कांकेर : नरहरपुर क्षेत्र के देवींनवागांव में तीन भालू करंट की चपेट में आ गए और मौके पर उनकी मौत हो गई है. इस घटना की जानकारी वन विभाग की टीम को दी गई. अब वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच कर भालुओं का पोस्टमार्टम करा रही है.
वन परिक्षेत्र अधिकारी विजेंद्र तिवारी ने बताया कि रात में आंधी तूफान चल रहा था. नरहरपुर क्षेत्र के देवींनवागांव में सप्लाई बिजली तार टूट के गिर गया था, जिसमें तीन भालू चपेट में आ गए. तीन भालुओं में दो शावक और एक मादा भालू शामिल है.
कांकेर डीएफओ आलोक वाजपेयी ने बताया,'' नरहरपुर वन परिक्षेत्र की घटना है. सुबह हमारे संज्ञान में यह घटना आई है. बिजली विभाग, वन विभाग की टीम भी मौके पर मौजूद है. डॉक्टर भी मौजूद हैं. पोस्टमार्टम कराया जा रहा है ताकि मौत की सही वजह का पता लगाया जा सके. प्रथम दृष्टया करंट के चपेट में आकर तीन भालुओं की मौत हुई है.''
बिजली विभाग की टीम की आधिकारिक पुष्टि आना बाकी है. बताया जा रहा है कि बिजली का तार टूटकर खेत में गिरा, जिसकी चपेट में आकर भालुओं की मौत हुई है. कोई भी ट्रेप या कोई भी फाउल प्ले इसमें नजर नहीं आया है. भालुओं के सभी नाखून, पंजे सुरक्षित हैं-आलोक वाजपेयी, डीएफओ
कांकेर वनमंडल में लगातार जंगली जानवरों की दहशत बरकार है. यहां भालु रिहायशी क्षेत्र में घुस आते हैं और तोड़फोड़ भी करते हैं. सोमवार को ही तेल पीने के लालच में एक भालू दुर्गा पंडाल और अन्य स्थान पर पहुंचा. अरौद के माता मंदिर के ज्योति कलश कक्ष में भी भालू घुस आया और तोड़ फोड़ कर तेल को पी गया.
दुर्गा समिति के लोगों ने बताया कि अरौद माता मंदिर के ज्योति कलश कक्ष में खपरैल और बांस की छत को तोड़कर भालू कक्ष में उतरा. वहां जल रहे 36 ज्योति कलश को तोड़ फोड़ कर उसमें रखे तेल को पी लिया.
माता मंदिर के संचालक ईश्वर पटेल ने बताया कि ज्योति कलश कक्ष में एक भालू 10:30 बजे घुस आया. आसपास के लोगों ने तोड़ फोड़ की आवाज सुनी तो भागकर मंदिर पहुंचे. लोगों ने हल्ला कर भालू को भगाया. इसके बाद फिर रात 12:30 बजे भालू फिर मंदिर पहुंच गया. फिर भालू ज्योति कलश कक्ष में घुस गया और तेल पीकर चला गया. लोग डर की वजह से दोबारा भालू को भगाने की हिम्मत जुटा नहीं पाए. सुबह वन विभाग की टीम को भालू के मंदिर में घुसने और तोड़फोड़ की सूचना दी गई.