदगी से ग्रामीण दहशत में हैं.

"बाघ द्वारा भैंस का शिकार किया गया है. इसका मुआवजा वन विभाग जांच पड़ताल के बाद देगा. ग्रामीणों को सतर्क और सावधान रहने को कहा गया है. लोगों से अपील की गई है कि वे अकेले खेत की तरफ और जंगल के किनारे ना जाएं." -डॉ. नेशामणि, वन संरक्षक सह निदेशक

Tiger Attack In Bagaha
दो साल बाद फिर से बाघ का दहशत (ETV Bharat)

वीटीआईर में बाघों की संख्या 60 : विशेषज्ञ बताते हैं कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 60 की संख्या में बाघ है. बाघिन हर तरह के मौसम में प्रजनन करते हैं. ठंड के मौसम में दिसंबर से मार्च तक का महीना प्रजनन के लिए अनुकूल होता है. लिहाजा बाघ संवेदनशील हो जाता है और इस दौरान एकांत पसंद करता है. जंगल किनारे लगे गन्ना के खेत को जंगल समझ लेता है.

"बाघिन अमूमन बच्चा जन्म देने के लिए एकांतवास पसंद करती है. नतीजतन गन्ना के खेतों का रुख कर लेती हैं. कई दफा इन खेतों में पालन पोषण होने के कारण बाघ इन खेतों को हीं अपना अधिवास क्षेत्र समझ लेते हैं. अपना आवास क्षेत्र कायम करने के लिए विचरते रहते हैं, यही कारण है कि अपने भोजन की खोज में भैंस पर हमला कर दिया हो." - समीर सिन्हा, वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया

Tiger Attack In Bagaha
बगहा में बाघ के हमले के बाद ग्रामीण (ETV Bharat)

दो साल पहले भी बाघ ने किया था हमलाः इसके पूर्व भी वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जंगल से निकलकर तेंदुआ और बाघ रिहायशी इलाकों में पहुंचे हैं. वर्ष 2022 में छह माह में एक आदमखोर बाघ ने 9 ग्रामीणों को अपना शिकार बनाया था. इसको मारने के लिए 8 शूटरों की टीम आई थी. बाघ भी गन्ना के खेत में जन्मा था और जंगल में अपना अधिवास क्षेत्र कायम नहीं कर पाया था. एक बार फिर इस तरह की घटना से लोगों में दहशत है. वन विभाग की टीम बाघ के पग मार्क को ट्रेस कर रही है.

यह भी पढ़ेंः

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बगहाः बिहार के बगहा में बाघ के हमले की घटना सामने आयी है. दो साल बाद एक बार फिर लोगों में दहशत का माहौल है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जंगल से सटे खेत में चर रहे भैंसे को बाघ ने अपना शिकार बना लिया है. घटना के बाद से विभाग ने ग्रामीणों को जंगल किनारे जाने से मना कर दिया है.

बगहा में बाघ का हमला : घटना बगहा-2 के ढोलबजवा लक्ष्मीपुर पंचायत अंतर्गत हथुहवा गांव की घटना है. जंगल के समीप मंगलवार दोपहर बाघ ने चरवाहे के सामने उसके भैंस को अपना शिकार बना लिया. बताया जा रहा है कि भैंस जंगल किनारे खेत में चर रही थी तभी बाघ दहाड़ता हुआ आया और भैंस का गर्दन दबोच लिया.

Tiger Attack In Bagaha
चरवाहे के सामने भैंस का शिकार (ETV Bharat)

दहाड़ सुनकर भागे लोग : बाघ की दहाड़ सुनकर चरवाहे मवेशियों को छोड़कर गांव की ओर भाग निकले. जिसके बाद ग्रामीण समूह बनाकर मौके पर पहुंचे और शोर मचाया. इसके बाद बाघ जंगल से सटे एक गन्ने के खेत में घुस गया. गांव सटे जंगल में बाघ की मौजूदगी से ग्रामीण दहशत में हैं.

"बाघ द्वारा भैंस का शिकार किया गया है. इसका मुआवजा वन विभाग जांच पड़ताल के बाद देगा. ग्रामीणों को सतर्क और सावधान रहने को कहा गया है. लोगों से अपील की गई है कि वे अकेले खेत की तरफ और जंगल के किनारे ना जाएं." -डॉ. नेशामणि, वन संरक्षक सह निदेशक

Tiger Attack In Bagaha
दो साल बाद फिर से बाघ का दहशत (ETV Bharat)

वीटीआईर में बाघों की संख्या 60 : विशेषज्ञ बताते हैं कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 60 की संख्या में बाघ है. बाघिन हर तरह के मौसम में प्रजनन करते हैं. ठंड के मौसम में दिसंबर से मार्च तक का महीना प्रजनन के लिए अनुकूल होता है. लिहाजा बाघ संवेदनशील हो जाता है और इस दौरान एकांत पसंद करता है. जंगल किनारे लगे गन्ना के खेत को जंगल समझ लेता है.

"बाघिन अमूमन बच्चा जन्म देने के लिए एकांतवास पसंद करती है. नतीजतन गन्ना के खेतों का रुख कर लेती हैं. कई दफा इन खेतों में पालन पोषण होने के कारण बाघ इन खेतों को हीं अपना अधिवास क्षेत्र समझ लेते हैं. अपना आवास क्षेत्र कायम करने के लिए विचरते रहते हैं, यही कारण है कि अपने भोजन की खोज में भैंस पर हमला कर दिया हो." - समीर सिन्हा, वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया

Tiger Attack In Bagaha
बगहा में बाघ के हमले के बाद ग्रामीण (ETV Bharat)

दो साल पहले भी बाघ ने किया था हमलाः इसके पूर्व भी वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जंगल से निकलकर तेंदुआ और बाघ रिहायशी इलाकों में पहुंचे हैं. वर्ष 2022 में छह माह में एक आदमखोर बाघ ने 9 ग्रामीणों को अपना शिकार बनाया था. इसको मारने के लिए 8 शूटरों की टीम आई थी. बाघ भी गन्ना के खेत में जन्मा था और जंगल में अपना अधिवास क्षेत्र कायम नहीं कर पाया था. एक बार फिर इस तरह की घटना से लोगों में दहशत है. वन विभाग की टीम बाघ के पग मार्क को ट्रेस कर रही है.

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Last Updated : 10 hours ago
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