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चमोली में वनाग्नि को लेकर तीन दिवसीय विशेष जागरुकता प्रशिक्षण, ग्रामीणों को दी गई जानकारियां - FOREST FIRE MEETING IN CHAMOLI

महिला एवं युवक मंगल दलों को वितरित किये गये फायर सेफ्टी सूज, जिलाधिकारी ने सामूहिक प्रयासों को बताया जरूरी

FOREST FIRE MEETING IN CHAMOLI
विशेष जागरुकता प्रशिक्षण (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 12, 2025, 8:22 PM IST

चमोली: वनाग्नि घटनाओं को रोकने के लिए जनपद चमोली में जिला प्रशासन, वन विभाग और फायर सर्विस के संयुक्त तत्वाधान में वन पंचायत सरपंच, ग्राम प्रधान, महिला एवं युवक मंगल दलों को 11 से 13 जनवरी तक तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन जिला पंचायत सभागार में आयोजित गोष्ठी में वनाग्नि की बढ़ती घटनाएं और उसके दुष्प्रभावों की जानकारी दी गई. साथ ही वनाग्नि के दौरान उपयोग में आने वाले फायर सेफ्टी उपकरण, फस्ट एड किट और वनाग्नि सुरक्षा को लेकर मॉकड्रिल किया गया. इस दौरान प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे 200 से अधिक वन पंचायत सरपंच, ग्राम प्रधान, महिला एवं युवक मंगल दलों को फायर सेफ्टी सूज वितरित किए गए.

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने विगत वर्ष फायर सीजन में उत्कृष्ट कार्य करने पर कुजो मैकोट के वन पंचायत सरपंच किशन सिंह बिष्ट, देवराड के सरपंच वीरेन्द्र सिंह रावत, देवाल पूर्णा के गोविंद सोनी, ग्राम बणसोली के कैलाश चन्द्र खण्डूरी और ग्राम सीरी के भगवती प्रसाद सती को स्मृति चिन्ह, शॉल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.

जिलाधिकारी ने कहा वनाग्नि घटनाओं को रोकने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशन में यह पहल शुरू की गई है. इस प्रशिक्षण का उद्देश्य यही है कि वनाग्नि घटनाओं पर प्रभावी रोक लग सके. ऐसी घटनाएं घटित होने पर कम से कम समय में उस पर काबू किया जा सके. जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है. जंगलों में आग की घटना होने पर हम सब परिसीमन के दायरे से बाहर आकर एक टीम भावना के साथ आग बुझाने का काम करें. सीमांत जनपद चमोली चारधाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होने के नाते हमारी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है.

चमोली: वनाग्नि घटनाओं को रोकने के लिए जनपद चमोली में जिला प्रशासन, वन विभाग और फायर सर्विस के संयुक्त तत्वाधान में वन पंचायत सरपंच, ग्राम प्रधान, महिला एवं युवक मंगल दलों को 11 से 13 जनवरी तक तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन जिला पंचायत सभागार में आयोजित गोष्ठी में वनाग्नि की बढ़ती घटनाएं और उसके दुष्प्रभावों की जानकारी दी गई. साथ ही वनाग्नि के दौरान उपयोग में आने वाले फायर सेफ्टी उपकरण, फस्ट एड किट और वनाग्नि सुरक्षा को लेकर मॉकड्रिल किया गया. इस दौरान प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे 200 से अधिक वन पंचायत सरपंच, ग्राम प्रधान, महिला एवं युवक मंगल दलों को फायर सेफ्टी सूज वितरित किए गए.

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने विगत वर्ष फायर सीजन में उत्कृष्ट कार्य करने पर कुजो मैकोट के वन पंचायत सरपंच किशन सिंह बिष्ट, देवराड के सरपंच वीरेन्द्र सिंह रावत, देवाल पूर्णा के गोविंद सोनी, ग्राम बणसोली के कैलाश चन्द्र खण्डूरी और ग्राम सीरी के भगवती प्रसाद सती को स्मृति चिन्ह, शॉल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.

जिलाधिकारी ने कहा वनाग्नि घटनाओं को रोकने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशन में यह पहल शुरू की गई है. इस प्रशिक्षण का उद्देश्य यही है कि वनाग्नि घटनाओं पर प्रभावी रोक लग सके. ऐसी घटनाएं घटित होने पर कम से कम समय में उस पर काबू किया जा सके. जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है. जंगलों में आग की घटना होने पर हम सब परिसीमन के दायरे से बाहर आकर एक टीम भावना के साथ आग बुझाने का काम करें. सीमांत जनपद चमोली चारधाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होने के नाते हमारी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है.

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