जयपुर: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड अब प्रतियोगी परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट्स रोकने के लिए तकनीक का सहारा लेगा. इस बार फरवरी में होने वाली जेईएन भर्ती परीक्षा में मेन गेट पर मेटल डिटेक्टर से फ्रिस्किंग करने से लेकर एग्जाम की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग और बायोमेट्रिक सिस्टम से अटेंडेंस कराई जाएगी, ताकि परीक्षा के दौरान ही डमी कैंडिडेट को पकड़ा जा सके.
बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने कहा कि परीक्षा केंद्रों पर बायोमैट्रिक्स और सिक्योरिटी सिस्टम का नेक्सट लेवल लागू कर रहे हैं. इससे डमी कैंडिडेट्स और चीटिंग करने वालों को पकड़ना आसान होगा. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की परीक्षाओं में अब परीक्षा केंद्र में प्रवेश के दौरान ही मेटल डिटेक्टर से फ्रिस्किंग की जाएगी. साथ ही आवश्यकता पड़ने पर परीक्षाओं के दौरान भी फ्रिस्किंग की जाएगी. उन्होंने बताया कि अब बोर्ड की परीक्षाओं में बायोमैट्रिक्स, फेस स्कैन /आईरीश स्कैन से भी हर कैंडिडेट्स की जांच की जाएगी. सभी सेंटर्स में सीसीटीवी से भी रिकॉर्डिंग की जाएगी. वीडियोग्राफी भी की जाएगी.
पढ़ें: आरपीएससी: अब अभ्यर्थियों का बायोमैट्रिक सत्यापन होगा, केन्द्र सरकार ने दी अनुमति
फरवरी में लागू हो जाएगा सिस्टम: उन्होंने बताया कि फरवरी में होने वाले जूनियर इंजीनियर परीक्षाओं से ये पूरा सिस्टम लागू हो जाएगा. जेईएन परीक्षाओं में हर कक्ष में सीसीटीवी से फुल रिकॉर्डिंग भी की जाएगी. उम्मीद है परीक्षा सिस्टम में इस कदम से चीटिंग और डमी कैंडिडेट्स पर पूरी तरह से लगाम लगेगी. आपको बता दें कि बीते दिनों कर्मचारी चयन बोर्ड के सामने कुछ ऐसे प्रकरण भी सामने आए थे, जिसमें एग्जाम फॉर्म भरते समय डमी कैंडिडेट की फोटो लगाने या फिर डमी कैंडिडेट की फोटो के साथ अपनी फोटो मर्ज करा ली गई. डमी कैंडिडेट फर्जी आधार कार्ड के जरिए पर्यवेक्षकों की आंखों में धूल भी झोंकने में सफल रहे. इसे रोकने के लिए बोर्ड ने हैंडराइटिंग सैंपल लेने का प्रयोग शुरू किया. अब बायोमेट्रिक और सिक्योरिटी सिस्टम के जरिए इस पर पूरी तरह नकेल कसी जा सकेगी.