गिरिडीह: उसरी नदी फिलहाल बदहाल हो चुकी है. बालू के अवैध खनन और फैक्ट्री से निकले अवशेष, गली-मोहल्लों का गंदा पानी के सीधा नदी में जाने से इसका अस्तित्व खतरे में पड़ता दिख रहा है. ऐसे में इस नदी को संरक्षित रखने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ-साथ कई संस्था, सामाजिक कार्यकर्त्ता एक मंच पर आ चुके हैं.
उसरी बचाओ अभियान के तहत लोग जुटे हैं और आगामी 17,18 और 19 जनवरी को उसरी महोत्सव मनाने का निर्णय लिया गया है. यह महोत्सव शास्त्रीनगर छठ घाट और अमित बरदियार घाट में होगा. समिति से जुड़े भाकपा माले नेता राजेश सिन्हा बताते हैं कि इस तीन दिवसीय महोत्सव में स्थानीय जनप्रतिनिधि के अलावा अलग-अलग राजनीतिक दल के नेताओं, प्रबुद्ध लोगों के अलावा हरेक आम और खास की मौजूदगी रहेगी. पर्यावरण को बचाने के लिए आयोजित उसरी महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम, तैराकी प्रतियोगिता, पेंटिंग प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, गायन, नाटक जैसे कार्यक्रम का आयोजन होगा.
समिति के लोगों ने बताया कि इस नदी को बचाने का प्रयास एक दशक से चल रहा है, लेकिन अब यह प्रयास रंग लाने लगा है. मंत्री सह स्थानीय विधायक सुदिव्य कुमार के प्रयास से इस नदी में छिलका डैम से गंदे पानी को सीधा नदी में जाने से रोकने का प्लान तैयार किया गया है. इसमें सीसीएल के जीएम बासब चौधरी का भी विशेष सहयोग मिल रहा है. इसके अलावा वन विभाग ने भी पूरा सहयोग देने की बात कही है.
इस मौके पर भाजपा नेता सह सामाजिक कार्यकर्त्ता विनय सिंह, कांग्रेस नेता समीर राज चौधरी, धरनीधर प्रसाद, रंजय बरदियार, संगीता सिन्हा, स्वाती सिन्हा, सूरज नयन, दीपक श्रीवास्तव, नौशाद आलम, आलोक मिश्रा के अलावा अन्य बताते हैं कि इस नदी को बचाना बहुत ही जरूरी है. समिति के लोगों ने कहा कि तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य भी लोगों को जागरूक करना है. कार्यक्रम में बच्चे भी आएंगे, उन्हें भी पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किया जाएगा.
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