नई दिल्ली: राजधानी की सातों लोकसभा सीटों पर चुनाव परिणाम सामने आ गए हैं. इसमें भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर से सातों सीटों पर अपनी जीत का परचम बुलंद रखा. इन चुनाव परिणामों में एक खास बात यह भी है कि बीजेपी ने इस बार दिल्ली के तीन पूर्व महापौर पर बड़ा दांव लगाया था, जिस पर वो खरे उतरे हैं. दिलचस्प बात है कि दिल्ली के पूर्व महापौर रहे योगेंद्र चांदोलिया ने एससी आरक्षित सीट नॉर्थ वेस्ट दिल्ली सीट पर रिकॉर्ड तोड़ मतों के साथ 2,90,849 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है. यह जीत सभी सातों सीटों पर जीत के मतों के अंतर में सबसे अधिक है.
बीजेपी ने इस बार नॉर्थ ईस्ट लोकसभा सीट पर सांसद मनोज तिवारी को छोड़कर बाकी सभी छह सीटों पर नए चेहरों को मैदान में उतारा था. इनमें से तीन सीट ऐसी थी, जिन पर लोकल चेहरों पर बड़ा दांव खेला गया था. इसके चलते यह तीनों सीट भी खास बन गई थी. इसके पीछे की बड़ी वजह यह रही कि तीनों चेहरे दिल्ली के मेयर जैसे अहम पदों की जिम्मेदारियां निभा चुके थे. वहीं दो सीटों पर तो पूर्व महापौर का सीधा मुकाबला, पूर्व सांसदों के साथ था. इसमें वेस्ट दिल्ली और नॉर्थ वेस्ट दिल्ली की सीट थी.
योग्रेंद्र चंदोलिया ने सबसे बड़े अंतर से मारी बाजी: गौर करने वाली बात है कि दिल्ली की सातों सीटों में से नॉर्थ वेस्ट और वेस्ट दिल्ली की सीटें ऐसी रही हैं, जहां पर बीजेपी के दोनों कैंडिडेट ने सबसे ज्यादा वोटों के मार्जिन के साथ नंबर जीत दर्ज की. नॉर्थ वेस्ट दिल्ली से बीजेपी के योगेंद्र चांदोलिया ने उदित राज को 2,90,849 मतों के अंतर से शिकस्त दी है. उन्हें 8,66,483 वोट हासिल हुए. जबकि, उदित राज को सिर्फ 5,75,634 वोट ही मिले. दोनों के बीच जीत हार का यह अंतर सातों सीटों में सबसे ज्यादा है. योगेंद्र चांदोलिया 2014 में नॉर्थ दिल्ली नगर निगम के मेयर रहे चुके हैं.
पूर्व साउथ एमसीडी मेयर रही हैं कमलजीत: कमलजीत सहरावत की बात करें तो दिल्ली की मेयर रह चुकी कमलजीत सहरावत का मुकाबला महाबल मिश्रा से था. महाबल मिश्रा पहली बार कांग्रेस के टिकट पर 2009 में पश्चिमी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीते थे. इसके बाद 2014 और 2019 के चुनाव में उनको करारी शिकस्त मिली थी. इस बार कांग्रेस-आम आदमी पार्टी के संयुक्त प्रत्याशी बनने के बाद भी वह यहां से जीत दर्ज नहीं कर पाए. वह लगातार तीसरी बार चुनाव हारे हैं.
महाबल मिश्रा 2003 और 2008 में द्वारका विधानसभा से दो बार चुनाव भी जीत चुके हैं. इस बार कमलजीत सहरावत ने उन्हें 1,99,013 वोटों से हराया. उन्हें 8,42,658 वोट मिले, जबकि महाबल मिश्रा को 6,43,645 वोट मिले. कमलजीत सहरावत 2017 में साउथ एमसीडी में निर्विरोध मेयर चुनी गई थीं. वह एमसीडी के 2017 के चुनाव में भी सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज करने वाली पार्षदों में भी रही हैं. उन्हें लगातार दो बार सांसद रहे प्रवेश वर्मा की जगह चुनाव में उतारा गया था.
हर्ष मल्होत्रा ने मौके को भुनाया: उनके अलावा ईस्ट दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व महापौर हर्ष मल्होत्रा जीते. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी कुलदीप कुमार को 93,663 मतों हराया. हर्ष मल्होत्रा को इस चुनाव में 664819 वोट मिले, जबकि कुलदीप कुमार को 571156 वोट हासिल हुए. हर्ष मल्होत्रा को इस बार गौतम गंभीर की जगह चुनाव मैदान में उतारा गया था. वे अप्रैल 2015 से मई 2016 तक ईस्ट दिल्ली नगर निगम के मेयर रह चुके हैं. साथ ही वह दिल्ली प्रदेश बीजेपी में लगातार तीन बार महासचिव बने हैं.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 में 'आप' और कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था. सात में से चार सीट (ईस्ट, वेस्ट, साउथ और नई दिल्ली) पर आम आदमी पार्टी ने, तो कांग्रेस ने तीन (नॉर्थ ईस्ट, नॉर्थ वेस्ट और चांदनी चौक) सीट पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. लेकिन बीजेपी की आंधी में इन सातों सीटों पर कांग्रेस-आप धराशाई हो गए.
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