बस्ती : देश में कोरोना महामारी से निपटने में पीपीई किट ने अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि महामारी से उबरने के बाद स्वास्थ्य विभाग को इसकी कदर नहीं रही. नतीजतन अब पीपीई किट कूड़े के ढेर में फेंके जा रहे हैं. बस्ती के नेशनल हाईवे पर पटेल चौक के पास कूड़े में लगभग 6 गट्ठर में पीपीई किट मिले हैं. कुछ लोगों ने एक डीसीएम चालक को पीपीई किट फेंकते हुए देखा था. हालांकि यह पीपीई किट किसी प्राइवेट अस्पताल की बताई जा रहीं हैं. जानकारी स्वास्थ्य महकमे को हुई तो उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच की. बरामद पीपीई किट को डिस्पोजल करने के साथ ही पुलिस को जांच के निर्देश दिए गए हैं.
कोरोना की जांच और संक्रमित मरीजों को एंबुलेंस से लाने और ले जाने के दौरान प्रयोग की जाने वाली पीपीई किट गोरखपुर-लखनऊ हाईवे पर कूड़े के ढेर में पड़ी मिलीं हैं. राहगीरों ने कूड़े में पीपीई किट मिलने की सूचना स्वास्थ्य के अधिकारियों को दी थी.
फिलहाल पुलिस और स्वास्थ्य कर्मचारी की मदद से किट को उचित स्थान पर निस्तारित करने का निर्देश दिया गया है. मामला स्वास्थ्य विभाग तक पहुंचा है. किट कब और किसने फेंकी? एसीएमओ ने इस पर जांच बैठा दी है. किट की संख्या हजारों में बताई जा रही है.
डिप्टी सीएमओ डॉ. अशोक कुमार चौधरी का कहना है कि कोरोना की जांच के दौरान प्रयोग की जाने वाली पीपीई किट का बायो मेडिकल वेस्ट किया जाता है. रोड किनारे कूड़े में पीपीई किट फेंकने के मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी. बरामद पीपीई किट की कीमत लाखों में है, सभी पीपीई किट को डिस्पोजल करने का निर्देश दिया गया है.
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