गाजीपुर : सांसद अफजाल अंसारी अपनी निधि को धुआंधार तरीके से ग्राम सभाओं और संस्थाओं में बांट रहे हैं, जबकि उनकी निधि में उतनी धनराशि ही नहीं है. बीते साल भर से कोई भी सांसद अब अपने पैड पर किसी तरह का ऑफ लाइन प्रस्ताव नहीं दे रहा है. कार्यों के प्रस्ताव अब ऑनलाइन e sakshi पोर्टल पर ही भेजे जा रहे हैं. इसके लिए सभी सांसदों को दिल्ली में ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है. इसके बावजूद सांसद ने अपने लेटर पैड पर लगभग 652 कार्यों के लिए प्रस्ताव जारी कर दिया.
डीआरडीए विभाग के अनुसार सांसद अफजाल अंसारी की सांसद निधि में केवल 65 लाख रुपए ही बचें हैं. आगे की धनराशि के लिए यूसी प्रमाण पत्र (Utility Certificate) डीएम ने संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLAD) को भेजा है. इस बात की पुष्टि जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की.
मीडिया से बातचीत में डीएम ने बताया कि सांसद अफजाल अंसारी की ओर से 10 से 12 दिनों में 652 कार्यों के प्रस्ताव पैड पर दिए जा चुके हैं. सभी ग्राम पंचायतों में कार्य प्रस्तावित किए गए हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि हम लोगों ने सांसद को 27 फरवरी को एक पत्र लिखा. इसमें उनको अवगत कराया गया है कि जो प्रस्ताव आए हैं, उनके सापेक्ष उनकी निधि में धन उपलब्ध नहीं हैं.
डीएम ने बताया कि वर्तमान समय में भारत सरकार ने सांसद के प्रस्ताव का पूरा सिस्टम ऑनलाइन कर दिया है. अब जितने भी प्रस्ताव आएंगे वे E साक्षी पोर्टल के माध्यम से आएंगे. ऑफलाइन प्रस्ताव मान्य नहीं हैं. सांसद को पत्र के माध्यम से ऑनलाइन प्रस्ताव देने के लिए कहा गया है.
डीएम ने कहा कि सांसद ने जो प्रस्ताव भेजे हैं, उनमें कोई भी धनराशि नहीं लिखी गई है. अभी और धनराशि आने की प्रतीक्षा है. जब धनराशि आएगी तब जिलाधिकारी द्वारा ही कार्यदायी संस्था का चयन करके कार्य कराया जाएगा. सांसद के प्रस्ताव में ग्राम पंचायत में एक स्थान से दूसरे स्थान तक की सड़क का उल्लेख है.
बता दें कि अफजाल अंसारी को हाईकोर्ट से गैंगस्टर एक्ट में सजा में जमानत मिली. बाद में सुप्रीम कोर्ट से उन्हें कंडीशनल राहत भी मिली. इसके बाद सांसदी बहाली के बाद वे समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी भी बना दिए गए हैं जबकि बसपा कोटे से वे गाजीपुर के सांसद भी हैं. वह धड़ाधड़ अपने लेटर पैड पर ग्राम प्रधानों को खुश करने की नीयत से प्रस्ताव दे रहे हैं.
इसे लेकर राजनीतिक गलियारो में चर्चा हो रही है कि चुनाव सिर पर आते ही सांसद ऐसा कर रहे हैं. गाजीपुर की जिलाधिकारी ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए सांसद के लेटर पैड पर प्रस्ताव लेकर घूमने वाले लोगों को भी संदेश देने का काम किया. बताया कि जितना पैसा फंड में था, उस पर पहले के प्रस्ताव प्रचलित हैं.
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