करनाल: हरियाणा पुलिस अकादमी करनाल में तीन नए आपराधिक कानूनों पर लोक अभियोजकों एवं पुलिस विभाग के 154 कर्मचारियों का प्रशिक्षण हुआ. ये सभी मास्टर ट्रेनर बनकर अपने जिलों में अन्य कर्मचारियों तीन नए आपराधिक कानूनों का प्रशिक्षण को देंगे. हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में तीन नए कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 पर लोक अभियोजकों के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हो गया है. हरियाणा पुलिस विभाग के 154 कर्मचारियों ने इसमें प्रशिक्षण ग्रहण किया.
हरियाणा में तीन नए कानून के प्रशिक्षण कार्यक्रम: हरियाणा पुलिस विभाग के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के निर्देश एवं हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन के निदेशक डॉक्टर सीएस राव की देखरेख में ये प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम के अंतिम दिन पुलिसकर्मियों की परीक्षा का आयोजन किया गया. 10 दिन के दौरान उन्होंने जो कुछ सीखा है. उसकी परीक्षा भी ली गई. यहां से जाने के बाद सभी अपने-अपने जिलों में मास्टर ट्रेनर के रूप में अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को प्रशिक्षण देंगे.
अभियोजन एवं पुलिस विभाग हरियाणा के तत्वावधान में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर को विस्तार पूर्वक तीन नए कानून के बारे में समझाया गया कि किस प्रकार ये अपराधियों के लिए प्रभावी होंगे. प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला लोक अभियोजक मधुबन के डॉक्टर सोहन सिंह ने तीनों नए कानूनों के अवलोकन, विकास और अधिनियम के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी. विभिन्न सत्रों में उन्होंने नई कानूनी संहिता में नई दंड प्रणाली, विश्लेषण व अभियोजन संबंधी सुधार तथा पुलिस साइंस और क्रिमिनोलॉजी, भारतीय न्याय संहिता के तहत महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध और मानव शरीर को प्रभावित करने वाले अपराध में सुधार विषयों के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी.
कार्यक्रम में प्रशिक्षण लेने आए लोक अभियोजक एवं विभिन्न विभागों के कानूनी अधिकारियों ने कहा कि ये नए आपराधिक कानून समाज के लिए बेहद अहम हैं और इसमें अपराधियों के प्रति प्रभावी सजा का प्रावधान किया गया है. उन्होंने बताया कि ये कानून 1 जुलाई 2024 से प्रभावी होंगे.
क्या है तीन नए कानून में खास? गौरतलब है कि इन तीनों कानूनों का मुख्य उद्देश्य देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को बदलना है जो कि अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे कानूनों पर चल रही थी. इन कानूनों में राजद्रोह के अपराध को भी समाप्त किया गया है. सरकार ने नए कानून में राजद्रोह की धारा, 124 (क) को पूरी तरह से समाप्त कर देशद्रोह में बदलने का काम किया है. इसमें राज्य के खिलाफ अपराध करने की एक नई धारा को शामिल किया गया है. इस नए कानून में राजद्रोह में सशस्त्र विद्रोह, विध्वंसक गतिविधि, संप्रभुता या एकता का खतरे में डालने वाले अपराध, अलगाववादी गतिविधि जैसे अपराधों को शामिल किया गया है. इसके अलावा इन नए कानूनों में मॉब लिंचिंग के हर सदस्य को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी. नए कानूनों में नाबालिग से दुष्कर्म करने के दोषियों को अब फांसी की सजा दी जा सकेगी.