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मानव वन्यजीव संघर्ष में घायलों को आयुष्मान कार्ड से मिलेगा निशुल्क इलाज, कैबिनेट बैठक में हुआ फैसला

मानव वन्यजीव संघर्ष में घायलों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ आयुष्मान कार्ड से निशुल्क इलाज मिलेगा. ये फैसला कैबिनेट बैठक में लिया गया है.

Uttarakhand Forest Department
उत्तराखंड वन विभाग (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

देहरादून: उत्तराखंड में आए दिन मानव वन्य जीव संघर्ष के मामले सामने आते रहते हैं. ऐसे में उत्तराखंड सरकार की ओर से अभी तक घायल व्यक्तियों को आयुष्मान कार्ड के जरिए निशुल्क उपचार या फिर आर्थिक सहायता दी जा रही थी, लेकिन अब उत्तराखंड सरकार ने निर्णय लिया है कि मानव वन्य जीव संघर्ष में घायल व्यक्ति को ना सिर्फ आर्थिक सहायता दी जाएगी, बल्कि आयुष्मान कार्ड के जरिए निशुल्क उपचार की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. हालांकि मानव वन्य जीव संघर्ष मामले में घायल या मृत व्यक्ति के परिजनों को सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है.

मुख्यमंत्री सचिव शैलेश बगौली ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में "उत्तराखंड मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली" में किए गए संशोधन को मंजूरी दे दी गई है. उन्होंने कहा कि इस संशोधन के तहत अब मानव वन्य जीव संघर्ष मामले में घायलों को आयुष्मान कार्ड से इलाज के साथ ही आर्थिक सहायता भी दी जाएगी. साथ ही नियमावली में संशोधन किया गया है कि पालतू जानवरों के मारे जाने की स्थिति में वन रक्षक और ग्राम प्रधान के प्रमाणपत्र के आधार पर पशुपालक को मुआवजे का लाभ मिलेगा.

मुख्यमंत्री सचिव शैलेश बगौली ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने दो करोड़ रुपए फंड के साथ उत्तराखंड मानव वन्य जीव संघर्ष निवारण निधि को तैयार किया था. इस निधि के संचालन के लिए वन विभाग ने संचालन नियमावली तैयार की है. इस संचालन नियमावली पर धामी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. इस नियमावली में इस बात की जानकारी दी गई है कि उत्तराखंड मानव वन्य जीव संघर्ष निवारण निधि का संचालन किस तरह से किया जाएगा. निधि का वितरण और रखाव कैसे होगा, निधि व्यय की अनुबंधिता क्या होगी और इसके ब्याज का किस तरह से उपयोग किया जाएगा.

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मुख्यमंत्री सचिव शैलेश बगौली ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में "उत्तराखंड मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली" में किए गए संशोधन को मंजूरी दे दी गई है. उन्होंने कहा कि इस संशोधन के तहत अब मानव वन्य जीव संघर्ष मामले में घायलों को आयुष्मान कार्ड से इलाज के साथ ही आर्थिक सहायता भी दी जाएगी. साथ ही नियमावली में संशोधन किया गया है कि पालतू जानवरों के मारे जाने की स्थिति में वन रक्षक और ग्राम प्रधान के प्रमाणपत्र के आधार पर पशुपालक को मुआवजे का लाभ मिलेगा.

मुख्यमंत्री सचिव शैलेश बगौली ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने दो करोड़ रुपए फंड के साथ उत्तराखंड मानव वन्य जीव संघर्ष निवारण निधि को तैयार किया था. इस निधि के संचालन के लिए वन विभाग ने संचालन नियमावली तैयार की है. इस संचालन नियमावली पर धामी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. इस नियमावली में इस बात की जानकारी दी गई है कि उत्तराखंड मानव वन्य जीव संघर्ष निवारण निधि का संचालन किस तरह से किया जाएगा. निधि का वितरण और रखाव कैसे होगा, निधि व्यय की अनुबंधिता क्या होगी और इसके ब्याज का किस तरह से उपयोग किया जाएगा.

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