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'गांव बंद' आंदोलन का दूदू में दिखा असर, दूध और सब्जियां नहीं पहुंची शहरों में - VILLAGE BANDH MOVEMENT

दूदू में किसान महापंचायत के नेतृत्व में 'गांव बंद' आंदोलन का व्यापक असर रहा. गांवों से दूध, सब्जी और फसल शहरों में नहीं पहुंची.

Village Bandh Movement
दूदू में आंदोलन के कारण बंद रही गौण सब्जी मंडी (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 29, 2025, 6:15 PM IST

जयपुर: न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे पर राजस्थान के 45 हजार 537 गांवों में बुधवार को 'गांव बंद' आंदोलन का आह्वान किया गया था. दूदू विधानसभा क्षेत्र में इस बंद का व्यापक असर दिखाई दिया. किसानों ने फल, फूल, सब्जी, दूध और अनाज जैसे उत्पाद गांव से बेचने के लिए बाहर नहीं ले जाए गए. किसानों ने नारेबाजी करते हुए फसलों की एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग की.

ग्रामीणों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी को लेकर पंजाब सीमा पर चल रहे आंदोलन का भी समर्थन किया और गांव का उत्पादन गांव में ही रहने दिया. दूदू कृषि गौण मंडी में दिनभर सन्नाटा छाया रहा. किसानों ने अपने दूध को डेयरी पर नहीं पहुंचाया तो वहीं फल, सब्जियां अनाज को भी शहरों की मंडियों में नहीं भेजा. न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने की मांग को लेकर नारेबाजी की.

किसान महासभा के दूदू क्षेत्र के अध्यक्ष बलदेव महरिया (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें: 'गांव बंद' आंदोलन 29 को, गांव में ही रहेंगे अन्नदाता, फसल, दूध व सब्जी बेचने शहर नहीं जाएंगे किसान

राष्ट्रीय किसान महासभा के दूदू विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष बलदेव महरिया ने बताया कि किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में यह आंदोलन चलाया गया. बुधवार को दूदू विधानसभा क्षेत्र में फसल, सब्जियां दूध शहरों में नहीं पहुंचाया गया. जिस व्यक्ति को सामान लेना था, वह गांव आया. दूदू विधानसभा क्षेत्र में बंद का पूरा असर दिखाई दिया. किसान सरकार से यूनतम समर्थन मूल्य की मांग कर रहा है. इसको लेकर गांव का उत्पादन गांव में ही रहा.

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार यह कह रहे हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को मिलने वाली मोदी की गारंटी है, लेकिन अभी तक जो गारंटी है, उसको विधानसभा की टेबल पर नहीं पहुंचाया गया है. यह कानून केवल अलमारी तक ही सीमित है, इसलिए सरकार को अब यह कानून को अलमारी से बाहर निकालना होगा.

जयपुर: न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे पर राजस्थान के 45 हजार 537 गांवों में बुधवार को 'गांव बंद' आंदोलन का आह्वान किया गया था. दूदू विधानसभा क्षेत्र में इस बंद का व्यापक असर दिखाई दिया. किसानों ने फल, फूल, सब्जी, दूध और अनाज जैसे उत्पाद गांव से बेचने के लिए बाहर नहीं ले जाए गए. किसानों ने नारेबाजी करते हुए फसलों की एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग की.

ग्रामीणों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी को लेकर पंजाब सीमा पर चल रहे आंदोलन का भी समर्थन किया और गांव का उत्पादन गांव में ही रहने दिया. दूदू कृषि गौण मंडी में दिनभर सन्नाटा छाया रहा. किसानों ने अपने दूध को डेयरी पर नहीं पहुंचाया तो वहीं फल, सब्जियां अनाज को भी शहरों की मंडियों में नहीं भेजा. न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने की मांग को लेकर नारेबाजी की.

किसान महासभा के दूदू क्षेत्र के अध्यक्ष बलदेव महरिया (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें: 'गांव बंद' आंदोलन 29 को, गांव में ही रहेंगे अन्नदाता, फसल, दूध व सब्जी बेचने शहर नहीं जाएंगे किसान

राष्ट्रीय किसान महासभा के दूदू विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष बलदेव महरिया ने बताया कि किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में यह आंदोलन चलाया गया. बुधवार को दूदू विधानसभा क्षेत्र में फसल, सब्जियां दूध शहरों में नहीं पहुंचाया गया. जिस व्यक्ति को सामान लेना था, वह गांव आया. दूदू विधानसभा क्षेत्र में बंद का पूरा असर दिखाई दिया. किसान सरकार से यूनतम समर्थन मूल्य की मांग कर रहा है. इसको लेकर गांव का उत्पादन गांव में ही रहा.

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार यह कह रहे हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को मिलने वाली मोदी की गारंटी है, लेकिन अभी तक जो गारंटी है, उसको विधानसभा की टेबल पर नहीं पहुंचाया गया है. यह कानून केवल अलमारी तक ही सीमित है, इसलिए सरकार को अब यह कानून को अलमारी से बाहर निकालना होगा.

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