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जनता के सुझावों से दलों ने तैयार किया चुनाव घोषणा पत्र, उत्तराखंड के ये ज्वलंत मुद्दे हो सकते हैं शामिल - Lok Sabha Elections 2024

Election manifesto of political parties under Lok Sabha elections 2024 लोकसभा चुनाव 2024 के तहत राजनीतिक दल जल्द ही अपने चुनावी घोषणा पत्र जारी करेंगे. कांग्रेस का घोषणा पत्र तैयार हो चुका है और सीडब्ल्यूसी ने अपनी मुहर भी लगा दी है. जबकि भाजपा घोषणा पत्र को संकल्प पत्र के रूप में जारी करेगी.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 23, 2024, 7:37 PM IST

Updated : Mar 23, 2024, 8:41 PM IST

जनता के सुझावों से दलों ने तैयार किया चुनाव घोषणा पत्र.

देहरादूनः लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां देशभर में देखी जा रही है. भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जारी की तिथियां के अनुसार 19 अप्रैल को पहले चरण में उत्तराखंड समेत तमाम राज्यों में मतदान कराया जाएगा. लिहाजा, उससे पहले ही राजनीतिक पार्टियां अपना चुनावी घोषणा पत्र भी जारी करेंगे. राजनीतिकों दलों ने चुनावी घोषणा पत्र तैयार करने की तैयारी शुरू कर दी है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने जनता से मिले सुझाव के अनुसार ही घोषणा पत्र तैयार कर रहे हैं.

चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा जारी किए जाने वाले चुनावी घोषणा पत्र उस पार्टी के अगले 5 सालों के कामों और विचारधारा को दर्शाते हैं. इसी घोषणा पत्र के आधार पर पार्टियां चुनावी मैदान में उतरती हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टियों की ओर से जारी किए जाने वाले घोषणा पत्र को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है. लेकिन उस घोषणा पत्र में राज्यों की परिस्थितियों को लेकर भी प्रदेश संगठनों से सुझाव लिए जाते हैं. इसी क्रम में उत्तराखंड के भाजपा और कांग्रेस संगठन ने जनता से सुझाव लेकर तमाम बिंदुओं को तैयार कर राष्ट्रीय नेतृत्व को भेजा है. आशंका जताई जा रही है कि पार्टियों के घोषणा पत्र में उत्तराखंड के लिहाज से ये निम्न घोषणाएं हो सकती है.

ग्रीन बोनस: उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते प्रदेश सीमित संसाधनों में सिमटा हुआ है. यही वजह है कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना सरकारों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी रही है. प्रदेश के तमाम ज्वलंत मुद्दों की बात करें तो राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखंड ग्रीन बोनस की मांग करता रहा है. ऐसे में घोषणा पत्र में पार्टियां हिमालय राज्यों को ग्रीन बोनस देने की घोषणा कर सकती है.

रोजगार और जातिगत जनगणना: उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में रोजगार उपलब्ध कराना सरकारों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी रहती है. ऐसे में सरकारें स्वरोजगार पर जोर देती रही हैं. ताकि युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा सके. ऐसे में घोषणा पत्र में बढ़ती बेरोजगारी पर लगाम लगाने और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराए जाने संबंधित मुद्दों पर जोर दे सकती है. प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों को बढ़ाने के साथ ही महिलाओं को सशक्त और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए तमाम पहलुओं को भी शामिल किया जा सकता है. इसके अलावा कांग्रेस जातिगत जनगणना पर भी जोर दे रही है जिसे अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करेगी.

रोड और नेटवर्क कनेक्टिविटी: देश की आजादी और उत्तराखंड राज्य गठन के बाद भी प्रदेश के तमाम ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं, जहां ना तो मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी है और ना ही सड़क कनेक्टिविटी. इस कारण आज भी तमाम गांव आजादी के पहले जैसी स्थिति में ही जीवन व्यतीत कर रहे हैं. ऐसे में प्रदेश के दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करने के साथ ही सीमांत गांव को और अधिक मजबूत और पुनर्जीवित किए जाने संबंधित तमाम पहलुओं पर भी राजनीतिक पार्टियां फोकस कर सकती है.

