फिरोजाबाद : उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में पुलिस द्वारा 98 किलो 635 ग्राम मादक पदार्थ पकड़ा गया है, जिसकी इंटरनेशनल मार्केट में कीमत लगभग एक करोड़ रुपए बताई जा रही है. पुलिस के मुताबिक, इस नशीले पदार्थ को उड़ीसा से तस्करी करके लाया जा रहा था और इसकी खेप मथुरा जनपद में उतरनी थी और यहां से दिल्ली एनसीआर में इसकी सप्लाई होनी थी. खास बात यह है कि इस नशीले पदार्थ को फर्जी नंबर प्लेट लगाकर डाक पार्सल वाले कैंटर में छिपाकर लाया जा रहा था, ताकि पुलिस को इसकी भनक न लग सके.
लगा रखी थी फर्जी नंबर प्लेट : एसपी देहात कुंवर रणविजय सिंह ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ चल रहे अभियान के क्रम में गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की गई. थाना मक्खनपुर पुलिस, एसओजी और सर्विलांस टीम द्वारा मुखबिर की सूचना पर बिल्टीगढ़ अंडरपास से जब एक डाक पार्सल रुकवाया गया तो जांच पड़ताल के दौरान यह बात सामने आई कि उस पर जो नंबर प्लेट लगी थी वह फर्जी थी. उसका असली नंबर कुछ और था. जबकि, उस पर लिखा कुछ और था. पुलिस ने जब उस डाक पार्सल को चेक किया तो उसमें 98 किलो 635 ग्राम नशीले पदार्थ भरा था. जिसकी इंटरनेशनल मार्केट में कीमत लगभग एक करोड़ रुपए है. पुलिस ने इस कैंटर गाड़ी से तीन तस्करों को भी गिरफ्तार किया है.
पुलिस कर रही है जांच : उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पूछताछ में अपना नाम किसनो शर्मा जो मथुरा जनपद का रहने वाला है. सुमित जनपद गौतम बुद्ध नगर का और अब्दुल मन्नान अमरोहा जनपद का रहने वाला बताया है. पूछताछ में अभियुक्तों ने यह बताया कि यह उड़ीसा से इस नशीले पदार्थ को काफी सस्ते रेट में खरीदने और चार से पांच गुना अधिक रेट पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और एनसीआर में बेचकर मोटा मुनाफा कमाते हैं. डाक पार्सल गाड़ी का इसलिए इस्तेमाल करते हैं ताकि पुलिस का ध्यान हमारी तरफ ना जाए और पुलिस इसे डाक वाली गाड़ी समझकर न चेक करे. उन्होंने बताया कि इन तीनों अभियुक्तों को सुसंगत धाराओं में जेल भेजने की कार्रवाई की गई है और यह नशीले पदार्थ कहां से किससे लाते थे, कहां इसकी सप्लाई होती थी इन सब बिंदुओं पर जांच की जा रही है.
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