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पुष्कर के ब्रह्म सरोवर का जल प्रदूषित होने से मर रहीं हजारों मछलियां, घाटों पर दुर्गंध, विरोध में किया पुष्कर बंद - Fish dying in Pushkar Sarovar - FISH DYING IN PUSHKAR SAROVAR

तीर्थराज गुरु पुष्कर के सरोवर का पानी प्रदूषित हो रहा है. प्रदूषण के चलते पानी में ऑक्सीजन की कमी हो गई है. इससे लगातार मछलियां मर रही हैं. इसके चलते घाटों पर दुर्गंध उठ रही है. इस समस्या के विरोध में लोगों ने बुधवार को पुष्कर बंद रखा.

Fish dying due to pollution in Pushkar Sarovar
पुष्कर सरोवर में प्रदूषण से मर रहीं मछलियां (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 31, 2024, 9:26 PM IST

पुष्कर सरोवर को प्रदूषण से बचाने को खड़े हुए स्थानीय (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर: तीर्थराज गुरु पुष्कर के सरोवर के पानी के प्रदूषित होने के चलते मछलियों के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा है. तीर्थ पुरोहितों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर पुष्कर के बाजार बंद करवा कर मछलियों के मरने की घटना पर अंकुश लगाने, सरोवर के जल को दूषित होने से बचाने और स्थाई समाधान निकले जाने के लिए प्रशासन को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है.

पूर्व गहलोत सरकार में मछलियों के मरने का मामला विधानसभा में भी उठा था. लेकिन उस पर कोई कार्रवाई धरातल पर अब तक दिखाई नहीं दी. ना ही अब तक इसका कोई स्थाई समाधान निकाला गया. सरोवर में मछलियों को आटा डालने और पूजा सामग्री डालने से जल प्रदूषित हो गया है. सरोवर की नियमित सफाई नहीं होने के कारण प्रदूषित जल में ऑक्सीजन की कमी हो गई है. जिस कारण से सरोवर की मछलियां काल का ग्रास बन गई हैं. पुष्कर आने वाले श्रद्धालुओं को सरोवर में तैरती हुई मृत मछलियों के नजारे मन को आहत करते हैं. तीर्थ पुरोहित भी मछलियों के मरने से नाराज हैं.

पढ़ें: प्रदूषित हो रही विश्व विरासत : केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को दो दशक से नहीं मिला पांचना बांध का पानी, वुडलैंड में तब्दील हो रही विश्व प्रसिद्ध वेटलैंड - Keoladeo National Park

विरोध में पुष्कर करवाया बंद: तीर्थ पुरोहितों के साथ स्थानीय लोगों ने बुधवार को स्थाई समाधान की मांग करते हुए बाजार बंद करवा दिए. सैकड़ों स्थानीय लोग सरोवर की बदहाली और मछलियों की मौत से नाराज सड़क पर उतर आए. इसके बाद स्थानीय लोग जगत पिता ब्रह्मा के मंदिर की सीढ़ियों पर आकर धरने पर बैठ गए. पुष्कर तहसीलदार मौके पर पंहुची और लोगों से समझाइश की. लेकिन लोग जिला कलेक्टर से बातचीत करने पर अड़ गए. हालांकि बाद में तय हुआ कि पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मिलेगा.

पढ़ें: प्रदूषित हो रही विश्व विरासत : घना से कई प्रजाति के पक्षियों ने मुंह मोड़ा, लाखों से हजारों में सिमटी संख्या...राजहंसों ने भी बदला ठिकाना - Keoladeo National Park

इनका कहना है: पुष्कर तीर्थ पुरोहित संघ ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित पुष्कर नारायण पाराशर ने बताया कि गर्मी और बारिश नहीं होने के कारण सरोवर का जलस्तर काफी कम हो गया है. जल प्रदूषित होने से मछलियां हर साल मर रही हैं. सामाजिक कार्यकर्ता अरुण पाराशर ने बताया कि प्रशासन की ओर से वैकल्पिक उपाय किए जा रहे थे, लेकिन मछलियों के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा है. सरोवर के जल के प्रदूषित होने और मछलियों के मरने से हालात इतने विकट हो गए हैं कि पुष्कर सरोवर के घाटों पर खड़े रहना भी दुभर हो गया है. उन्होंने कहा कि पुष्कर सरोवर में अनाज और खाद्य सामग्री डाली जा रही है, उसे सख्ती के साथ रोका जाए. सरोवर के मूल क्षेत्र में कृषि भूमि बेचकर वहां कई लोगों ने होटल बना ली हैं. होटल का गंदा पानी और स्विमिंग पूल का पानी भी फीडर के माध्यम से सरोवर में आ रहा है, उसे रोका जाए. ऐसी होटलों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. तब ही पुष्कर सरोवर की अस्मिता और जल प्रदूषित होने से बचेगा.

