मसौढ़ी: बिहार में बेहतर शिक्षा को लेकर सरकार भले ही लाख दावे करती हो लेकिन आज भी शिक्षा की जर्जर व्यवस्था साफ नजर आती है. राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी की यह तस्वीर सरकार के सभी दावों को आइना दिखा रही है. मसौढ़ी प्रखंड के बैरागीबाग प्राथमिक विद्यालय में तीन टीचर एक ही ब्लैक बोर्ड पर बच्चों को पढ़ाते हैं.
एक साथ तीन कक्षाओं की पढ़ाई: बैरागीबाग प्राथमिक विद्यालय में तीन शिक्षक एक ही ब्लैक बोर्ड पर बारी-बारी से बच्चों को पढ़ाने का इंतजार करते हैं. भले ही शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार ने कई बजट पास किए हो लेकिन गांव के स्कूलों की व्यवस्था आज भी नहीं बदल रही है. प्रारंभिक विद्यालय बैरागीबैग में 45 बच्चे हैं और चार टीचर हैं. ऐसे में एक क्लासरूम में 25 बच्चों को तीन क्लास की शिक्षा दी जाती है और एक ही ब्लैक बोर्ड पर तीन टीचर पढ़ाते हैं. छात्रों का कहना है कि उन्हें ऐसे में पढ़ाई समझ नहीं आती है.
"हमारे विद्यालय में चार शिक्षक हैं, कमरे का अभाव है एक ही कक्षा में तीन-तीन शिक्षक पढ़ाते हैं, जिससे समझने में बहुत परेशानी होती हैं, हम ऐसे में कुछ भी समझ नहीं आता है."-अंशु कुमारी, छात्रा
शिक्षक पढ़ाने के लिए करते हैं इंतजार: इस पूरे मामले में बैरागीबाग प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक राम प्रवेश मोची ने कहा कि कमरे के अभाव में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. एक ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाने के लिए शिक्षक अपनी-अपनी बारी का इंतजार करते हैं. एक क्लासरूम में तीसरी, चौथी और पांचवी कक्षा के छात्र बैठते हैं. सभी को साथ में बैठकर पढ़ने में कई तरह की परेशानी होती हैं. वहीं इसके अलावा एमडीएम बनाने के लिए भी कोई जगह नहीं है, वह भी खुले में बनाया जाता है.
"यहां क्लासरूम के आभाव में शिक्षकों को एक ही ब्लैक बोर्ड पर तीन कक्षाओं को पढ़ाना पड़ता है. विद्यालय में एमडीएम बनाने की भी जगह नहीं है, जिसकी वजह से उसे खुले में जिसका धुआं क्लासरूम में भी आता है, जिससे और परेशानी बढ़ाती है."- रामनुज मोची, प्रधानाध्यापक, बैरागीबाग प्राथमिक विद्यालय
क्या कहते हैं शिक्षा पदाधिकारी: विद्यालय में शिक्षकों और बच्चों को हो रही परेशानी पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि प्राथमिक विद्यालयों में जो भी कमी है उसके लिए लगातार जिला में पत्र लिखा जाता है और उन कमियों को दूर किया जाता है. जितने भी सरकारी संसाधन उसमें ही सभी स्कूल बच्चों को पढ़ा रहे हैं. बता दें कि तीन कक्षाओं की पढ़ाई एक ही ब्लैक बोर्ड पर कराने की वजह से काफी समय बर्बाद होता है और बच्चों को भी समझने में दिक्कत आती है. अब देखना ये होगा की शिक्षा पदाधिकारी कब इस परेशानी का हल निकालते हैं.
"जो भी सरकारी संसाधन है, उसी में सभी विद्यालय बच्चों की पढ़ाई कर रहे हैं, जहां जो भी कमियां है उसके लिए लगातार जिला में पत्र लिखा जाता है और उसे दूर किया जाता है."-राजेंद्र ठाकुर, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, मसौढ़ी
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