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UP के इस सरकारी अस्पतालों में नहीं हैं हृदय रोग विशेषज्ञ, गंभीर मरीजों का ऐसे होता है इलाज - Ghaziabad government hospitals

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 3, 2024, 9:26 PM IST

गाजियाबाद के दो सरकारी अस्पतालों- संयुक्त अस्पताल और एमएमजी अस्पताल में जनरल फिजिशियन द्वारा हार्ट संबंधित मरीजों को देखा जा रहा है. इन दोनों ही अस्पतालों में कार्डियोलॉजिस्ट नहीं हैं.

गाजियाबाद के सरकारी अस्पतालों में नहीं है हृदय रोग विशेषज्ञ
गाजियाबाद के सरकारी अस्पतालों में नहीं है हृदय रोग विशेषज्ञ (Etv Bharat)
गाजियाबाद के सरकारी अस्पतालों में नहीं है हृदय रोग विशेषज्ञ (etv bharat)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली-एनसीआर में हार्ट अटैक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. कभी जिम में एक्सरसाइज के दौरान तो कभी बैंक की लाइन में खड़े होने के दौरान अचानक हार्ट अटैक होने के कई मामले सामने आए हैं. सीने में दर्द होते ही अधिकतर लोग इसे हार्ट से संबंधित बीमारी से जोड़कर देखते हैं. वहीं, दूसरी तरफ गाजियाबाद के दो बड़े सरकारी अस्पतालों में हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं है. जनरल फिजिशियन द्वारा हृदय रोग से संबंधित मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है.

दरअसल, संजय नगर में संयुक्त अस्पताल और जीटी रोड पर एमएमजी अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट मौजूद नहीं है. कार्डियोलॉजिस्ट ना होने के चलते दोनों अस्पतालों में मरीज की ईसीजी रिपोर्ट में जब किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी आती है तो मरीज को तुरंत हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है. हालांकि, अस्पताल में सामान्य हृदय संबंधित बीमारियों के लिए दवाई उपलब्ध है.

गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अखिलेश मोहन के मुताबिक, जिले में दो बड़े चिकित्सालय संयुक्त अस्पताल और एमएमजी अस्पताल हैं. दोनों अस्पतालों में कार्डियोलॉजिस्ट नहीं है. संयुक्त अस्पताल और एमजी अस्पताल में फिजिशियन मौजूद है. जिनके द्वारा हृदय रोगियों का इलाज किया जाता है. गंभीर मरीजों को दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में रेफर किया जाता है. हालांकि, दोनों अस्पताल में हार्ट से संबंधित मरीजों के इमरजेंसी हालातों से निपटने के लिए पर्याप्त सुविधाएं मौजूद हैं. दोनों अस्पतालों में कार्डियोलॉजिस्ट के रिक्त पदों के बारे में शासन को अवगत कराया जा चुका है. जल्द दोनों अस्पतालों को कार्डियोलॉजिस्ट मिल जाएंगे.

बता दें, हार्ट संबंधित कई बीमारियां ऐसी होती है जो सिर्फ दवाई से ठीक हो जाती है. जबकि कई मरीजों को वाल्व डालने की आवश्यकता भी पड़ती है. संयुक्त और एमजी अस्पताल में सामान्य मरीजों के लिए सुविधा मौजूद है, लेकिन गंभीर मरीजों को दिल्ली रेफर करना पड़ता है.

गाजियाबाद के सरकारी अस्पतालों में नहीं है हृदय रोग विशेषज्ञ (etv bharat)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली-एनसीआर में हार्ट अटैक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. कभी जिम में एक्सरसाइज के दौरान तो कभी बैंक की लाइन में खड़े होने के दौरान अचानक हार्ट अटैक होने के कई मामले सामने आए हैं. सीने में दर्द होते ही अधिकतर लोग इसे हार्ट से संबंधित बीमारी से जोड़कर देखते हैं. वहीं, दूसरी तरफ गाजियाबाद के दो बड़े सरकारी अस्पतालों में हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं है. जनरल फिजिशियन द्वारा हृदय रोग से संबंधित मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है.

दरअसल, संजय नगर में संयुक्त अस्पताल और जीटी रोड पर एमएमजी अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट मौजूद नहीं है. कार्डियोलॉजिस्ट ना होने के चलते दोनों अस्पतालों में मरीज की ईसीजी रिपोर्ट में जब किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी आती है तो मरीज को तुरंत हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है. हालांकि, अस्पताल में सामान्य हृदय संबंधित बीमारियों के लिए दवाई उपलब्ध है.

गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अखिलेश मोहन के मुताबिक, जिले में दो बड़े चिकित्सालय संयुक्त अस्पताल और एमएमजी अस्पताल हैं. दोनों अस्पतालों में कार्डियोलॉजिस्ट नहीं है. संयुक्त अस्पताल और एमजी अस्पताल में फिजिशियन मौजूद है. जिनके द्वारा हृदय रोगियों का इलाज किया जाता है. गंभीर मरीजों को दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में रेफर किया जाता है. हालांकि, दोनों अस्पताल में हार्ट से संबंधित मरीजों के इमरजेंसी हालातों से निपटने के लिए पर्याप्त सुविधाएं मौजूद हैं. दोनों अस्पतालों में कार्डियोलॉजिस्ट के रिक्त पदों के बारे में शासन को अवगत कराया जा चुका है. जल्द दोनों अस्पतालों को कार्डियोलॉजिस्ट मिल जाएंगे.

बता दें, हार्ट संबंधित कई बीमारियां ऐसी होती है जो सिर्फ दवाई से ठीक हो जाती है. जबकि कई मरीजों को वाल्व डालने की आवश्यकता भी पड़ती है. संयुक्त और एमजी अस्पताल में सामान्य मरीजों के लिए सुविधा मौजूद है, लेकिन गंभीर मरीजों को दिल्ली रेफर करना पड़ता है.

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