रांचीः झारखंड एटीएस की टीम तमाम संगठित आपराधिक गिरोहों की संपत्ति का ब्योरा जुटा रही है. जिसके बाद गैंगस्टर के करीबी और परिवार वालों की मुसीबत बढ़ने वाली है. दरअसल, झारखंड में संगठित आपराधिक गिरोह के मुखिया और उनके गुर्गों ने खौफ के बल पर अनैतिक रूप से पैसे की उगाही की है. अपराधियों के पैसे उनके करीबी और परिवार वालों ने विभिन्न तरह के बिजनेस में निवेश कर रखा है. अब ऐसे लोगों को चिन्हित कर एटीएस कार्रवाई करेगी.
निवेश की जानकारी जुटा रही एटीएस
झारखंड में संगठित आपराधिक गिरोह गैंग के लीडर्स के द्वारा की गई काली कमाई का निवेश करने वाले उनके करीबी दोस्त, बिजनेस पार्टनर और परिवार वाले एटीएस के रडार पर हैं. जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि झारखंड में सक्रिय संगठित अपराधी गिरोह के द्वारा खौफ के बल पर की गई काली कमाई को विभिन्न माध्यमों से कई तरह के बिजनेस में लगाया गया है. झारखंड और झारखंड के बाहर कई ऐसे सफेदपोश भी हैं जो अपराधियों की काली कमाई के जरिए कारोबार कर रहे हैं.
सूची में बिल्डर और कई बिजनसमैन के नाम
ऐसे लोगों की सूची में बिल्डर से लेकर दूसरे तरह का धंधा करने वाले लोग भी शामिल हैं. अपराधियों के परिवार वाले के साथ-साथ उनके दोस्त भी काली कमाई का हिस्सेदार बन उसे बिजनेस में लगाकर उसका मुनाफा अपराधियों तक पहुंचा रहे हैं. ऐसे तमाम लोगों पर झारखंड एटीएस की नजर है. एटीएस की टीम ऐसे लोगों की लिस्ट बना रही है जो लोग झारखंड के संगठित आपराधिक गिरोह के साथ जुड़कर पर्दे के पीछे काम कर रहे हैं.
एटीएस ने की नोटिस भेजने की तैयारी
झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने बताया कि अपराधियों की काली कमाई का निवेश करने वाले लोगों की सूची बनाई जा रही है. अपराधियों के पैसे से जो संपत्ति खरीदी गई है उसका ब्योरा भी जुटाया जा रहा है. संपत्ति का विवरण जुटाने के बाद वैसे तमाम लोगों को नोटिस भेजा जाएगा.
नोटिस मिलने के बाद चाहे गैंगस्टर के परिवार वाले हो या फिर उनके नजदीकी दोस्त या फिर बिजनेसमैन उन सब को खरीदी गई संपत्ति और किए गए निवेश को लेकर पुख्ता सबूत देने होंगे. अगर वह ऐसा नहीं कर पाते हैं तो नए कानून के हिसाब से तीन साल की सजा तो होगी ही. साथ ही सारी संपत्ति भी जब्त कर ली जाएगी.
नए आपराधिक कानून से पुलिस को मदद
झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने बताया कि नए आपराधिक कानून में बीएनएस की सेक्शन 111 के सब सेक्शन छह में यह प्रावधान है कि अगर कोई ऑर्गेनाइजेशन क्राइम के के पैसे से किसी दूसरे के नाम पर भी प्रॉपर्टी खरीदता है तो उसमें पुलिस संबंधित शख्स को नोटिस दे सकती है.
जिस व्यक्ति को यह नोटिस जाएगा उसे यह प्रूफ करना होगा कि उनकी संपत्ति में किसी भी तरह के ऑर्गेनाइज्ड क्राइम के द्वारा कमाए गए पैसों का इस्तेमाल नहीं किया गया है. अगर नोटिस मिलने वाले व्यक्ति के द्वारा यह प्रूफ नहीं किया गया तो उसकी संपत्ति को तो अटैच किया ही जाएगा. साथ इसमें 3 साल की सजा का भी प्रावधान है.
ये भी पढ़ें-
बिहार पहुंची झारखंड एटीएस की टीम, पांडेय गिरोह का है पटना स्टेशन से बरामद 50 लाख कैश - Jharkhand ATS