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सूर्य का मिथुन राशि में गोचर 15 जून को नव ऊर्जा में करेगा वृद्धि - Sun Transit In Gemini - SUN TRANSIT IN GEMINI

वैदिक ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है जो कि जीवन ऊर्जा, आत्मा, पिता, सफलता, विजय, नेतृत्व या प्रशानिक क्षमता व यश कारक होता है. 15 जून 2024 को सूर्य मिथुन राशि में रात्रि 00:38 पर प्रवेश करेगा. सूर्य मिथुन राशि मे 16 जुलाई 2024 तक रहेगा.

नवग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण सूर्य
नवग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण सूर्य (फोटो ईटीवी भारत GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 15, 2024, 7:04 AM IST

बीकानेर. वैदिक ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है जो कि जीवन ऊर्जा, आत्मा, पिता, सफलता, विजय, नेतृत्व या प्रशानिक क्षमता व यश कारक होता है. यह पूर्व दिशा में सोने व तांबे का स्वामी होता है. सूर्य के उच्च राशि मेष और नीच राशि तुला होती है जबकि सिंह इसकी स्वराशि होती है.

मित्र और उच्च राशि में होने से लाभ : जन्मकुंडली में अपनी राशि, मित्र राशि या उच्च राशि उपस्थित सूर्य जातक के जीवन में सफलता, ऊर्जा, प्रशासनिक पद, विजय, पिता या उच्च अधिकारियों से लाभ, मान सम्मान में वृद्धि करता है.

नीच राशि और शत्रु राशि में असर : जन्म कुंडली में सूर्य शत्रु राशि, नीच राशि या अशुभ ग्रहों से युक्त हो तो सूर्य के जातक को अहंकारी, क्रोधी, महत्वाकांक्षी, आत्म केंद्रित आदि बनाता है. दुर्बल या पीड़ित सूर्य की दशा महादशा में पिता को कष्ट, पराजय,अपयश, सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी, कार्य मे बाधा, व्यपार में असफ़लता आदि से सामना करना पड़ता है. दुर्बल सूर्य को बल देने हेतु तंत्र मंत्र यंत्र की सहायता ली जा सकती है.

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर
सूर्य का मिथुन राशि में गोचर (फाइल फोटो)

पढ़ें: कैसा बीतेगा आपका दिन, जानने के लिए पढ़ें आज का अपना राशिफल

दिखेगा असर : बीकानेर के ज्योतिर्विद आलोक व्यास के अनुसार मिथुन राशि वायु तत्व की राशि है. सूर्य का गोचर व्यापारिक व वाणिज्य संबंधी कार्यों में नव ऊर्जा का संचार करते हुए सामाजिक संपर्क में भी वृद्धि करेगा. इस गोचर से विभिन्न राशियों पर उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है.

  • मेष : नए कार्य योजना का श्रीगणेश, अल्प दूरी की यात्रा, छोटे भाई-बहन अथवा अधीनस्थ का सहयोग, संप्रेषण कार्यों में लाभ मिलेगा.
  • वृषभ: पारिवारिक आयोजन अथवा समारोह, स्थायी परिसंपत्ति निर्माण के योग, सुरुचि भोज के अवसर, नेत्र संबंधी रोग देखने को मिल सकता है.
  • मिथुन: आत्मअवलोकन अथवा आत्मचिंतन, एकांतवास, आत्म छवि में सुधार हेतु प्रयास, विचारों की अधिकता देखने को मिलेगी.
  • कर्क: व्यय में बढ़ोतरी अथवा व्यापार में हानि, लंबी दूरी यात्रा के अवसर, सुदुर प्रांत में लाभ, अस्पताल संबंधी खर्च होने के योग है.
  • सिंह: आय में बढ़ोतरी हेतु प्रयास, संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी, कार्य में उन्नति, बड़े भाई बहनों से मतभेद या उनसे संबंधित चिंता हो सकती है.
  • कन्या: कार्य क्षेत्र में अधिक ऊर्जा पिता अथवा उच्च अधिकारियों से मतभेद या उनसे संबंधित चिंता, रोजगार अथवा नौकरी में पदोन्नति हेतु विशेष प्रयास देखने को मिलेंगे.
  • तुला: उच्च अध्ययन के अवसर, धार्मिक क्रियाकलाप, गुरुजनों का आशीर्वाद, नव संस्कृति से संपर्क होगा.
  • वृश्चिक: मन में भय अथवा आशंका, नकारात्मक मानसिकता भूमिगत वस्तुओं से लाभ, तंत्र मंत्र की और रुचि बढ़ेगी.
  • धनु: जीवनसाथी अथवा मित्रों से सहयोग की अपेक्षा, विवाह अथवा सगाई की इच्छा या अवसर, नव साझेदारी की ओर रुझान देखने को मिलेगा.
  • मकर: रोग ऋण अथवा शत्रु बाधा, दैनिक क्रियाकलाप में अड़चन, तर्क वितर्क में बढ़ोतरी, निकट संबंधों में परेशानी होगी.
  • कुंभ: संतान संबंधी कार्यों में ऊर्जा, रचनात्मक कार्यों में रुझान, सट्टेबाजी की मनोवृत्ति, शेयर बाजार में लाभ होने के योग हैं.
  • मीन: गृह स्थान पर नवाचार, भूमि मकान वाहन के क्रय विक्रय के अवसर, माता संबंधी चिंता, मन में बेचैनी होगी.

