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हल्द्वानी की सुचित्रा जायसवाल ने लिया अंगदान का संकल्प, लोगों को कर रही हैं प्रेरित - World Organ Donation Day

World Organ Donation Day 2024 आज दुनियाभर में विश्व अंगदान दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर हम आपको ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेज को मरणोपरांत अपने देहदान करने का संकल्प लिया है.

World Organ Donation Day 2024
सुचित्रा जायसवाल ने लिया अंगदान का संकल्प (photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 13, 2024, 5:26 PM IST

हल्द्वानी की सुचित्रा जायसवाल ने लिया अंगदान का संकल्प (video-ETV Bharat)

हल्द्वानी: कहा जाता है कि आदमी को ऐसा काम करना चाहिए, ताकि उसे मरणोपरांत याद किया जाए. इसी क्रम में सुचित्रा जायसवाल ने मरणोपरांत अपना देहदान करने का संकल्प लिया है, ताकि लोग उन्हें याद कर सकें. साथ ही सुचित्रा जायसवाल अनमोल संकल्प सिद्धि फाउंडेशन के नाम से संस्था चलाकर लोगों को देहदान करने के लिए प्रेरित कर रही हैं, जिसका नतीजा है कि आज बड़ी संख्या में लोग उनकी संस्था से जुड़कर देहदान के लिए आगे आ रहे हैं.

13 अगस्त को मनाया जाता है विश्व अंग दान दिवस: बता दें कि 13 अगस्त को दुनियाभर में विश्व अंगदान दिवस मनाया जाता है. विश्व अंगदान दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को अंगदान के महत्व के बारे में जागरूक करना है. साल 1990 में अमेरिका में पहला सफल अंग प्रत्यारोपण किया गया था. सुचित्रा जायसवाल की संकल्प सिद्धि फाउंडेशन के माध्यम से 40 से अधिक लोगों ने मरणोपरांत अपने देहदान राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी को देने के लिए आवेदन किया है.

सुचित्रा जायसवाल ने देहदान का लिया संकल्प: संकल्प सिद्धि फाउंडेशन की अध्यक्ष सुचित्रा जायसवाल ने बताया कि 5 साल पहले उन्होंने अपने देह को मरणोपरांत हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज को देने का संकल्प पत्र भरा था और आज उस मुहिम को आगे बढ़ते हुए कई लोगों को इसके लिए प्रेरित कर रही हैं. उन्होंने बताया कि उनका मकसद है कि मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र मरणोपरांत उनके शरीर से मनुष्यों के अंगों की जानकारी लेकर पढ़ाई पूरी करें और अच्छा डॉक्टर बनकर लोगों को जीवन दान दें.

अंगदान महादान: सुचित्रा जायसवाल ने बताया कि नेत्रदान के लिए भी लगातार वह लोगों को प्रेरित करती आ रही हैं, जिससे मरणोपरांत लोग अपने आंखों को दूसरे को दान देकर उनकी जिंदगी में उजाला ला सकें. देहदान को सबसे बड़ा दान माना गया है. अंगदान से आप कई लोगों की जिंदगियां बचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि अंगदान को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं, जिससे लोग इसके लिए आगे नहीं आते हैं. ऐसे में उन्हें प्रेरित करने के लिए इन भ्रांतियों को दूर करना सबसे ज्यादा जरूरी है.

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हल्द्वानी की सुचित्रा जायसवाल ने लिया अंगदान का संकल्प (video-ETV Bharat)

हल्द्वानी: कहा जाता है कि आदमी को ऐसा काम करना चाहिए, ताकि उसे मरणोपरांत याद किया जाए. इसी क्रम में सुचित्रा जायसवाल ने मरणोपरांत अपना देहदान करने का संकल्प लिया है, ताकि लोग उन्हें याद कर सकें. साथ ही सुचित्रा जायसवाल अनमोल संकल्प सिद्धि फाउंडेशन के नाम से संस्था चलाकर लोगों को देहदान करने के लिए प्रेरित कर रही हैं, जिसका नतीजा है कि आज बड़ी संख्या में लोग उनकी संस्था से जुड़कर देहदान के लिए आगे आ रहे हैं.

13 अगस्त को मनाया जाता है विश्व अंग दान दिवस: बता दें कि 13 अगस्त को दुनियाभर में विश्व अंगदान दिवस मनाया जाता है. विश्व अंगदान दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को अंगदान के महत्व के बारे में जागरूक करना है. साल 1990 में अमेरिका में पहला सफल अंग प्रत्यारोपण किया गया था. सुचित्रा जायसवाल की संकल्प सिद्धि फाउंडेशन के माध्यम से 40 से अधिक लोगों ने मरणोपरांत अपने देहदान राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी को देने के लिए आवेदन किया है.

सुचित्रा जायसवाल ने देहदान का लिया संकल्प: संकल्प सिद्धि फाउंडेशन की अध्यक्ष सुचित्रा जायसवाल ने बताया कि 5 साल पहले उन्होंने अपने देह को मरणोपरांत हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज को देने का संकल्प पत्र भरा था और आज उस मुहिम को आगे बढ़ते हुए कई लोगों को इसके लिए प्रेरित कर रही हैं. उन्होंने बताया कि उनका मकसद है कि मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र मरणोपरांत उनके शरीर से मनुष्यों के अंगों की जानकारी लेकर पढ़ाई पूरी करें और अच्छा डॉक्टर बनकर लोगों को जीवन दान दें.

अंगदान महादान: सुचित्रा जायसवाल ने बताया कि नेत्रदान के लिए भी लगातार वह लोगों को प्रेरित करती आ रही हैं, जिससे मरणोपरांत लोग अपने आंखों को दूसरे को दान देकर उनकी जिंदगी में उजाला ला सकें. देहदान को सबसे बड़ा दान माना गया है. अंगदान से आप कई लोगों की जिंदगियां बचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि अंगदान को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं, जिससे लोग इसके लिए आगे नहीं आते हैं. ऐसे में उन्हें प्रेरित करने के लिए इन भ्रांतियों को दूर करना सबसे ज्यादा जरूरी है.

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