नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेनो प्राधिकरण द्वारा फ्लैटों की रजिस्ट्री न होने के चलते हजारों बायर्स अभी भी परेशान हैं. ज्यादातर बायर्स को बिल्डर द्वारा तय समय के बाद भी फ्लैट नहीं दिए गए हैं. वहीं, जिन बायर्स को फ्लैट मिल गए हैं. उनके प्लॉटों की रजिस्ट्री नहीं हुई है, उनको मलिकाना हक अभी तक नहीं मिला है. बिल्डर बायर्स की समस्या को हल करने के लिए नीति आयोग ने ग्रेटर नोएडा में अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू करते हुए बायर्स की रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू की थी. जिससे हजारों बायर्स को उनके प्लॉटों की रजिस्ट्री होने से मालिकाना हक मिल गया है.
दरअसल, ग्रेटर नोएडा में 96 परियोजनाओं में हजारों बायर्स की फ्लैट और रजिस्ट्री रुकी हुई है. इन परियोजनाओं पर प्राधिकरण का हजारों करोड़ रुपए बकाया है. ऐसे में फ्लैट बायर्स और बिल्डर की समस्या को हल करने के लिए प्राधिकरण ने नीति आयोग द्वारा अमिताभ कांत समिति की सिफारिश को लागू किया. जिनमें बिल्डरों पर बकाए का 25% प्राधिकरण में जमा करने के बाद प्राधिकरण ने बायर्स की रजिस्ट्री शुरू कर दी.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि बिल्डर और बायर्स के रजिस्ट्री की समस्या का समाधान करने के लिए अमिताभ कांत समिति की सिफारिश को लागू किया था. इसके बाद प्राधिकरण ने 96 बिल्डरों को प्राधिकरण के बकाए का 25% जमा करने का नोटिस जारी किया गया था. जिसमें से 35 बिल्डर द्वारा प्राधिकरण की बकाया राशि का 25% जमा कर दिया गया है.
वहीं, 11 बिल्डरों के द्वारा प्राधिकरण की बकाया पूर्व धनराशि का भुगतान प्राधिकरण में कर दिया है. इस प्रकार कुल 46 बिल्डरों के द्वारा जमा की गई धनराशि के चलते प्राधिकरण ने 11,140 यूनिट्स की रजिस्ट्री करने के लिए ओसी जारी कर दिया है. जिसमे से 2322 यूनिट्स की रजिस्ट्री प्राधिकरण के द्वारा कर दी गई है.
सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि अन्य बची हुई यूनिट्स की रजिस्ट्री प्राधिकरण द्वारा कैंप लगाकर की जा रही है. जल्द ही सभी यूनिट्स की रजिस्ट्री दी जाएगी. इसके साथ ही बचे हुए कुछ अन्य बिल्डरों ने प्राधिकरण से बकाया राशि जमा करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की है. इन यूनिट की रजिस्ट्री करने के लिए प्राधिकरण के द्वारा रविवार को विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं. जिनमें अधिक से अधिक बायर्स को इसका लाभ जल्द मिल सके.