शहडोल। आज के समय में सबसे ज्यादा जो समस्या आ रही है, वो है हमारी पवित्र नदियां जो अब प्रदूषित हो रही हैं. उसे साफ बनाये रखना अब लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, लेकिन मध्य प्रदेश में कुछ ऐसी नदियां आज भी हैं जो आज के इस दौर में भी साफ है. हालांकि आने वाले समय में इन्हें भी बचाने की जरूरत है, क्योंकि जिस तेजी के साथ नदियों में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है उससे यह नदियां भी कभी भी इसकी चपेट में आ सकती हैं. आज हम आपको बता रहे हैं मध्य प्रदेश की उन तीन नदियों के बारे में जो सबसे साफ हैं.
ये हैं एमपी की सबसे साफ नदियां
एमपी की सबसे साफ नदियों की बात करें तो इसमें नर्मदा नदी, चंबल नदी, और केन नदी आती हैं. ये तीनों ही नदियां मध्य प्रदेश की साफ नदियों में से एक मानी जाती हैं. ये तीनों ही नदियां जीवनदायिनी हैं और इनमें सैंकड़ों प्रजाति के जलजर प्रवास करते हैं. यही नहीं ये कई राज्यों के करोड़ों लोगों का लालन पालन करती हैं. किसानों की जमीन को सिंचती हैं और खाना भी देती हैं.
नर्मदा नदी
सबसे साफ नदियों की बात करें तो तीसरे नंबर में आती है नर्मदा नदी. नर्मदा नदी मध्य प्रदेश के अमरकंटक से निकलकर गुजरात होते हुए खंभात की खाड़ी में समाहित हो जाती है. नर्मदा नदी की टोटल 41 सहायक नदियां हैं. नर्मदा नदी मध्य प्रदेश की जीवन रेखा मानी जाती है, नर्मदा नदी पश्चिम की ओर बहती है. यह नदी भारत की स्वच्छ नदियों में से एक है और 1,312 किलोमीटर की लंबाई में सबसे लंबी पश्चिम में बहने वाली नदी है. नर्मदा भारत की पांचवीं सबसे लंबी और सबसे पुरानी नदी है, जो गुजरात में खंभात की खाड़ी में अरब सागर में गिरती है. इस प्राचीन नदी का धार्मिक महत्व है इसके किनारों पर अनेक धार्मिक स्थल हैं. यह नदी काफी साफ मानी जाती है. आज के वक्त में यह टूरिस्ट स्टॉप बन चुकी है.
चंबल नदी
मध्य प्रदेश की सबसे साफ नदियों में दूसरे नंबर पर आती है चंबल नदी. एमपी की चंबल नदी को प्रदूषण मुक्त नदी माना जाता है. ये भी देश की सबसे स्वच्छ नदियों में से एक है. चंबल नदी भी अन्य नदियों की अपेक्षा विपरीत दिशा में बहती है. यह नदी दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा में बहने वाली नदी है. चंबल नदी की बात करें तो यह 965 किलोमीटर लंबी है, ये चंबल नदी पश्चिम एमपी की सबसे बड़ी और सबसे महत्वपूर्ण नदी है. चंबल नदी मध्य प्रदेश में महू के पास विन्ध्य रेंज की ढलनों के साथ निकलती है, जो राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच की सीमा बनाती है. ये यमुना नदी की सहायक नदी भी है, जो उत्तर प्रदेश में जाकर यमुना नदी से मिलती है. चंबल नदी की एक खास बात और है कि इसमें आज भी काफी मात्रा में घड़ियाल पाए जाते हैं.
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केन नदी
केन नदी साफ नदियों में सबसे पहले नंबर पर आती है. मध्य प्रदेश की सबसे साफ नदियों में से एक मानी जाती है. यह 427 किलोमीटर में फैली है. 292 किलोमीटर हिस्सा मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में है. कहा जाता है कि इसके किनारे पर 260 से भी ज्यादा गांव बसे हैं. पूरे क्षेत्र में घना जंगल है, नदी के आसपास एक भी शहर नहीं है, इसलिए इसका पानी दूषित नहीं हुआ है. यही वजह है इसका पानी आज भी पीने योग्य है. केन नदी मध्य प्रदेश की सबसे खूबसूरत नदियों में से एक है. यमुना की ये भी एक सहायक नदी है और बुंदेलखंड क्षेत्र की प्रमुख नदी में से एक है. यह नदी कटनी जिले से निकलती है. Ken RIVER MADHYA PRADESH CLEANEST RIVER