राज्य के ज्वलंत मुद्दे होंगे शामिल: उत्तराखंड की दोनों मुख्य पार्टियां भाजपा और कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र को लेकर जो तमाम सुझाव राष्ट्रीय नेतृत्व को दिए हैं. वह सुझाव प्रदेश की जानकारी और आम जनता से लेकर दिए गए हैं. ऐसे में राजनीतिक दलों से मिली जानकारी के अनुसार चुनावी घोषणा पत्र में देश के ज्वलंत मुद्दों को समाहित करने के साथ ही राज्यों के भी जो तमाम ज्वलंत मुद्दे हैं, उनको शामिल किया जाएगा. लिहाजा, प्रदेश के तमाम वर्गों से सुझाव लेते हुए प्रस्ताव को राष्ट्रीय आलाकमान को भेजा गया है.

भाजपा करेगी संकल्प पत्र जारी: भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र भसीन का कहना है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा जो घोषणा पत्र तैयार कर रही है, उसमें देश की परिस्थियों को समाहित किया गया है. केंद्र सरकार अलग-अलग क्षेत्र की परिस्थितियों के आधार पर नीतियां बनाकर उनका विकास करती है. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा का जो संकल्प पत्र जारी होने वाला है, उसमें देश भर के लोगों से सुझाव मांगे गए थे. ऐसे में भाजपा के इस संकल्प पत्र में 'सबका साथ सबका विकास' की अवधारणा के साथ भाजपा अपने विजन को जनता के बीच रखेगी. मुख्य रूप से भाजपा के संकल्प पत्र में गरीब, किसान, महिला और युवा वर्ग को विशेष तवज्जो दिया जाएगा.

कांग्रेस का घोषणा पत्र: कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने बताया कि लोकसभा चुनाव 2024 का घोषणा पत्र तैयार करने के लिए कांग्रेस ने जो कमेटी का गठन किया था, उसने देश के सभी राज्यों का दौरा किया. उत्तराखंड में भी जनता और बुद्धिजीवों से सुझाव लेने के लिए बड़े स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इसमें मिलने वाले सुझाव को कमेटी ने राष्ट्रीय नेतृत्व को सौंप दिया है. कांग्रेस का मेनिफेस्टो तैयार हो गया है. कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने मुहर भी लगा दी है. साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अधिकृत कर दिया है. लिहाजा, जल्द ही कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र जारी होगा.

ये भी पढ़ेंः लोकसभा चुनाव: एक करोड़ लोगों के सुझाव से तैयार होगा BJP का घोषणा पत्र, 20 मार्च तक चलेगी प्रक्रिया

जनता के सुझावों से दलों ने तैयार किया चुनाव घोषणा पत्र.

देहरादूनः लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां देशभर में देखी जा रही है. भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जारी की तिथियां के अनुसार 19 अप्रैल को पहले चरण में उत्तराखंड समेत तमाम राज्यों में मतदान कराया जाएगा. लिहाजा, उससे पहले ही राजनीतिक पार्टियां अपना चुनावी घोषणा पत्र भी जारी करेंगे. राजनीतिकों दलों ने चुनावी घोषणा पत्र तैयार करने की तैयारी शुरू कर दी है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने जनता से मिले सुझाव के अनुसार ही घोषणा पत्र तैयार कर रहे हैं.

चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा जारी किए जाने वाले चुनावी घोषणा पत्र उस पार्टी के अगले 5 सालों के कामों और विचारधारा को दर्शाते हैं. इसी घोषणा पत्र के आधार पर पार्टियां चुनावी मैदान में उतरती हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टियों की ओर से जारी किए जाने वाले घोषणा पत्र को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है. लेकिन उस घोषणा पत्र में राज्यों की परिस्थितियों को लेकर भी प्रदेश संगठनों से सुझाव लिए जाते हैं. इसी क्रम में उत्तराखंड के भाजपा और कांग्रेस संगठन ने जनता से सुझाव लेकर तमाम बिंदुओं को तैयार कर राष्ट्रीय नेतृत्व को भेजा है. आशंका जताई जा रही है कि पार्टियों के घोषणा पत्र में उत्तराखंड के लिहाज से ये निम्न घोषणाएं हो सकती है.