पुष्कर तीर्थ पुरोहित संघ ट्रस्ट के सदस्य पंडित गोविंद पाराशर ने बताया कि पुष्कर तीर्थ पुरोहित संघ ट्रस्ट के अध्यक्ष पुष्कर नारायण पाराशर के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. पराशर ने कहा कि सरोवर के जल को दूषित होने से बचने और मछलियों के मरने की घटना को रोकने के लिए स्थाई समाधान की शासन और प्रशासन से मांग की गई है. प्रशासन को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है. समाधान नहीं निकला तो तीर्थ पुरोहित और स्थानीय लोग सड़कों पर उतरेंगे.

पढ़ें: नहरों पर भारी पड़ती धार्मिक आस्था, पूजन सामग्री से नहरें हो रही प्रदूषित - INDIRA GANDHI Canal

पुष्कर से हैं प्रदेश में जल संसाधन मंत्री: पुष्कर सरोवर की भराव क्षमता 30 फिट से ऊपर है. दो दशक बाद इस माह पहली बार सरोवर का जलस्तर 10 फिट है. जबकि इसका औसतन जलस्तर 3 से 5 फिट रहता है. पर्याप्त बारिश से पहले सरोवर का जलस्तर ठीक होने के बावजूद दूषित होना गंभीर है. विगत सरकार में तत्कालीन पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत ने सरोवर के प्रदूषित जल को बोतल में भरकर विधानसभा में दिखाया था. इस बार वे पुष्कर से विधायक और जल संसाधन मंत्री भी हैं. ऐसे में पुष्कर के लोग उनसे स्थायी समाधान की उम्मीद लगाकर बैठे हैं.

पुष्कर का धार्मिक महत्व: तीर्थराज पुष्कर सभी तीर्थों का गुरु है. विश्व में जगत पिता ब्रह्मा का इकलौता मंदिर पुष्कर में है. ब्रह्म सरोवर भी करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है. यहां हर दिन हजारों श्रद्धालु अपने पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण और तीर्थ दर्शन के लिए आते हैं. पुष्कर में स्थित ब्रह्मसरोवर में स्नान का विशेष महत्व है. स्नान के बाद सरोवर की पूजा अर्चना करते हैं और सरोवर के जल से आचमन भी करते हैं. शास्त्रों के अनुसार सरोवर के जल को ब्रह्मा के कमंडल के जल के समान माना जाता है. पहले सरोवर के जल की पूजा अर्चना की जाती है. इसके बाद जगत पिता ब्रह्मा के दर्शन श्रद्धालु करते हैं. माना जाता है कि पुष्कर सतयुग का तीर्थ है.

पुष्कर सरोवर को प्रदूषण से बचाने को खड़े हुए स्थानीय (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर: तीर्थराज गुरु पुष्कर के सरोवर के पानी के प्रदूषित होने के चलते मछलियों के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा है. तीर्थ पुरोहितों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर पुष्कर के बाजार बंद करवा कर मछलियों के मरने की घटना पर अंकुश लगाने, सरोवर के जल को दूषित होने से बचाने और स्थाई समाधान निकले जाने के लिए प्रशासन को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है.

पूर्व गहलोत सरकार में मछलियों के मरने का मामला विधानसभा में भी उठा था. लेकिन उस पर कोई कार्रवाई धरातल पर अब तक दिखाई नहीं दी. ना ही अब तक इसका कोई स्थाई समाधान निकाला गया. सरोवर में मछलियों को आटा डालने और पूजा सामग्री डालने से जल प्रदूषित हो गया है. सरोवर की नियमित सफाई नहीं होने के कारण प्रदूषित जल में ऑक्सीजन की कमी हो गई है. जिस कारण से सरोवर की मछलियां काल का ग्रास बन गई हैं. पुष्कर आने वाले श्रद्धालुओं को सरोवर में तैरती हुई मृत मछलियों के नजारे मन को आहत करते हैं. तीर्थ पुरोहित भी मछलियों के मरने से नाराज हैं.

पढ़ें: प्रदूषित हो रही विश्व विरासत : केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को दो दशक से नहीं मिला पांचना बांध का पानी, वुडलैंड में तब्दील हो रही विश्व प्रसिद्ध वेटलैंड - Keoladeo National Park

विरोध में पुष्कर करवाया बंद: तीर्थ पुरोहितों के साथ स्थानीय लोगों ने बुधवार को स्थाई समाधान की मांग करते हुए बाजार बंद करवा दिए. सैकड़ों स्थानीय लोग सरोवर की बदहाली और मछलियों की मौत से नाराज सड़क पर उतर आए. इसके बाद स्थानीय लोग जगत पिता ब्रह्मा के मंदिर की सीढ़ियों पर आकर धरने पर बैठ गए. पुष्कर तहसीलदार मौके पर पंहुची और लोगों से समझाइश की. लेकिन लोग जिला कलेक्टर से बातचीत करने पर अड़ गए. हालांकि बाद में तय हुआ कि पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मिलेगा.

