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197 करोड़ कैश, 23Kg गोल्ड, नोट गिनते-गिनते थके अफसर-मशीनें; इत्र कारोबारी बरी: आखिर किसका था वो कुबेर का खजाना?

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 13, 2024, 10:57 AM IST

Updated : Mar 13, 2024, 12:16 PM IST

कन्नौज के इत्र व्यापारी पीयूष जैन (Piyush jain) को कोर्ट ने विदेशी सोना रखने के मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया है. चलिए जानते हैं तीन साल पहले उनके घर पड़े आईटी छापे से जुड़ी इनसाइड स्टोरी के बारे में.

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कानपुर: कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर पर दिसंबर 2021 में जब माल एवं सेवा कर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) की टीम ने छापा मारा था तो वह भौचक रह गई. इस छापेमारी के दौरान इत्र कारोबारी के कानपुर व कन्नौज स्थित ठिकानों से करीब 197 करोड़ रुपये कैश व 23 किलोग्राम विदेशी सोना बरामद हुआ था. 197 करोड़ के नोटों के बंडल गिनने के लिए टीम को बैंक की नोट काउंट मशीनें लगानी पड़ी थी. यह कार्रवाई कई दिनों तक चली थी. कई दिनों तक चली इस छापेमारी ने देश के तमाम नेताओं और अफसरशाहों की नींदें भी उड़ा दी थीं. 27 दिसंबर को ही डीजीजीआई ने इत्र कारोबारी पीयूष जैन को जेल भेज दिया था. उस दिनों पूरे देश में हर किसी की जुबां पर बस एक सवाल था, आखिर इतनी बड़ी रकम पीयूष जैन के पास कहां से आई?


11445 पन्नों की चार्जशीट हुई थी दाखिल: देश के बेहद चर्चित मामलों में शुमार इत्र कारोबारी पीयूष जैन के मामले में जब डीजीजीआई की टीम ने पीयूष जैन को रिमांड पर लिया तो कारोबारी के खिलाफ कस्टम को मिलाकर कुल दो केस दर्ज हुए. इसके बाद जब पहली बार डीजीजीआई की ओर से चार्जशीट तैयार हुई तो वह 380 पन्नों की थी. हालांकि इत्र कारोबारी की ओर से बेल दाखिल करने का भी सिलसिला शुरु हुआ. कस्टम की ओर से धारा 309 के अंतर्गत रिमांड ली गई फिर, देश में पहली बार ऐसा हुआ जब किसी कारोबारी से आयकर, कस्टम व डीजीजीआई अफसरों की टीम ने संयुक्त रूप से जेल में पूछताछ की. फिर, स्पेशल सीजेएम कोर्ट से इत्र कारोबारी की दोनों बेल खारिज हुई और कमोबेश यही स्थिति कस्टम एक्ट में हाईकोर्ट बेंच में भी सामने आई. वहीं, अंतत: डीजीजीआई की ओर से पीयूष जैन के मामले में 11445 पन्नों की चार्जशीट भी दाखिल की गई थी.


पहली बार डीजीजीआई की हाईकोर्ट बेंच से मिली जमानत: इत्र कारोबारी को अगस्त-सितंबर 2023 के बीच पहली बार डीजीजीआई की हाईकोर्ट बेंच से जमानत मिली. इत्र कारोबारी को करीब 8.5 माह जेल में रहना पड़ा था. केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में विशेष अभियोजक अदालत अम्बरीश टंडन ने बताया कि इत्र कारोबारी के जेल से बाहर आने के बावजूद जांच का सिलसिला जारी रहा. हालांकि इस मामले की गूंज देश से लेकर विदेशों तक रही है. इत्र कारोबारी पीयूष जैन का नाम लोग विदेशों में भी जानते हैं.

23 किलोग्राम विदेशी सोना मामले में किया बरी: केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त विशेष अभियोजक अदालत अंबरीश टंडन ने बताया, कि 12 मार्च 2024 को इत्र कारोबारी पीयूष जैन को बड़ी राहत मिली. 23 किलोग्राम विदेशी सोना मिलने के मामले में सरकार ने इत्र कारोबारी को दोषमुक्त कर दिया. कारोबारी ने कहा, कि उसका सोना से कोई लेनदेन नहीं है.

कैश बरामदगी मामले में 15 को सुनवाई: एक मामले में बरी होने के बाद इत्र कारोबारी पीयूष जैन के अधिवक्ता अम्बरीश टंडन ने बताया कि अब आगामी 15 मार्च को इत्र कारोबारी के घर पर डीजीजीआई टीम के सदस्यों को जो करीब 197 करोड़ रुपये कैश मिले थे, उसकी सुनवाई होगी. इस मामले में 14 लोगों की गवाही भी होनी है. उन्होंने कहा कि इत्र कारोबारी पीयूष जैन भी अपना पक्ष रखने के लिए तैयार हैं. अब इस मामले पर एक बार फिर पूरे देश की नजर है.

