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पाकुड़ पर मां, बाप और बेटे की दावेदारी, किसे मिलेगा? - Pakur Assembly Candidate - PAKUR ASSEMBLY CANDIDATE

पाकुड़ सीट पर प्रत्याशी कौन होगा इसे लेकर काफी चर्चा है. टिकट के लिए आलमगीर आलम परिवार से तीन लोगों ने दावेदारी की है.

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पाकुड़ सीट से परिवार के तीन आवेदन को लेकर बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 4, 2024, 6:11 PM IST

रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस चुनाव अभियान कमेटी ने आज से प्रथम चरण का कार्यक्रम शुरू कर दिया है. इसके साथ ही कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी ने भी विधानसभावार योग्य और लोकप्रिय उम्मीदवार की तलाश शुरू कर दी है. कांग्रेस पार्टी ने इस बार चुनाव लड़ने वाले इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन मांगे थे. ऐसे में इन दिनों पाकुड़ विधानसभा सीट बेहद चर्चा में हैं. क्योंकि पाकुड़ सीट एक तरह से आलमगीर का गढ़ माना जाता है.

बेटा तनवीर और पत्नी निशत आलम ने भी की है उम्मीदवारी

लोगों के मन में यह सवाल है कि आखिर इस बार परंपरागत सीट से महागठबंधन की ओर से चुनाव मैदान में कौन होगा. यह सवाल इसलिए भी है क्योंकि भ्रष्टाचार के मामले में वर्तमान विधायक व पूर्व मंत्री आलमगीर आलम जेल में बंद हैं. जेल में बंद रहने के बावजूद आलमगीर आलम ने इस बार भी अपनी उम्मीदवारी के लिए आवेदन किया है. पाकुड़ विधानसभा सीट से इस बार एक ही परिवार से तीन लोगों ने दावेदारी की है. उसमें आलमगीर आलम के अलावा बेटा तनवीर आलम और पत्नी निशत आलम ने भी पाकुड़ से टिकट के लिए आवेदन किया है. ऐसे में भाजपा इसे कांग्रेस में परिवारवाद का अनोखा उदाहरण बता रही है तो कांग्रेस इसे लोकतंत्र का हिस्सा.

पाकुड़ सीट से कांग्रेस आवेदन पर वार-पलटवार (ईटीवी भारत)

परिवार आधारित पार्टी में हर नेता की चाहत होती है कि सत्ता उसके पास रहेः जेबी तुबिद

पाकुड़ विधानसभा सीट से इस बार कांग्रेस का प्रत्याशी बनने के लिए पूर्व मंत्री आलमगीर आलम उनके बेटे तनवीर आलम और पत्नी निशत आलम द्वारा आवेदन किया. जिस पर तंज कसते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता जेबी तुबिद ने कहा कि परिवारवाद वाली पार्टी में अधिकांश नेताओं की इच्छा यही होती है कि कुर्सी उनके पास रहे या फिर उनके बेटे, बहू और पत्नी में से कोई सत्ता पर काबिज हो. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलमगीर आलम के नौकर के यहां से ED को 32 करोड़ रुपए मिले थे और वह अभी जेल में हैं. इसलिए अगर वह चुनाव नहीं लड़ सके तो उनकी पत्नी या बेटा विधायक बन जाएंगे. इसी हसरत के साथ तीन-तीन लोगों ने आवेदन जमा किए होंगे.

पार्टी में लोकतंत्र, कोई भी आवेदन कर सकता हैः सतीश पॉल

पाकुड़ विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री आलमगीर आलम उनकी पत्नी निशत आलम और बेटे तनवीर आलम की दावेदारी को कांग्रेस ने लोकतांत्रिक व्यवस्था का हिस्सा बताया है. कांग्रेस मीडिया सेल के अध्यक्ष सतीश पॉल ने कहा कि यहां पर सबको आजादी है कि वह विधानसभा चुनाव में भाग लेने के लिए अपना आवेदन भरे, लेकिन उम्मीदवार का चयन एआईसीसी द्वारा गठित स्क्रीनिंग कमेटी, जिला अध्यक्ष और आलाकमान द्वारा ही फाइनल किया जाएगा. ऐसे में अभी यह प्रक्रिया चल रही है. पाकुड़ से कौन कांग्रेस का उम्मीदवार होगा यह सभी प्रक्रियाओं को पूरा होने के बाद ही पता चल सकेगा. सतीश पॉल ने कहा कि बीजेपी को परिवारवाद पर बोलने का कोई हक नहीं है. क्योंकि उनके दल में कई ऐसे नेता हैं जो वंशवाद की राजनीति के उदाहरण हो सकते हैं.

विधायक अंबा प्रसाद की बहन और पिता ने भी कांग्रेस के टिकट की कर रखी है दावेदारी
आलमगीर आलम का परिवार अकेला नहीं है, जिनके एक से अधिक सदस्यों की दावेदारी की है. बड़कागांव की विधायक अम्बा प्रसाद, उनके पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और छोटी बहन अनुप्रिया ने भी हजारीबाग विधानसभा सीट से दावेदारी की है.

