उदयपुर: केंद्र की मोदी सरकार का आम बजट एक फरवरी को आएगा. इस बजट को लेकर यूं तो सभी वर्गों को काफी उम्मीद है, लेकिन किसान वर्ग खासी आस लगाए हुए हैं. बजट के मुद्दे पर किसानों से बात करने के लिए ईटीवी भारत की टीम उदयपुर के एकलिंगपुरा गांव पहुंची. टीम ने यहां खेत पर काम कर रहे किसानों से केन्द्रीय आम बजट को लेकर उनकी अपेक्षाओं के बारे में बातचीत की है.
ईटीवी भारत की टीम जब एकलिंगपुरा गांव में खेत पर पहुंची तो किसान खेत में कामकाज में जुटे हुए थे. खेत में प्याज, लहसुन, पत्ता गोभी और मूली की फसल थी. कुछ फसल काटकर मंडी में भेजने की तैयारी की जा रही थी. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए किसानों ने कहा कि आने वाले समय में मोदी सरकार के बजट से उन्हें काफी उम्मीद है. किसान विष्णु दांगी ने बताया कि केंद्र सरकार को किसान सम्मान निधि राशि बढ़ाना चाहिए. किसानों को मानसून में सबसे ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ता है. अतिवृष्टि होने से फसल खराब हो जाती है. ऐसे में किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाई जानी चाहिए. फसल बुवाई के दौरान उर्वरक समय पर नहीं मिल पाता. इसका भी इंतजाम किया जाना चाहिए.
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केसीसी का सरलीकरण करे सरकार: एक अन्य किसान का कहना था कि मोदी सरकार को अपने बजट में किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के नियमों का और सरलीकरण करना चाहिए. इससे फसल लोन लेने में आसानी होगी. फसल खराबी के दौरान उचित मुआवजा दिलाने की भी योजना बनाई जानी चाहिए. एक अन्य किसान ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि लोग अब धीरे-धीरे खेती से दूर भागने लगे हैं, क्योंकि दिन-रात मेहनत करने के बाद भी उन्हें इतनी कमाई भी नहीं हो पाती कि वे सालभर अपने परिवार का पेट पाल सके. ऐसे में फसलों के दाम तय होना जरूरी है.
छोटे किसानों को बड़ी परेशानी: किसानों ने बताया कि केंद्र सरकार को सीमांत और लघु किसानों पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्हें ज्यादा सुविधाएं देनी चाहिए. किसानों को फसलों के लिए अच्छी दवा उपलब्ध करवानी चाहिए. इतना ही नहीं, खाद बीज की भी दर तय करनी चाहिए. किसान ने कहा कि किसान सम्मान निधि से मिलने वाला पैसा बहुत कम है. खेत पर काम कर रही एक महिला किसान ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि हम दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन फसल की उचित कीमत नहीं मिल पाती है. उन्होंने कहा कि हम जो भी फसल या सब्जी बोते हैं, उसे कम दाम में खरीदा जाता है. जबकि आगे मंडी में उसे महंगे दामों में बेचते हैं, इसलिए सरकार सब्जी खरीदने के लिए छोटे-छोटे काउंटर तैयार करने चाहिए.