ये भी पढ़ेंः इत्र कारोबारी पीयूष जैन बरी; 18 करोड़ के सोने पर क्लेम से इंकार, सरकार करेगी जब्त

ये भी पढ़ेंः LOKSABHA ELECTION 2024; रायबरेली से सोनिया के हटने पर क्या BJP को माइलेज? कांग्रेस के लिए अमेठी 'वजूद का सवाल'

ये भी पढेंः मुख्यमंत्री योगी का होली गिफ्ट: यूपी के लाखों अधिकारियों-कर्मचारियों और पेंशनरों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी

कानपुर: कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर पर दिसंबर 2021 में जब माल एवं सेवा कर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) की टीम ने छापा मारा था तो वह भौचक रह गई. इस छापेमारी के दौरान इत्र कारोबारी के कानपुर व कन्नौज स्थित ठिकानों से करीब 197 करोड़ रुपये कैश व 23 किलोग्राम विदेशी सोना बरामद हुआ था. 197 करोड़ के नोटों के बंडल गिनने के लिए टीम को बैंक की नोट काउंट मशीनें लगानी पड़ी थी. यह कार्रवाई कई दिनों तक चली थी. कई दिनों तक चली इस छापेमारी ने देश के तमाम नेताओं और अफसरशाहों की नींदें भी उड़ा दी थीं. 27 दिसंबर को ही डीजीजीआई ने इत्र कारोबारी पीयूष जैन को जेल भेज दिया था. उस दिनों पूरे देश में हर किसी की जुबां पर बस एक सवाल था, आखिर इतनी बड़ी रकम पीयूष जैन के पास कहां से आई?


11445 पन्नों की चार्जशीट हुई थी दाखिल: देश के बेहद चर्चित मामलों में शुमार इत्र कारोबारी पीयूष जैन के मामले में जब डीजीजीआई की टीम ने पीयूष जैन को रिमांड पर लिया तो कारोबारी के खिलाफ कस्टम को मिलाकर कुल दो केस दर्ज हुए. इसके बाद जब पहली बार डीजीजीआई की ओर से चार्जशीट तैयार हुई तो वह 380 पन्नों की थी. हालांकि इत्र कारोबारी की ओर से बेल दाखिल करने का भी सिलसिला शुरु हुआ. कस्टम की ओर से धारा 309 के अंतर्गत रिमांड ली गई फिर, देश में पहली बार ऐसा हुआ जब किसी कारोबारी से आयकर, कस्टम व डीजीजीआई अफसरों की टीम ने संयुक्त रूप से जेल में पूछताछ की. फिर, स्पेशल सीजेएम कोर्ट से इत्र कारोबारी की दोनों बेल खारिज हुई और कमोबेश यही स्थिति कस्टम एक्ट में हाईकोर्ट बेंच में भी सामने आई. वहीं, अंतत: डीजीजीआई की ओर से पीयूष जैन के मामले में 11445 पन्नों की चार्जशीट भी दाखिल की गई थी.


पहली बार डीजीजीआई की हाईकोर्ट बेंच से मिली जमानत: इत्र कारोबारी को अगस्त-सितंबर 2023 के बीच पहली बार डीजीजीआई की हाईकोर्ट बेंच से जमानत मिली. इत्र कारोबारी को करीब 8.5 माह जेल में रहना पड़ा था. केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में विशेष अभियोजक अदालत अम्बरीश टंडन ने बताया कि इत्र कारोबारी के जेल से बाहर आने के बावजूद जांच का सिलसिला जारी रहा. हालांकि इस मामले की गूंज देश से लेकर विदेशों तक रही है. इत्र कारोबारी पीयूष जैन का नाम लोग विदेशों में भी जानते हैं.

23 किलोग्राम विदेशी सोना मामले में किया बरी: केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त विशेष अभियोजक अदालत अंबरीश टंडन ने बताया, कि 12 मार्च 2024 को इत्र कारोबारी पीयूष जैन को बड़ी राहत मिली. 23 किलोग्राम विदेशी सोना मिलने के मामले में सरकार ने इत्र कारोबारी को दोषमुक्त कर दिया. कारोबारी ने कहा, कि उसका सोना से कोई लेनदेन नहीं है.

कैश बरामदगी मामले में 15 को सुनवाई: एक मामले में बरी होने के बाद इत्र कारोबारी पीयूष जैन के अधिवक्ता अम्बरीश टंडन ने बताया कि अब आगामी 15 मार्च को इत्र कारोबारी के घर पर डीजीजीआई टीम के सदस्यों को जो करीब 197 करोड़ रुपये कैश मिले थे, उसकी सुनवाई होगी. इस मामले में 14 लोगों की गवाही भी होनी है. उन्होंने कहा कि इत्र कारोबारी पीयूष जैन भी अपना पक्ष रखने के लिए तैयार हैं. अब इस मामले पर एक बार फिर पूरे देश की नजर है.

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Last Updated : Mar 13, 2024, 12:16 PM IST
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