बीकानेर. वैदिक ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है जो कि जीवन ऊर्जा, आत्मा, पिता, सफलता, विजय, नेतृत्व या प्रशानिक क्षमता व यश कारक होता है. यह पूर्व दिशा में सोने व तांबे का स्वामी होता है. सूर्य के उच्च राशि मेष और नीच राशि तुला होती है जबकि सिंह इसकी स्वराशि होती है.

मित्र और उच्च राशि में होने से लाभ : जन्मकुंडली में अपनी राशि, मित्र राशि या उच्च राशि उपस्थित सूर्य जातक के जीवन में सफलता, ऊर्जा, प्रशासनिक पद, विजय, पिता या उच्च अधिकारियों से लाभ, मान सम्मान में वृद्धि करता है.

नीच राशि और शत्रु राशि में असर : जन्म कुंडली में सूर्य शत्रु राशि, नीच राशि या अशुभ ग्रहों से युक्त हो तो सूर्य के जातक को अहंकारी, क्रोधी, महत्वाकांक्षी, आत्म केंद्रित आदि बनाता है. दुर्बल या पीड़ित सूर्य की दशा महादशा में पिता को कष्ट, पराजय,अपयश, सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी, कार्य मे बाधा, व्यपार में असफ़लता आदि से सामना करना पड़ता है. दुर्बल सूर्य को बल देने हेतु तंत्र मंत्र यंत्र की सहायता ली जा सकती है.

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर
सूर्य का मिथुन राशि में गोचर (फाइल फोटो)

पढ़ें: कैसा बीतेगा आपका दिन, जानने के लिए पढ़ें आज का अपना राशिफल

दिखेगा असर : बीकानेर के ज्योतिर्विद आलोक व्यास के अनुसार मिथुन राशि वायु तत्व की राशि है. सूर्य का गोचर व्यापारिक व वाणिज्य संबंधी कार्यों में नव ऊर्जा का संचार करते हुए सामाजिक संपर्क में भी वृद्धि करेगा. इस गोचर से विभिन्न राशियों पर उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है.

  • मेष : नए कार्य योजना का श्रीगणेश, अल्प दूरी की यात्रा, छोटे भाई-बहन अथवा अधीनस्थ का सहयोग, संप्रेषण कार्यों में लाभ मिलेगा.
  • वृषभ: पारिवारिक आयोजन अथवा समारोह, स्थायी परिसंपत्ति निर्माण के योग, सुरुचि भोज के अवसर, नेत्र संबंधी रोग देखने को मिल सकता है.
  • मिथुन: आत्मअवलोकन अथवा आत्मचिंतन, एकांतवास, आत्म छवि में सुधार हेतु प्रयास, विचारों की अधिकता देखने को मिलेगी.
  • कर्क: व्यय में बढ़ोतरी अथवा व्यापार में हानि, लंबी दूरी यात्रा के अवसर, सुदुर प्रांत में लाभ, अस्पताल संबंधी खर्च होने के योग है.
  • सिंह: आय में बढ़ोतरी हेतु प्रयास, संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी, कार्य में उन्नति, बड़े भाई बहनों से मतभेद या उनसे संबंधित चिंता हो सकती है.
  • कन्या: कार्य क्षेत्र में अधिक ऊर्जा पिता अथवा उच्च अधिकारियों से मतभेद या उनसे संबंधित चिंता, रोजगार अथवा नौकरी में पदोन्नति हेतु विशेष प्रयास देखने को मिलेंगे.
  • तुला: उच्च अध्ययन के अवसर, धार्मिक क्रियाकलाप, गुरुजनों का आशीर्वाद, नव संस्कृति से संपर्क होगा.
  • वृश्चिक: मन में भय अथवा आशंका, नकारात्मक मानसिकता भूमिगत वस्तुओं से लाभ, तंत्र मंत्र की और रुचि बढ़ेगी.
  • धनु: जीवनसाथी अथवा मित्रों से सहयोग की अपेक्षा, विवाह अथवा सगाई की इच्छा या अवसर, नव साझेदारी की ओर रुझान देखने को मिलेगा.
  • मकर: रोग ऋण अथवा शत्रु बाधा, दैनिक क्रियाकलाप में अड़चन, तर्क वितर्क में बढ़ोतरी, निकट संबंधों में परेशानी होगी.
  • कुंभ: संतान संबंधी कार्यों में ऊर्जा, रचनात्मक कार्यों में रुझान, सट्टेबाजी की मनोवृत्ति, शेयर बाजार में लाभ होने के योग हैं.
  • मीन: गृह स्थान पर नवाचार, भूमि मकान वाहन के क्रय विक्रय के अवसर, माता संबंधी चिंता, मन में बेचैनी होगी.
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