ग्रीन बोनस: उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते प्रदेश सीमित संसाधनों में सिमटा हुआ है. यही वजह है कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना सरकारों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी रही है. प्रदेश के तमाम ज्वलंत मुद्दों की बात करें तो राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखंड ग्रीन बोनस की मांग करता रहा है. ऐसे में घोषणा पत्र में पार्टियां हिमालय राज्यों को ग्रीन बोनस देने की घोषणा कर सकती है.

रोजगार और जातिगत जनगणना: उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में रोजगार उपलब्ध कराना सरकारों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी रहती है. ऐसे में सरकारें स्वरोजगार पर जोर देती रही हैं. ताकि युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा सके. ऐसे में घोषणा पत्र में बढ़ती बेरोजगारी पर लगाम लगाने और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराए जाने संबंधित मुद्दों पर जोर दे सकती है. प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों को बढ़ाने के साथ ही महिलाओं को सशक्त और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए तमाम पहलुओं को भी शामिल किया जा सकता है. इसके अलावा कांग्रेस जातिगत जनगणना पर भी जोर दे रही है जिसे अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करेगी.

रोड और नेटवर्क कनेक्टिविटी: देश की आजादी और उत्तराखंड राज्य गठन के बाद भी प्रदेश के तमाम ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं, जहां ना तो मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी है और ना ही सड़क कनेक्टिविटी. इस कारण आज भी तमाम गांव आजादी के पहले जैसी स्थिति में ही जीवन व्यतीत कर रहे हैं. ऐसे में प्रदेश के दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करने के साथ ही सीमांत गांव को और अधिक मजबूत और पुनर्जीवित किए जाने संबंधित तमाम पहलुओं पर भी राजनीतिक पार्टियां फोकस कर सकती है.

राज्य के ज्वलंत मुद्दे होंगे शामिल: उत्तराखंड की दोनों मुख्य पार्टियां भाजपा और कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र को लेकर जो तमाम सुझाव राष्ट्रीय नेतृत्व को दिए हैं. वह सुझाव प्रदेश की जानकारी और आम जनता से लेकर दिए गए हैं. ऐसे में राजनीतिक दलों से मिली जानकारी के अनुसार चुनावी घोषणा पत्र में देश के ज्वलंत मुद्दों को समाहित करने के साथ ही राज्यों के भी जो तमाम ज्वलंत मुद्दे हैं, उनको शामिल किया जाएगा. लिहाजा, प्रदेश के तमाम वर्गों से सुझाव लेते हुए प्रस्ताव को राष्ट्रीय आलाकमान को भेजा गया है.

भाजपा करेगी संकल्प पत्र जारी: भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र भसीन का कहना है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा जो घोषणा पत्र तैयार कर रही है, उसमें देश की परिस्थियों को समाहित किया गया है. केंद्र सरकार अलग-अलग क्षेत्र की परिस्थितियों के आधार पर नीतियां बनाकर उनका विकास करती है. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा का जो संकल्प पत्र जारी होने वाला है, उसमें देश भर के लोगों से सुझाव मांगे गए थे. ऐसे में भाजपा के इस संकल्प पत्र में 'सबका साथ सबका विकास' की अवधारणा के साथ भाजपा अपने विजन को जनता के बीच रखेगी. मुख्य रूप से भाजपा के संकल्प पत्र में गरीब, किसान, महिला और युवा वर्ग को विशेष तवज्जो दिया जाएगा.

कांग्रेस का घोषणा पत्र: कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने बताया कि लोकसभा चुनाव 2024 का घोषणा पत्र तैयार करने के लिए कांग्रेस ने जो कमेटी का गठन किया था, उसने देश के सभी राज्यों का दौरा किया. उत्तराखंड में भी जनता और बुद्धिजीवों से सुझाव लेने के लिए बड़े स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इसमें मिलने वाले सुझाव को कमेटी ने राष्ट्रीय नेतृत्व को सौंप दिया है. कांग्रेस का मेनिफेस्टो तैयार हो गया है. कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने मुहर भी लगा दी है. साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अधिकृत कर दिया है. लिहाजा, जल्द ही कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र जारी होगा.

ये भी पढ़ेंः लोकसभा चुनाव: एक करोड़ लोगों के सुझाव से तैयार होगा BJP का घोषणा पत्र, 20 मार्च तक चलेगी प्रक्रिया

Last Updated : Mar 23, 2024, 8:41 PM IST
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