पढ़ें: प्रदूषित हो रही विश्व विरासत : घना से कई प्रजाति के पक्षियों ने मुंह मोड़ा, लाखों से हजारों में सिमटी संख्या...राजहंसों ने भी बदला ठिकाना - Keoladeo National Park

इनका कहना है: पुष्कर तीर्थ पुरोहित संघ ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित पुष्कर नारायण पाराशर ने बताया कि गर्मी और बारिश नहीं होने के कारण सरोवर का जलस्तर काफी कम हो गया है. जल प्रदूषित होने से मछलियां हर साल मर रही हैं. सामाजिक कार्यकर्ता अरुण पाराशर ने बताया कि प्रशासन की ओर से वैकल्पिक उपाय किए जा रहे थे, लेकिन मछलियों के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा है. सरोवर के जल के प्रदूषित होने और मछलियों के मरने से हालात इतने विकट हो गए हैं कि पुष्कर सरोवर के घाटों पर खड़े रहना भी दुभर हो गया है. उन्होंने कहा कि पुष्कर सरोवर में अनाज और खाद्य सामग्री डाली जा रही है, उसे सख्ती के साथ रोका जाए. सरोवर के मूल क्षेत्र में कृषि भूमि बेचकर वहां कई लोगों ने होटल बना ली हैं. होटल का गंदा पानी और स्विमिंग पूल का पानी भी फीडर के माध्यम से सरोवर में आ रहा है, उसे रोका जाए. ऐसी होटलों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. तब ही पुष्कर सरोवर की अस्मिता और जल प्रदूषित होने से बचेगा.

पुष्कर तीर्थ पुरोहित संघ ट्रस्ट के सदस्य पंडित गोविंद पाराशर ने बताया कि पुष्कर तीर्थ पुरोहित संघ ट्रस्ट के अध्यक्ष पुष्कर नारायण पाराशर के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. पराशर ने कहा कि सरोवर के जल को दूषित होने से बचने और मछलियों के मरने की घटना को रोकने के लिए स्थाई समाधान की शासन और प्रशासन से मांग की गई है. प्रशासन को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है. समाधान नहीं निकला तो तीर्थ पुरोहित और स्थानीय लोग सड़कों पर उतरेंगे.

पढ़ें: नहरों पर भारी पड़ती धार्मिक आस्था, पूजन सामग्री से नहरें हो रही प्रदूषित - INDIRA GANDHI Canal

पुष्कर से हैं प्रदेश में जल संसाधन मंत्री: पुष्कर सरोवर की भराव क्षमता 30 फिट से ऊपर है. दो दशक बाद इस माह पहली बार सरोवर का जलस्तर 10 फिट है. जबकि इसका औसतन जलस्तर 3 से 5 फिट रहता है. पर्याप्त बारिश से पहले सरोवर का जलस्तर ठीक होने के बावजूद दूषित होना गंभीर है. विगत सरकार में तत्कालीन पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत ने सरोवर के प्रदूषित जल को बोतल में भरकर विधानसभा में दिखाया था. इस बार वे पुष्कर से विधायक और जल संसाधन मंत्री भी हैं. ऐसे में पुष्कर के लोग उनसे स्थायी समाधान की उम्मीद लगाकर बैठे हैं.

पुष्कर का धार्मिक महत्व: तीर्थराज पुष्कर सभी तीर्थों का गुरु है. विश्व में जगत पिता ब्रह्मा का इकलौता मंदिर पुष्कर में है. ब्रह्म सरोवर भी करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है. यहां हर दिन हजारों श्रद्धालु अपने पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण और तीर्थ दर्शन के लिए आते हैं. पुष्कर में स्थित ब्रह्मसरोवर में स्नान का विशेष महत्व है. स्नान के बाद सरोवर की पूजा अर्चना करते हैं और सरोवर के जल से आचमन भी करते हैं. शास्त्रों के अनुसार सरोवर के जल को ब्रह्मा के कमंडल के जल के समान माना जाता है. पहले सरोवर के जल की पूजा अर्चना की जाती है. इसके बाद जगत पिता ब्रह्मा के दर्शन श्रद्धालु करते हैं. माना जाता है कि पुष्कर सतयुग का तीर्थ है.

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