जयपुर: राजस्थान में जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर में शुक्रवार को तीन दिवसीय भारत सोलर एक्सपो की शुरुआत हुई. इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि अक्षय ऊर्जा को दिए जा रहे प्रोत्साहन से देश के ऊर्जा परिदृश्य में तेजी से बदलाव आया है. भारत वर्ष-2070 तक गैर जीवाश्म आधारित स्रोतों से शत-प्रतिशत ऊर्जा उत्पादन की अपनी प्रतिबद्धता की ओर मजबूती से कदम बढ़ा रहा है. देश के इस एनर्जी ट्रांजिशन में राजस्थान का सर्वाधिक योगदान होने जा रहा है.
उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय में राजस्थान ने सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है और हम आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है. बिरला ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में हुए रिसर्जेंट राजस्थान समिट में निवेशकों का सर्वाधिक रूझान अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में देखने में आया. इससे स्पष्ट है कि जैसे-जैसे यह परियोजनाएं आकार लेंगी, राजस्थान सौर ऊर्जा तथा पवन ऊर्जा की अपनी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग कर देश की ऊर्जा जरूरतों को भी पूरा करेगा. हाल ही में हुए राइजिंग राजस्थान समिट में 35 लाख करोड़ रुपये के कुल निवेश प्रस्तावो मे सर्वाधिक 28 लाख करोड़ के निवेश ऊर्जा क्षेत्र मे किए गए.
ओम बिरला ने कहा कि सौर ऊर्जा और रिन्यूएबल एनर्जी के लिए राजस्थान खास तौर पर प्रयास कर रहा है. हम प्रकृति पूजक हैं और दुनिया में पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली जीने के लिए और कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए हमारे गंभीर प्रयास जारी है.
राजस्थान अग्रणी : ओम बिरला ने कहा कि सोलर और रिन्यूएबल एनर्जी में आज देश में सबसे ज्यादा तरक्की करने वाला राजस्थान है. आने वाले समय में सोलर की आवश्यकता के अनुसार प्लांट लगाए जा रहे हैं. सोलर और विंड ऊर्जा के उत्पादन के लिए गंभीर और प्रेरक प्रयास किया जा रहे हैं, जिसके परिणाम अगले 5 साल बाद नजर आएंगे. राजस्थान आगामी दिनों में सोलर और विंड एनर्जी में सबसे बड़ा हब बन सके और लोगों को सस्ती और सुलभ बिजली उपलब्ध करा सके, इस पर निरंतर प्रयास होते रहना चाहिए. बिड़ला ने कहा कि विकसित भारत की दिशा में रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देना बेहतरीन कदम होगा.
जयपुर में राजस्थान सोलर एसोसिएशन द्वारा आयोजित भारत सोलर एक्सपो के चौथे संस्करण का उद्घाटन किया। अक्षय ऊर्जा को निरन्तर मिल रहे प्रोत्साहन के परिणामस्वरूप आज राजस्थान इस क्षेत्र में नेतृत्व कर रहा है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के 'वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड' विजन को… pic.twitter.com/GCKmd3L9eR
— Om Birla (@ombirlakota) January 17, 2025
पश्चिमी क्षेत्र बना वरदान : राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर का कहना है कि राजस्थान का पश्चिमी भू-भाग पहला अभिशाप समझा जाता तथा, लेकिन आज वरदान साबित हो रहा है. राजस्थान सोलर में नंबर एक पायदान पर बन गया है. राज्य में एकीकृत ऊर्जा नीति बनाई गई है. सोलर मैन्यूफ्रैक्चरिंग इंडस्ट्री से जुड़े हुए लोग राजस्थान में इन्वेस्टमेंट के लिए आए उसके लिए सरकार हर मदद करने के लिए तैयार है. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य की अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता 30 हजार मेगावाट से अधिक है, जिसमें सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी 24,776 मेगावाट और पवन ऊर्जा की 5,209 मेगावाट है.
राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति-2024 को भी सराहा, जो 2030 तक राज्य के अक्षय ऊर्जा उत्पादन को 125 गीगावाट तक बढ़ाने के उद्देश्य से लागू की गई हैं. भारत सोलर एक्सपो में सौर पैनल, मॉड्यूल्स और सोलर सेल मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया. तीन दिवसीय इस एक्सपो में 500 से अधिक स्टॉल्स लगाए गए हैं और 150 से ज्यादा प्रदर्शक शामिल हुए हैं.