ये भी पढ़ें- पाकुड़ में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि मामले में चुनाव आयोग की जांच पूरी, रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे, पढ़िए पूरी रिपोर्ट - Election Commission Investigation

पाकुड़ में जन शिकायत समाधान कार्यक्रम का होगा आयोजन, ऑनस्पॉट होगी समस्या का समाधान - Social Justice in Pakur

पूर्व मंत्री आलमगीर आलम सहित तीन पर चार्जशीट, चार करोड़ की अचल संपत्ति भी जब्त - ED chargesheet

रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस चुनाव अभियान कमेटी ने आज से प्रथम चरण का कार्यक्रम शुरू कर दिया है. इसके साथ ही कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी ने भी विधानसभावार योग्य और लोकप्रिय उम्मीदवार की तलाश शुरू कर दी है. कांग्रेस पार्टी ने इस बार चुनाव लड़ने वाले इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन मांगे थे. ऐसे में इन दिनों पाकुड़ विधानसभा सीट बेहद चर्चा में हैं. क्योंकि पाकुड़ सीट एक तरह से आलमगीर का गढ़ माना जाता है.

बेटा तनवीर और पत्नी निशत आलम ने भी की है उम्मीदवारी

लोगों के मन में यह सवाल है कि आखिर इस बार परंपरागत सीट से महागठबंधन की ओर से चुनाव मैदान में कौन होगा. यह सवाल इसलिए भी है क्योंकि भ्रष्टाचार के मामले में वर्तमान विधायक व पूर्व मंत्री आलमगीर आलम जेल में बंद हैं. जेल में बंद रहने के बावजूद आलमगीर आलम ने इस बार भी अपनी उम्मीदवारी के लिए आवेदन किया है. पाकुड़ विधानसभा सीट से इस बार एक ही परिवार से तीन लोगों ने दावेदारी की है. उसमें आलमगीर आलम के अलावा बेटा तनवीर आलम और पत्नी निशत आलम ने भी पाकुड़ से टिकट के लिए आवेदन किया है. ऐसे में भाजपा इसे कांग्रेस में परिवारवाद का अनोखा उदाहरण बता रही है तो कांग्रेस इसे लोकतंत्र का हिस्सा.

पाकुड़ सीट से कांग्रेस आवेदन पर वार-पलटवार (ईटीवी भारत)

परिवार आधारित पार्टी में हर नेता की चाहत होती है कि सत्ता उसके पास रहेः जेबी तुबिद

पाकुड़ विधानसभा सीट से इस बार कांग्रेस का प्रत्याशी बनने के लिए पूर्व मंत्री आलमगीर आलम उनके बेटे तनवीर आलम और पत्नी निशत आलम द्वारा आवेदन किया. जिस पर तंज कसते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता जेबी तुबिद ने कहा कि परिवारवाद वाली पार्टी में अधिकांश नेताओं की इच्छा यही होती है कि कुर्सी उनके पास रहे या फिर उनके बेटे, बहू और पत्नी में से कोई सत्ता पर काबिज हो. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलमगीर आलम के नौकर के यहां से ED को 32 करोड़ रुपए मिले थे और वह अभी जेल में हैं. इसलिए अगर वह चुनाव नहीं लड़ सके तो उनकी पत्नी या बेटा विधायक बन जाएंगे. इसी हसरत के साथ तीन-तीन लोगों ने आवेदन जमा किए होंगे.

पार्टी में लोकतंत्र, कोई भी आवेदन कर सकता हैः सतीश पॉल

पाकुड़ विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री आलमगीर आलम उनकी पत्नी निशत आलम और बेटे तनवीर आलम की दावेदारी को कांग्रेस ने लोकतांत्रिक व्यवस्था का हिस्सा बताया है. कांग्रेस मीडिया सेल के अध्यक्ष सतीश पॉल ने कहा कि यहां पर सबको आजादी है कि वह विधानसभा चुनाव में भाग लेने के लिए अपना आवेदन भरे, लेकिन उम्मीदवार का चयन एआईसीसी द्वारा गठित स्क्रीनिंग कमेटी, जिला अध्यक्ष और आलाकमान द्वारा ही फाइनल किया जाएगा. ऐसे में अभी यह प्रक्रिया चल रही है. पाकुड़ से कौन कांग्रेस का उम्मीदवार होगा यह सभी प्रक्रियाओं को पूरा होने के बाद ही पता चल सकेगा. सतीश पॉल ने कहा कि बीजेपी को परिवारवाद पर बोलने का कोई हक नहीं है. क्योंकि उनके दल में कई ऐसे नेता हैं जो वंशवाद की राजनीति के उदाहरण हो सकते हैं.

विधायक अंबा प्रसाद की बहन और पिता ने भी कांग्रेस के टिकट की कर रखी है दावेदारी
आलमगीर आलम का परिवार अकेला नहीं है, जिनके एक से अधिक सदस्यों की दावेदारी की है. बड़कागांव की विधायक अम्बा प्रसाद, उनके पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और छोटी बहन अनुप्रिया ने भी हजारीबाग विधानसभा सीट से दावेदारी की है.

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