कोटा : दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग का एक बड़ा एरिया कोटा रेल मंडल से गुजरता है. यह रेलवे ट्रैक सीधा, सपाट और हाई क्वालिटी का बना है. इसे ट्रायल ट्रैक के नाम से भी जाना जाने लगा है, क्योंकि यहां पर कई नई ट्रेनों के ट्रायल किए गए हैं. पहले यहां पर वंदे भारत सेमी हाई स्पीड ट्रेन का भी ट्रायल हो चुका है. इसके अलावा कई अन्य ट्रेनों का भी 180 की स्पीड पर चलाकर ट्रायल किया जा चुका है. वर्तमान में कोटा रेल मंडल में डबल डेकर ट्रेन का ट्रायल 180 की अधितकम स्पीड पर किया जा रहा है. ये ट्रायल 12 जुलाई से शुरू हुए हैं और अभी जारी हैं. ट्रायल के तहत मंगलवार को गुडला से लाखेरी खंड पर 160 से 180 किमी प्रति घंटा से डबल डेकर ट्रेन का परीक्षण किया गया.
कोटा रेल मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य अधिकारी रोहित मालवीय ने बताया कि यह ट्रायल रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) लखनऊ व रेल मंडल कोटा के परिचालन विभाग के साथ आयोजित कर रहा है. परीक्षण में एयर सस्पेंशन, ब्रेकिंग सिस्टम, घुमाव ट्रैक पर स्पीड की जांच की जा रही है. डबल डेकर रैक का ट्रायल आरडीएसओ के संयुक्त निदेशक (परीक्षण) बीएम सिद्दीकी के निर्देशन में किया जा रहा है. इस ट्रायल में ट्रैफिक निरीक्षक अरविंद पाठक, सुशील जेठवानी व लोको निरीक्षक आरएन मीणा ने लखनऊ टीम के साथ कोआर्डिनेट किया.
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इस तरह से चला है डबल डेकर का कोटा रेल मंडल में ट्रायल
12 से 14 जुलाई के बीच 120 से 180 किलोमीटर की गति से नागदा शामगढ़ खंड पर डाउन लाइन पर परीक्षण किया गया.
- 15 जुलाई को इस रैक का ट्रायल कोटा- लबान खंड पर गुड़ला से लबान के बीच 180 किमी प्रति घंटा की गति से परीक्षण किया गया.
- 16 व 17 जुलाई को एयर सस्पेंशन स्प्रिंग को पंचर अवस्था में 60 से 105 किमी प्रति घंटा की गति से नागदा-शामगढ़ खंड पर ट्रायल किया गया.
- 21 व 22 जुलाई को 120 से 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से नागदा-शामगढ़ पर डबल डेकर रैक का सफल ट्रायल का किया गया, जिसमें रोहलखुर्द लूनी व दरा आलनिया के बीच अधिकतम 180 की स्पीड रही.
- 23 जुलाई को गुड़ला से लाखेरी खंड 160 से 180 किमी प्रति घंटा से डबल डेकर का परीक्षण किया है.