जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट में शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से नाहरगढ़ की पहाड़ियों से गत 1 सितंबर को लापता हुए राहुल की तलाश के प्रयासों की जानकारी दी गई. अदालत ने राज्य सरकार की ओर से पेश स्टेट्स रिपोर्ट पर संतोष जताते हुए मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद रखी है. जस्टिस इंद्रजीत सिंह और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश लापता युवक के पिता सुरेश चंद्र शर्मा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिए.
सुनवाई के दौरान डीसीपी राशि डोगरा और एसीपी बजरंग सिंह सहित अन्य स्थानीय पुलिस अधिकारी पेश हुए. इस दौरान पुलिस की ओर से अदालत को लापता की तलाश में उठाए गए कदमों की रोजाना के आधार पर रिपोर्ट पेश की गई. रिपोर्ट में बताया गया कि शुरूआत में करीब तीन सौ लोगों की सहायता से राहुल की तलाश की गई. वहीं, बाद में ड्रोन, डॉग स्क्वायड की भी सहायता ली गई, लेकिन उसका पता नहीं चला. मामले में गंभीरता दिखाते हुए एसआईटी का गठन भी किया गया. वहीं, वेदांता कंपनी से आए प्रशिक्षित लोगों ने भी अत्याधुनिक मशीन से उसकी तलाश की.
इसके अलावा लापता की जानकारी बताने पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया. पुलिस की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि युवक की तलाश के लिए हेलीकॉप्टर भी लगाया गया. वहीं, नाहरगढ़ की पहाड़ियों, गहरी खाइयों, पहाड़ी से नीचे की ओर जाने वाले रास्तों और आसपास के क्षेत्र में भी तलाश की गई. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि वर्तमान में सभी तकनीकी संसाधनों से संभावित पहलुओं पर जांच की जा रही है. इस पर अदालत ने तलाश जारी रखते हुए मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद तय की है. अधिवक्ता गिर्राज शर्मा ने बताया कि राहुल अपने भाई आशीष के साथ 1 सितंबर को चरण मंदिर घूमने की कहकर घर से निकला था. अगले दिन पुलिस को आशीष का शव पहाड़ियों पर मिला और राहुल अभी तक लापता चला है. वहीं, उनके पिता ने राहुल को किसी की कैद में होने का अंदेशा जताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.