अजमेर. मानसून में बारिश की स्थिति को देखते हुए अजमेर शहर के बीच बनी खूबसूरत आना सागर झील के जल स्तर को कम किया जा रहा है. जिला कलेक्टर भारती दीक्षित के निर्देश पर शनिवार को झील के चार चैनल गेट में से तीन खोले गए. झील में से कुल एक फिट चार इंच पानी निकाला जाएगा, ताकि आगामी बारिश के पानी की आवक के लिए इसमें पर्याप्त जगह हो. इन चैनल गेट के माध्यम से प्रतिदिन झील से 3.12 एमसीएफटी पानी निकाला जाएगा. इधर, मानसून को देखते हुए अजमेर प्रशासन अलर्ट हो गया है. अजमेर के जल संसाधन विभाग के कार्यालय में कंट्रोल रूम खोला गया है.
वर्तमान में आनासागर झील का जलस्तर 12 फिट 4 इंच है. झील से 1 फिट 4 इंच पानी कम करके इसका जल स्तर 11 फिट तक लाने की कवायद की जा रही है. जिला कलेक्टर भारती दीक्षित के निर्देश पर जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता सत्येंद्र मीणा, एडीएम सिटी गजेंद्र सिंह राठौड़ और नगर निगम उपायुक्त लक्ष्मी शेखावत और विभाग के एईएन, जेईएन आदि अधिकारियों की मौजूदगी में झील के तीन गेट खोले गए.
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24 दिन में निकलेगा 1 फिट 4 इंच पानी : जल संसाधन विभाग में अधिशासी अभियंता सत्येंद्र मीणा ने बताया कि आनासागर झील के तीन चैनल गेट खोले गए हैं. इन गेटों को छह इंच तक खोला गया है. प्रतिदिन 3.12 एमसीएफटी पानी झील से निकाला जाएगा. वर्तमान में झीलों का स्तर 12 फिट 4 इंच है. इस जलस्तर को घटाकर 11 फिट किया जाएगा. यानी 1 फिट 4 इंच पानी झील से निकल जाएगा. 24 दिन तक झील का पानी आना सागर एस्केप चैनल में छोड़ा जाएगा, तब 11 फिट झील का स्तर होगा. उन्होंने बताया कि इस अंतराल में यदि तेज बारिश होती है तो झील से पानी निकालने का समय और भी बढ़ सकता है. उन्होंने बताया कि आना सागर एस्केप चैनल से पानी दोराई, तबीजी, पीसांगन होते हुए गोविंदगढ़ बांध में जाता है.
इसलिए घटाया झील का जलस्तर : आनासागर सागर झील की कुल भराव क्षमता 13 फीट है, लेकिन आना सागर झील की भूमि पर कई कालोनियां बस गई. ऐसे में बारिश के दिनों में झील का स्तर बढ़ने पर इन कॉलोनियों में पानी भर जाता है और यहां बाढ़ की स्थिति नजर आने लगती है. सागर विहार कॉलोनी, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, महावीर कॉलोनी, वन विहार कॉलोनी, थर्ड सेक्टर और करणी विहार आदि क्षेत्रों में पानी भर जाता है. लिहाजा, स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने आनासागर झील के जल स्तर को घटाना ही मुनासिब समझा. बता दें कि दो दशक पहले आनासागर झील की भराव क्षमता 16 फीट थी.