लखनऊ: राजधानी लखनऊ के प्रतिष्ठित केजीएमयू में अब लैप्रोस्कोप के जरिए थायराइड का ऑपरेशन हो सकेगा. जिसमें मरीज को गले में चीरा लगाने से छुटकारा मिल जाएगा. इसकी जानकारी केजीएमयू जनरल सर्जरी विभाग के डॉ. कुशाग्र भटनागर ने दी.
थाइराइड का ऑपरेशन अब बिना गले में चीरा लगाए : केजीएमयू के जनरल सर्जरी विभाग में आयोजित पत्रकार वार्ता में डॉ. कुशाग्र भटनागर ने बताया कि अभी तक गले में चीरा लगाकर ही थायराइड का ऑपरेशन किया जाता था. गले में चीरे का निशान पड़ने की वजह से महिलाएं ऑपरेशन करने से कतराती थी. खासतौर पर जिनकी शादी नहीं हुई होती है. भटनागर ने ये भी बताया कि समय पर ऑपरेशन न होने से बीमारी गंभीर हो जाती है. मर्ज बढ़ने की दिशा में इलाज और भी कठिन हो जाता है.
लैप्रोस्कोप से थायराइड का ऑपरेशन रहा सफल : डॉ. कुशग्रा ने बताया कि लैप्रोस्कोप यानि दूरबीन विधि से थायराइड के ऑपरेशन सफल रहे. अब तक विभाग में नौ मरीजों के ऑपरेशन किए गए हैं. सभी ऑपरेशन सफल रहे हैं. वहीं, डॉ. अवनीश कुमार ने बताया कि लैप्रोस्कोप से थायराइड के ऑपरेशन के कई फायदे हैं. मरीज को दर्द कम होती है. अस्पताल से जल्द छुट्टी मिल जाती है. गले में किसी भी प्रकार का निशान भी नहीं बनता है. उन्होंने बताया कि थायराइड की कमी से घेंघा पनपता है. महिलाओं में यह बीमारी अधिक होती है.
60 हजार मरीजों का ओपीडी में इलाज : डॉ. सुरेंद्र कुमार ने बताया कि केजीएमयू के जनरल सर्जरी विभाग में करीब 240 बेड हैं. 22 सीनियर डॉक्टर हैं. जबकि 75 सीनियर और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर हैं. उन्होंने बताया कि पिछले साल करीब 10 हजार ऑपरेशन विभाग में हुए हैं. 60 हजार से अधिक मरीज ओपीडी में देखे गए हैं.
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